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आटा-दाल-चावल-दही पर GST: सीतारमण की तर्कहीन सफाई पर कांग्रेस का पलटवार, 10 प्वाइंट में दिया जवाब

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि खाद्य पदार्थों पर जीएसटी दरों में वृद्धि के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बिना तर्क के दी गई सफाई पर 10 प्वाइंट में हमारा जवाब।

फोटो: Getty Images
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नवजीवन डेस्क

कांग्रेस ने दही और आटा जैसे दैनिक इस्तेमाल के उत्पादों पर 5 प्रतिशत GST लगाने के संदर्भ में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के एक बयान पर पलटवार किया है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि खाद्य पदार्थों पर जीएसटी दरों में वृद्धि के लिए वित्त मंत्री द्वारा बिना तर्क के दी गई सफाई पर 10 प्वाइंट में हमारा जवाब।

1. 'ब्रांडेड और लेबल्ड', 'प्री-पैकेज्ड और लेबल्ड' से अलग है। पहले में बड़ी कंपनियों के प्रोडक्ट्स प्रभावित होते हैं।जिनकी कीमत अधिक होती है। इनके खरीददार मध्यम एवं उच्च मध्यम वर्ग हैं। दूसरा छोटे व्यवसायों को प्रभावित करता है जिनके प्रोडक्ट के खरीददार निम्न आय वर्ग एवं गरीब हैं।

2. मीटिंग अटेंड करने वाली पश्चिम बंगाल की मंत्री ने बताया कि ये बैठक वर्चुअल थी। वित्त मंत्रियों की मुलाकात फेस-टू-फेस नहीं हुई और न ही उन्होंने व्यक्तिगत रूप से सलाह मशवरा किया।

3. पश्चिम बंगाल की मंत्री ने वित्त मंत्री के दावे के विपरीत ये भी कहा कि उन्होंने (और मीटिंग में मौजूद कुछ अन्य सदस्यों ने) फिटमेंट कमेटी की उस रिपोर्ट का विरोध किया था जिसमें जीएसटी रेट में वृद्धि की सिफारिश की गई थी।


4. शायद इसीलिए अपना रुख बदलते हुए सरकार और वित्त मंत्री अब 'सर्वसम्मति की जगह 'आम राय' शब्द का प्रयोग कर रहे हैं।

5. गरीब उपभोक्ताओं को प्री-पैकेज्ड और लेबल वाले सामान खरीदने की इच्छा क्यों नहीं रखनी चाहिए?

6. स्वच्छता से पैक किए गए सामान खरीदने की इच्छा रखने वाले लोगों को मोदी सरकार सजा क्यों देना चाहती है?

7. नई लिस्ट में श्मशानों पर भी 18% जीएसटी है!


8. मान लेते हैं कि प्री-पैकेज्ड सामानों में कुछ इनपुट टैक्स हैं। क्या उत्पादकों और विक्रेताओं की ओर से प्री-पैकेज्ड और लेबल वाले सामानों पर जीएसटी लगाने की मांग की गई थी? इसकी जानकारी नहीं है।

9. आखिर क्यों छोटे व्यवसायी, दुकानदार और उपभोक्ता - सभी स्टेकहोल्डर्स - रिवाइज्ड जीएसटी रेट के खिलाफ असंतोष व्यक्त कर रहे हैं?

10. सबसे बड़ी बात - वैसे समय में जब CPI इन्फ्लेशन 7% से अधिक है, WPI इन्फ्लेशन 15% से अधिक है, बेरोजगारी चरम पर है, रुपया सबसे निचले स्तर पर है, चालू खाते का घाटा बढ़ रहा है और दुनिया भर में महंगाई और बढ़ने की आशंका है, वैसे समय में टैक्स रेट बढ़ाना क्रूरता है।


जयराम रमेश ने एक और ट्वीट करके कहा कि आज दोपहर भी मोदी सरकार ने आवश्यक खाद्य पदार्थों पर मूल्य वृद्धि और जीएसटी दरों में चौंकाने वाली वृद्धि पर एक तत्काल बहस से इनकार कर दिया। राज्यसभा की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित हो गई।

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