हरियाणा विधानसभा: मॉनसून सत्र के अंतिम दिन भी गूंजा नूंह का मुद्दा, हिंसा के सवालों से बचती दिखी खट्टर सरकार

हरियाणा विधानसभा के मॉनसून सत्र के आखिरी दिन भी नूंह हिंसा का मुद्दा गूंजा। विपक्ष के तमाम सवालों के बावजूद खट्टर सरकार इस पर चर्चा से बचती रही, अलबत्ता विधानसभा के बाहर उसके बयानों से नीति और नीयत दोनों के संकेत नजर आए।

हरियाणा विधानसभा की फाइल फोटो
हरियाणा विधानसभा की फाइल फोटो
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धीरेंद्र अवस्थी

हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे और अंतिम दिन सरकार के न चाहने के बावजूद नूंह हिंसा का मामला फिर गूंजा। स्‍पीकर ताकीद करते रहे और मेवात के विधायकों ने सरकार पर सवाल उठाने के साथ ही नूंह का दर्द भी कह डाला।

कांग्रेस के विधायकों ने कहा कि मेवात की शांति में खलल डालकर हमारी 1000 साल की विरासत को चोट पहुंचाई गई है। वहीं, खट्टर सरकार का डबल गेम भी बाहर आ गया। एक तरफ सरकार ने सदन में नूंह हिंसा पर चर्चा नहीं होने दी दूसरी तरफ सदन के बाहर विधान सभा कैंपस में ही बड़े बयान दिए गए। इससे सरकार की नीति और नीयत साफ हो गई।  

नूंह हिंसा पर विधानसभा के मानसून सत्र में मामला सब-जुडिस होने के नाम पर चर्चा से बची मुख्‍यमंत्री मनोहर लाल सरकार पर सत्र के अंतिम दिन भी गंभीर सवाल खड़े हुए। यह सवाल शून्‍यकाल में नूंह (मेवात) से आने वाले कांग्रेस के विधायकों ने उठाए।

नूंह से कांग्रेस के विधायक आफताब अहमद ने कहा कि नूंह हिंसा में जान-माल का नुकसान हुआ है। यह नुकसान किसी एक नहीं बल्कि हिंदू और मुसलमान दोनों का हुआ है। आफताब अहमद ने कहा कि 31 जुलाई से पहले हमने स्‍वयं सरकार को आगाह किया था। इसके बावजूद हिंसा न रोक पाना सरकार की नाकामी है। अब वहां लोगों को नाजायज परेशान किया जा रहा है। मजदूरों के आशियाने उजाड़े जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सब-जुडिस होने के नाम पर सरकार चर्चा नहीं चाहती और बाहर बयान देकर कांग्रेस का नाम लिया जा रहा है।

नूंह के पुन्‍हाना से कांग्रेस विधायक इलियास अहमद ने कहा कि नूंह में कभी हिंदू-मुसलमान के बीच असंतोष नहीं रहा। उन्होंने कहा कि, "हमारी 1000 साल की विरासत थी। सबसे शांतिप्रिय इलाका था मेवात। सरकार सही जांच करवाए। जो दोषी हैं उन्‍हें गिरफ्तार किया जाए, लेकिन नाजायज किसी को परेशान न किया जाए।"

नूंह से आने वाले कांग्रेस विधायकों ने स्‍पीकर ज्ञान चंद गुप्‍ता के मामला सब-जुडिस होने के नाम पर रोकने के बावजूद मेवात पर अपनी बात कहने के साथ ही सरकार पर गंभीर सवाल भी खड़े कर दिए।  


दरअसल, सरकार नूंह का ठीकरा किसी के सिर फोड़ने के मूड में है। एक तरफ सरकार ने मैटर कोर्ट में होने के नाम पर सदन में चर्चा नहीं होने दी तो दूसरी तरफ वहीं विधानसभा परिसर में प्रेस लाउंज में गृह मंत्री अनिल विज के बयानों ने सरकार की मंशा को साफ कर दिया।

नूंह के फिरोजपुर झिरका से कांग्रेस विधायक मामन खान के पिछले बजट सत्र में किसी संदर्भ में दिए गए एक बयान के सहारे सरकार नूंह हिंसा में खुद के बुरी तरह नाकाम होने से बचने की फिराक में है। अनिल विज ने कहा कि 30 अगस्‍त को मामन खान को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। विज यहीं नहीं रुके। उन्‍होंने कहा कि मामन जहां-जहां गए वहां-वहां हिंसा हुई।

अनिल विज ने पाकिस्‍तान एंगल का भी नाम लिया, लेकिन मोनू मानेसर के सवाल पर वह एक बार फिर बचते दिखे। सरकार के पास पहले से सीआईडी इनपुट होने के बावजूद नाकामी के सवाल पर भी वह फिर इस पर सीएम से सवाल करने की बात कहने लगे। इससे साफ हो गया कि सरकार की मंशा कुछ और है।   

सीईटी (कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्‍ट) पर हंगामा 

सीईटी के मुद्दे पर भी विधानसभा काफी हंगामा हुआ। इस मुद्दे को प्रश्‍नकाल में तोशाम से कांग्रेस विधायक किरण चौधरी ने इस मसले को उठाया। किरण चौधरी ने कहा कि बीजेपी सरकार ने युवाओं को पूरी तरह से परेशान किया हुआ है। रोजगार के लिए दर-दर की ठोकर खा रहे हरियाणा के युवा सीईटी से परेशान हैं, जिसका उदाहरण है 11,22,200 युवाओं का सीईटी में एग्जाम देना। इसमें से 3,59,000 ने सीईटी को क्‍वालीफाई किया, लेकिन फाइनल एग्जाम के लिए बुलाये गए अभ्यर्थियों की संख्या रिक्तियों की संख्या से चार गुना तक सीमित कर दी गई।

किरण चौधरी ने सवाल किया कि सीईटी में ओवर-एज होने वाले युवाओं को क्‍या रिलीफ मिलेगा। मुख्‍यमंत्री ने इसका जवाब तो दिया, लेकिन इन सवालों के उत्तर नदारद थे। इसके बाद कांग्रेस के दूसरे विधायकों ने भी इस सवाल को उठाया, जिस पर काफी हंगामा भी हुआ।


कांग्रेस विधायक बीबी बत्रा ने कहा कि सब-जुडिस होने के नाम पर सीईटी पर भी सरकार सदन में चर्चा नहीं चाहती, लेकिन यह यूथ के साथ बहुत बड़ा मजाक है। वरुण चौधरी ने कहा कि युवा नौकरी के नाम पर भटक रहा है। स्‍पीकर फिर वही बात दोहराते दिखे कि सीईटी का मामला सब-जुडिस है। इस पर चर्चा नहीं हो सकती।

इस पर विपक्ष के विधायकों ने कहा कि सरकार तो सब-जुडिस के नाम पर हर मसले पर चर्चा से मना कर देती है। कांग्रेस की वरिष्‍ठ विधायक गीता भुक्‍कल और स्‍पीकर के बीच बहस भी हुई। गीता भुक्‍कल ने कहा कि लाखों युवा परेशान हैं और सरकार चर्चा के लिए तैयार नहीं है। सरकार के रवैये से नाराज कांग्रेस के विधायकों ने हंगामा भी किया।  

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