हरियाणा में अंतरराज्यीय बसें चलाने का फैसला, स्कूलों को दफ्तर खोलने की अनुमति

हरियाणा सरकार ने लॉकडाउन-3 में दी गई छूट का दायरा और बढ़ाते हुए अंतरराज्‍यीय परिवहन को भी खोल दिया है। प्रदेश के साथ ही दूसरे राज्‍यों को जाने वाली बसें भी चलाने का फैसला सरकार ने किया है। कंटेनमेंट जोन के बाहर आर्थिक गतिविधियां चलाने का निर्णय लिया है।

फोटो : सोशल मीडिया
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धीरेंद्र अवस्थी

हरियाणा सरकार ने यात्रियों को एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने के लिए विभिन्न रूटस को संचालित करने का निर्णय लिया है और इस संबंध में सरकार ने उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली और यूटी चंडीगढ़ को सहमति के लिए पत्र लिखा है, ताकि लोगों को आवागमन की सुविधाएं प्रदान की जा सकें।

हरियाणा के परिवहन विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नए दिशा निर्देशों के तहत अंतरराज्यीय आवागमन के लिए यात्री वाहनों और बसों को आपसी सहमति से चलाने के लिए अनुमति दी गई है। इसी के मद्देनजर, हरियाणा ने विभिन्न नियमित रूटस पर बसों को चलाने के लिए प्रस्ताव रखा है, जिसके तहत विभिन्न राज्यों के लिए हरियाणा के विभिन्न शहरों से बसों को चलाया जाएगा। इसके अलावा, इन राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों से यह भी आग्रह किया गया है कि वे हरियाणा के विभिन्न रूट्स पर चलाई जाने वाली बसों के अतिरिक्त हरियाणा में वे अपने अन्य रूट्स के संचालन का भी सुझाव भी शीघ्र दें। इन राज्यों के परिवहन विभाग को पत्र लिखकर उनकी सहमति के लिए कहा गया है। उत्तर प्रदेश के लिए फरीदाबाद से अलीगढ़ व वापसी, गुरुग्राम से अलीगढ़ व वापसी, पानीपत से बरेली वाया मुरादाबाद व वापसी और गुरुग्राम से मथुरा व वापसी के रूट्स शामिल हैं।

ऐसे ही, राजस्थान के लिए गुरुग्राम से जयपुर और वापसी, राजस्थान के लिए हिसार से अजमेर और वापसी, पंजाब के लिए करनाल से अमृतसर और वापसी, हिमाचल प्रदेश के लिए अंबाला-पंचकूला-शिमला व वापसी, उत्तराखंड के लिए अंबाला-यमुनानगर-देहरादून और वापसी, केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के लिए गुरुग्राम से चंडीगढ़ व वापसी, दिल्ली के लिए पंचकूला से दिल्ली और वापसी तथा मध्य प्रदेश के लिए ग्वालियर व वापसी के रूटों का प्रस्ताव है।

वहीं, जेल विभाग की ओर से 18 हजार कैदियों में से पिछले दिनों 6 हजार कैदियों को पैरोल दी गई थी। उन 6 हजार कैदियों का पैरोल का समय 6 सप्ताह के बाद अगले 6 सप्ताह के लिए और बढ़ा दिया गया है। सभी कैदी 12 सप्ताह के पैरोल के बाद ही वापस जेल में आएंगे। हालांकि, अभी तक कोई भी कैदी कोरोना का मरीज नहीं मिला है।


इसके अलावा हरियाणा सरकार ने आवश्यक और अपरिहार्य कार्यों के निपटान के लिए सरकारी स्कूलों को अपने प्रशासनिक कार्यालय खोलने की अनुमति देने का निर्णय लिया है। इस दौरान उन्हें कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करना होगा। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में एक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। राज्य सरकार द्वारा हरियाणा के निजी स्कूलों को अपने प्रशासनिक कार्यालय खोलने की अनुमति पहले ही दी जा चुकी है।

सरकारी स्कूलों के सभी संबंधित प्रधानाचार्यों या मुखियाओं को एक क्लर्क, एक कंप्‍यूटर ऑपरेटर, एक चपरासी या माली को स्कूल में बुलाने की अनुमति दी जाएगी। हालांकि, स्पष्ट किया गया है कि बीमार या गर्भवती महिलाओं को ड्यूटी करने के लिए नहीं बुलाया जाएगा।

राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में प्रशासनिक कार्यालय खोलने का निर्णय स्कूलों में आवश्यक और अपरिहार्य कार्यों के निपटान जैसे कि वेतन बिल तैयार करने, विद्यार्थियों को पुस्तकालय की पुस्तकें वितरित करने, बफर स्टॉक में रखी पुस्तकों का छात्रों में वितरण करने, स्कूल परिसरों के रखरखाव और साफ-सफाई जैसे कार्य करने के मकसद से लिया गया है।

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