ज्ञानवापी केसः वाराणसी कोर्ट में नई याचिका में 'वुज़ुखाना' के सर्वे की मांग, 8 सितंबर को होगी सुनवाई

वाराणसी जिला न्यायाधीश ने 21 जुलाई को एएसआई को जीपीआर, उत्खनन, डेटिंग और अन्य आधुनिक तकनीकों के जरिये ज्ञानवापी मस्जिद परिसर की वैज्ञानिक जांच करने का निर्देश दिया था, ताकि तय किया जा सके कि इसका निर्माण पूर्व में हिंदू मंदिर को तोड़कर किया गया था या नहीं।

ज्ञानवापी केस में नई याचिका दायर, 'वुज़ुखाना' के सर्वे की मांग
ज्ञानवापी केस में नई याचिका दायर, 'वुज़ुखाना' के सर्वे की मांग
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नवजीवन डेस्क

उत्तर प्रदेश के वाराणसी के ज्ञानवापी विवाद में श्रृंगार गौरी मामले की मुख्य वादी राखी सिंह ने वाराणसी जिला न्यायाधीश के समक्ष एक नया आवेदन दायर किया है, जिसमें कथित 'शिवलिंग' को छोड़कर 'वुजुखाना' (प्रक्षालन तालाब) के सर्वेक्षण की मांग की गई है। अदालत ने आवेदन पर सुनवाई के लिए 8 सितंबर की तारीख तय की है।

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) इस समय 'वुज़ुखाना' को छोड़कर मस्जिद परिसर का सर्वेक्षण कर रहा है, जिसमें कथित 'शिवलिंग' 16 मई, 2022 को अदालत द्वारा निर्देशित सर्वेक्षण के दौरान पाया गया था। वाराणसी जिला न्यायाधीश ने श्रृंगार गौरी मामले में अन्य चार वादी द्वारा दायर एक आवेदन पर 21 जुलाई को इस सर्वेक्षण का आदेश दिया था।

विश्‍व वैदिक सनातन संघ (वीवीएसएस) की संस्थापक सदस्य राखी सिंह के वकील अनुपम द्विवेदी ने कहा कि मंगलवार को अदालत के समक्ष 62 पन्नों का एक आवेदन दायर किया गया था। उन्होंने कहा, ''इस याचिका में हमने वुजुखाना के एएसआई सर्वेक्षण की मांग की है, जिसमें इसमें पाए गए शिवलिंग को भी शामिल नहीं किया गया है, ताकि संपूर्ण ज्ञानवापी परिसर के वास्तविक तथ्य सामने आ सकें।'' उन्होंने कहा कि अदालत ने आवेदन स्वीकार कर लिया है और सुनवाई की तारीख 8 सितंबर तय की है।

इससे पहले 21 जुलाई को जिला न्यायाधीश अजय कृष्ण विश्‍वेश ने एएसआई को ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर), उत्खनन, डेटिंग विधि और अन्य आधुनिक तकनीकों का उपयोग करके ज्ञानवापी मस्जिद परिसर की वैज्ञानिक जांच करने का निर्देश दिया था, ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि क्या इसका निर्माण पूर्व में हिंदू मंदिर को तोड़कर किया गया था।


17 मई, 2022, 20 मई, 2022 और 11 नवंबर, 2022 को विभिन्न अदालतों द्वारा जारी आदेशों पर अमल करते हुए 'वुज़ुखाना' क्षेत्र को छोड़कर यह सर्वेक्षण किया जाना था। एएसआई ने आदेश के मद्देनजर 24 जुलाई को सर्वेक्षण शुरू किया, लेकिन कुछ घंटों के बाद सर्वेक्षण रोक दिया गया, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने अंजुमन इंतजामिया मसाजिद (एआईएम) को राहत के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय में जाने की अनुमति दे दी।

2 अगस्त को उच्च न्यायालय ने एआईएम की याचिका खारिज कर दी, जिसके बाद एएसआई ने 4 अगस्त से सर्वेक्षण फिर से शुरू किया। 2 अगस्त को राखी सिंह ने परिसर में हिंदू मंदिर के संकेतों को संरक्षित करने के निर्देश मांगने के लिए वाराणसी जिला न्यायाधीश के समक्ष एक आवेदन दायर किया था। इस अर्जी पर भी आगे की सुनवाई 8 सितंबर को होगी।

अगस्त 2021 में पहली बार दायर किए गए श्रृंगार गौरी मामले में राखी सिंह और चार अन्य महिला वादी ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में श्रृंगार गौरी और अन्य देवताओं की नियमित पूजा की मांग कर रही हैं। इस याचिका के कारण मई 2022 में अदालत द्वारा आदेशित सर्वेक्षण हुआ, जिसमें परिसर के स्नान तालाब में एक शिवलिंग जैसी संरचना पाई गई। इस मामले को अब समान प्रकृति के सात अन्य मामलों के साथ जोड़ दिया गया है और इसकी सुनवाई वाराणसी जिला न्यायाधीश द्वारा की जा रही है।

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