सरकार SIR पर चर्चा नहीं करने के लिए बहाने बना रही है, ताकि ‘वोट चोरी’ को छिपा सके: कांग्रेस

गौरव गोगोई ने कहा कि बीते मंगलवार से लेकर अब तक नहीं बताया गया कि एसआईआर पर चर्चा होगी या नहीं। लोकसभा अध्यक्ष द्वारा बुलाई गई बैठक के बाद भी यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि एसआईआर पर चर्चा होगी या नहीं। उन्होंने कहा कि सरकार तकनीकी कारणों का हवाला दे रही है।

सरकार SIR पर चर्चा नहीं करने के लिए बहाने बना रही है, ताकि ‘वोट चोरी’ को छिपा सके: कांग्रेस
सरकार SIR पर चर्चा नहीं करने के लिए बहाने बना रही है, ताकि ‘वोट चोरी’ को छिपा सके: कांग्रेस
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नवजीवन डेस्क

लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि मोदी सरकार मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर संसद में चर्चा के लिए तैयार नहीं है और वह तकनीकी कारणों का हवाला देकर चर्चा नहीं कराने के बहाने बना रही है ताकि ‘वोट चोरी’ को छिपा सके। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के बाद गोगोई ने यह भी कहा कि अगले सप्ताह पीएम नरेन्द्र मोदी जब विदेश से लौट आएंगे तो पहलगाम और ऑपरेशन सिंदूर के विषय पर चर्चा होगी।

कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘इस सप्ताह की शुरुआत में विपक्ष ने मांग की कि पहलगाम और ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा हो और प्रधानमंत्री जवाब दें। मंगलवार के बाद पहलगाम को लेकर हमने कोई बात नहीं रखी क्योंकि हमें पता था कि इस सप्ताह इस पर चर्चा नहीं हो सकती क्योंकि प्रधानमंत्री को विदेश जाना है।’ हम मांग कर रहे थे कि बिहार एसआईआर पर सदन में चर्चा हो, लेकिन सरकार को साफ़ नहीं है कि इस मुद्दे पर सदन में चर्चा होगी या नहीं। वे तकनीकी कारणों की आड़ में छिप रहे हैं। वे बहाना बना रहे हैं कि चुनावी प्रक्रिया चल रही है और चुनाव आयोग द्वारा संचालित की जा रही है, तो सवालों का जवाब कौन देगा? मैं उन्हें बताना चाहता हूँ कि संविधान हर चीज़ का समाधान देता है। यह सिर्फ़ सरकार की नीयत पर निर्भर करता है..."


गौरव गोगोई ने कहा, ‘‘बीते मंगलवार से लेकर अब तक नहीं बताया गया कि एसआईआर पर चर्चा होगी या नहीं। लोकसभा अध्यक्ष द्वारा बुलाई गई बैठक के बाद भी यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि एसआईआर पर चर्चा होगी या नहीं।’’ उन्होंने कहा कि सरकार तकनीकी कारणों का हवाला दे रही है।

गोगोई ने कहा, ‘‘मैं सरकार से कहना चाहता हूं कि आप बहाने मत बनाइए। आप चुनावी प्रक्रिया पर विशेष चर्चा करवाइए। कई प्रावधान हैं जिनके तहत सदन में चर्चा हो सकती है।’’ उनका कहना था कि अगर मंशा है तो चर्चा हो सकती है, लेकिन अगर ‘वोट चोरी’ करनी है और चोरी छुपानी है तो फिर तकनीकी कारणों का बहाना बनाया जा सकता है।

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