हरियाणाः कांग्रेस ने IPS अफसर के सुसाइड मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की, दलित उत्पीड़न का लगाया आरोप
सुरजेवाला ने कहा कि यह कड़वा सत्य है कि हरियाणा में पिछले 11 वर्षों में विशेषत: दलित अधिकारियों और कर्मियों को भेदभावपूर्ण तरीके से दरकिनार भी किया गया है और अपमानित भी।

कांग्रेस ने हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई. पूरण कुमार की कथित आत्महत्या के मामले में निष्पक्ष जांच किए जाने की मांग की। नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने आत्महत्या मामले की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए कहा कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाना चाहिए और किसी भी निर्दोष को नुकसान नहीं पहुंचाया जाना चाहिए।
पूर्व मुख्यमंत्री ने एक बयान में कहा, ‘‘इस घटना ने पूरे राज्य को हिलाकर रख दिया है। अगर आज इतने वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सुरक्षित नहीं हैं तो आम नागरिकों की दुर्दशा की कल्पना की जा सकती है।’’ उन्होंने कहा कि इस मामले में न्याय सुनिश्चित करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है और इतने वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की आत्महत्या एक दुखद घटना है।
वाई. पूरण कुमार (52) 2001 बैच के आईपीएस अधिकारी थे और वह मंगलवार को चंडीगढ़ स्थित अपने आवास में मृत पाए गए थे। सेक्टर 11 स्थित उनके आवास के भूतल के एक कमरे में उनका शव मिला। उनके शरीर पर गोली लगने के निशान थे। सूत्रों के अनुसार, कथित तौर पर छोड़े गए नोट में कुमार ने कई ‘वरिष्ठ अधिकारियों’ के नाम लिखे हैं और पिछले कुछ वर्षों में उन्होंने उन ‘मानसिक उत्पीड़न’ और ‘अपमान’ का विवरण दिया है जिनका उन्हें सामना करना पड़ा।
कांग्रेस सांसद कुमारी शैलजा ने कहा कि हरियाणा में एक दलित आईपीएस अधिकारी द्वारा आत्महत्या किया जाना अत्यंत दुखद, चिंताजनक और गहरी पीड़ा का विषय है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए पूरे मामले की निष्पक्ष, स्वतंत्र और उच्च स्तरीय जांच जरूरी है। शैलजा ने कहा, ‘‘यह केवल व्यक्तिगत त्रासदी नहीं, बल्कि उस संस्थागत असंवेदनशीलता और जातिगत भेदभाव की एक भयावह झलक है जो बीजेपी शासन में लगातार गहराती जा रही है।’’
कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी कहा कि हरियाणा के वरिष्ठ दलित आईपीएस अधिकारी अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) वाई. पूरण कुमार की मजबूरन आत्महत्या का मामला स्तब्ध करने वाला भी है, दुखदायी भी और हृदय विदारक भी। उन्होंने दिवंगत अधिकारी के परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की हैं।’’
सुरजेवाला ने कहा, ‘‘क्या हरियाणा की बीजेपी सरकार का तंत्र इतना कमजोर या पूर्वाग्रह से ग्रस्त है कि एक एडीजीपी रैंक के दलित आईपीएस अधिकारी को भी न सुनवाई मिलती और न न्याय? यह कड़वा सत्य है कि पिछले 11 वर्षों में विशेषत: दलित अधिकारियों और कर्मियों को भेदभावपूर्ण तरीके से दरकिनार भी किया गया है और अपमानित भी।’’
गौरतलब है कि वाई पूरण कुमार की पत्नी अमनीत पी. कुमार ने गुरुवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की ताकि कानून के अनुसार ‘सुसाइड नोट’ और उसके साथ की गई शिकायत में नामजद सभी व्यक्तियों के खिलाफ तत्काल प्राथमिकी दर्ज की जा सके।सीएम नायब सिंह सैनी गुरुवार को चंडीगढ़ के सेक्टर 24 स्थित अमनीत पी. कुमार के सरकारी आवास पर गए और शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की।
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