गुजरातः जूनागढ़ में भारी बारिश का कहर, कई गाड़ियां बहीं, लोग फंसे, मछुआरों को चेतावनी

भारी बारिश से जूनागढ़ के शकरबाग चिड़ियाघर में पानी भर गया है। यहां मौजूद जानवरों को बचाना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बन गया है। इस बीच जूनागढ़ एसपी ने लोगों से अपील की है कि अपने घरों से बहार ना निकलें।

जूनागढ़ में भारी बारिश के बाद पानी में कई भैंसें बहीं
जूनागढ़ में भारी बारिश के बाद पानी में कई भैंसें बहीं
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नवजीवन डेस्क

गुजरात के जूनागढ़ जिले में भारी बारिश से शहर में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। शहर की सड़कों और गलियों में सैलाब आ गया, जिससे कहीं इंसान बहने लगे तो कहीं भैंस पानी में बह गईं तो कहीं गाड़ियां खिलौनों की तरह बहती नजर आईं। हालात इतने बिगड़ गए हैं कि एनडीआरएफ की टीम को उतारना पड़ा है।

जूनागढ़ शहर में लगातार भारी बारिश के चलते हालत बिगड़ते जा रहे हैं। भारी बारिश से शहर की सड़कों पर सैलाब आ गया है। पानी का बहाव इतना तेज है कि इसमें कई गाड़ियां बह गईं। यही नहीं, पॉश इलाकों में अपार्टमेंट में पानी भर गया। इतना ही नहीं पानी लिफ़्ट और सीड़ियों से भी उपर की ओर आने लगा है। वहीं बाढ़ के पानी में कई जगह लोग बहते-बहते बचे। जबकि कई भैंसें पानी में बह गईं।

भारी बारिश से जूनागढ़ के शकरबाग चिड़ियाघर में पानी भर गया है। यहां मौजूद जानवरों को बचाना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बन गया है। इस बीच जूनागढ़ एसपी ने लोगों से अपील की है कि अपने घरों से बहार ना निकलें। एसपी ने कहा कि शनिवार को भारी बारिश हुई, जिससे गंभीर जलजमाव हुआ है और लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।


इस बीच भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) और भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र ने गुजरात के तट पर मछुआरों को 22 जुलाई से 26 जुलाई तक समुद्र में नहीं जाने की चेतावनी दी है। यह चेतावनी विशेष रूप से कच्छ के जखाऊ से सौराष्ट्र क्षेत्र के दीव तक फैले गुजरात तट तक के लिए है। इसके अलावा, गुजरात के 206 जलाशयों में से 43 भारी प्रवाह के कारण हाई अलर्ट पर हैं, 18 अन्य अलर्ट मोड पर हैं, और अतिरिक्त 19 जलाशयों के लिए चेतावनी जारी की गई है।

राजकोट और जूनागढ़ प्रशासन ने एनडीआरएफ और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल को हाई अलर्ट पर रखा है। राज्य में मूसलाधार बारिश ने पहले ही सप्ताह में तीन लोगों की जान ले ली है। इनमें से दो लोगों की मौत सुरेंद्रनगर जिले और एक व्यक्ति की जान राजकोट जिले में गई है। प्रभावित इलाकों से अब तक करीब 300 लोगों को बचाया जा चुका है।

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