उत्तराखंड त्रासदी में लापता लोगों को नहीं खोज पाईं सरकारें, अब 136 लोगों को मृत घोषित करेंगी

हादसे के बाद अभी तक बरामद 68 शवों में से केवल 35 शवों की पहचान हो सकी है। जबकि 33 शव अभी भी अज्ञात हैं। जबकि 136 लापता लोगों को ढूंढने के लिए रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है। लेकिन कीचड़ का रुप ले चुका मलबा राहत और बचाव कार्य में सबसे बड़ी रूकावट बन रहा है।

फोटोः IANS
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नवजीवन डेस्क

उत्तराखंड के ऋषि गंगा क्षेत्र में आए बर्फीले तूफान में लापता हुए लोग अभी तक आधिकारिक तौर पर मृत नहीं माने गए हैं। हालांकि अब राज्य और केंद्र सरकार लापता लोगों को मृतकों की श्रेणी में रखने की कार्रवाई करने जा रही है। इसके लिए लापता लोगों का दोबारा से नाम, पता और पहचान हासिल किया जाएगा। उत्तराखंड में आई इस त्रासदी में कुल 204 लोग लापता हुए थे। इनमें से अभी तक 68 व्यक्तियों के शव बरामद किए जा चुके हैं, जबकि 136 व्यक्ति अभी भी लापता हैं।

उत्तराखंड सरकार में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सचिव अमित सिंह नेगी ने एक पत्र जारी करते हुए कहा कि, "उत्तराखंड के चमोली में 7 फरवरी को आई भीषण आपदा में लापता व्यक्तियों को मृत्यु प्रमाण पत्र पत्र जारी करने के लिए नियम अनुसार प्रक्रिया निर्धारित की गई है। इस प्रक्रिया के तहत जिस स्थान पर मृत्यु हुई है, उसी स्थान से मृत्यु प्रमाण पत्र वरिष्ठ अधिकारियों की जांच के उपरांत जारी किया जाएगा। घटना में कुछ शवों की पहचान के आधार पर लापता लोगों को मृत घोषित किया गया है। परंतु उत्तराखंड राज्य में घटित आपदा के दौरान जिन का शव अभी तक बरामद नहीं हुआ, ऐसे लापता लोगों को भी अब मृत घोषित किया जाएगा।"

लापता व्यक्तियों की पूरी जानकारी एकत्र की जाएगी। इसके तहत उत्तराखंड में रहने वाले स्थानीय व्यक्तियों, घटनास्थल पर काम कर रहे लोगों, दूसरे राज्यों के ऐसे लोग जो अब लापता हो चुके हैं, की पूरी जानकारी जुटाई जाएगी। वरिष्ठ अधिकारियों की संस्तुति के उपरांत लापता हुए इन लोगों को मृत घोषित कर दिया जाएगा। मृत घोषित किए गए व्यक्तियों के परिजनों को मृतक का प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा, जिसके आधार पर मुआवजा राशि का वितरण भी हो सकेगा।

इस माह की शुरुआत में उत्तराखंड में आए इस बर्फीले तूफान के बाद आई इस त्रासदी में लापता होने वालों में सबसे अधिक लोग यहां काम करने वाली ऋषि गंगा और ऋषित्वि नामक कंपनियों के कर्मचारी हैं। ऋषि गंगा कंपनी के 53 और ऋषित्वि कंपनी के 21 और ऋषित्वि कंपनी की एक अन्य सहयोगी कंपनी के 91 कर्मचारी लापता हुए थे।

वहीं हादसे के बाद अभी तक बरामद किए गए 68 शवों में से केवल 35 शवों की पहचान हो सकी है। जबकि 33 शव अभी भी अज्ञात हैं। उत्तराखंड प्रशासन विभिन्न एजेंसियों की मदद से 136 लापता लोगों को ढूंढने के लिए रेस्क्यू अभियान चला रहा है। लेकिन कीचड़ का रुप ले चुका मलबा यहां राहत और बचाव कार्य में सबसे बड़ी रूकावट बन रहा है। राहत और बचाव कार्य में लगे अधिकारियों के मुताबिक साफ किए जाने के बाद भी कीचड़ का यह मलबा वापस लौट कर आ रहा है।

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