गुजरात चुनाव: मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम मोदी से पूछे ये 3 बड़े सवाल, बोले- 27 सालों का हिसाब, गुजरात मांगे जवाब

गुजरात से जुड़े अहम मुद्दों को उठाते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री मोदी से कहा कि कांग्रेस को कोसने के बजाय बीजेपी के कुशासन पर बोलिए।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

गुजरात में विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं। सभी पार्टियां चुनाव प्रचार में जुटी हुई हैं। दशकों से राज्य की सत्ता पर काबिज बीजेपी मुद्दों पर बात नहीं कर रही है। खुद जनता को जवाब और हिसाब देने की बजाय वह कांग्रेस से सवाल पूछ रही है और उसके ऊपर निशाना साध रही है। ऐसे में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सत्तारूण बीजेपी और प्रधानमंत्री से तीन बड़े सवाल पूछे हैं।  

खड़गे ने ट्वीट कर कहा, “नरेंद्र मोदी जी, कांग्रेस को कोसने के बजाय बीजेपी के कुशासन पर बोलिए!

  • गुजरात के बच्चों का भविष्य क्यों बिगाड़ा?

  • क्यों कुपोषित, कम वजन वाले बच्चों में गुजरात 30 राज्यों में 29वें स्थान पर है?

  • क्यों शिशु मृत्यु दर में 19वें स्थान पर है?

27 सालों का हिसाब

गुजरात मांगे जवाब।”

कुपोषण के मामले में गुजरात से जुड़े आंकड़े क्या कहते हैं?

गुजरात सरकार द्वारा कुपोषण को रोकने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं। बावजूद इसके राज्य में कुपोषित बच्चों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि जारी है। राज्य सरकार द्वारा जारी आंकड़ों और अक्टूबर के महीने में छपी मीडिया रिपोट्स के मुताबिक, विगत 1 महीने में करीब 18,819 कुपोषित बच्चों के मामले सामने आए। बनासकांठा जिला कुपोषित बच्चों के मामले में अव्वल है। यहां करीब 1535 मामले दर्ज किए गए हैं। वहीं अहमदाबाद नगर निगम से कुपोषण के 1445 मामले दर्ज किये गए। आदिवासी बहुल जिले दोहड़, पंचमहल, वडोदरा सहित अन्य जिलों के आंकड़े भी परेशान करने वाले हैं।

कुपोषण से जुड़े आंकड़ों ने सरकार के उन दावों की धज्जियां उड़ा दी हैं, जिनमें गुजरात को मॉडल स्टेट और संवेदनशील सरकार होने के दावे किए जा रहे थे। राष्ट्रीय पोषण मिशन के तहत पिछले 3 वर्षों में केंद्र सरकार द्वारा 29976.16 लाख रुपये की राशि आवंटित की गई है। इसमें से आंगनबाड़ी सेवा योजना के तहत 99,395 लाख रुपये और पूरक पोषण कार्यक्रम के लिए 89,389.74 लाख रुपये आवंटित किए गए। वित्तीय वर्ष 2020-21 के अंत तक गुजरात सरकार के पास 14,779.16 लाख रुपये की राशि उपलब्ध होने के कारण केंद्र सरकार द्वारा कोई भी अनुदान आवंटित नहीं किया गया।

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Published: 24 Nov 2022, 12:13 PM