हरियाणा सरकार ने किया कोरोना की मुफ्त  टेस्टिंग का ऐलान, लेकिन खुद ही निजी लैब के लिए तय कर दिया 4500 का रेट

हरियाणा में बीजेपी की खट्टर सरकार ने राज्य में कोरोना की टेस्टिंग मुफ्त कराने का ऐलान किया, लेकिन खुद निजी लैब के लिए इस टेस्टिंग का रेट 4500 रुपए तय कर दिया।

फोटो : सोशल मीडिया
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धीरेंद्र अवस्थी

देश पर कोरोना वायरस के मंडरा रहे बड़े खतरे के बीच हरियाणा की सरकार शायद जश्‍न के मूड में है। इसके पीछे की वजह अभी तक आए 22 पॉजिटिव मरीजों में से 15 ही रह जाना है। गुरुग्राम के 6 और 1 मरीज फरीदाबाद का स्‍वस्‍थ हो चुका है। वहीं मुख्‍यमंत्री के कोरोना पीडि़तों के मुफ्त इलाज के ऐलान के बावजूद सरकार की ओर से अधिकृत की गई तीन प्राइवेट लैब की सैंपल टेस्टिंग फीस 4500 रुपये तय की गई है, जिससे सवाल खड़े हो रहे हैं।

सरकार ने सोमवार को कोरोना वायरस से संबंधित तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठकें कीं, जिनमें कई फरमान जारी किए गए। एक सरकारी प्रवक्ता ने जानकारी दी कि कोरोना वायरस के सैंपल टेस्टिंग के लिए अधिकृत की गईं तीन लैब में गुरुग्राम के सेक्टर-34 स्थित स्ट्रैंड लाइफ साइंसेज, सेक्टर 18 स्थित एसआरएल लिमिटेड तथा गुरुग्राम के उद्योग विहार फेस-1 स्थित कोर डायग्नोस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं।

इन तीनों लैब संचालकों को हिदायत दी गई है कि वे सैंपलो के टेस्ट के लिए आईसीएमआर की ओर से निर्धारित 4500 रुपये की फीस ही लेंगे, जिसमें 1500 रुपए स्क्रीनिंग टेस्ट तथा 3000 रुपये कंफर्मेटरी टेस्ट के चार्जेज शामिल हैं। जबकि खुद मुख्‍यमंत्री ने ऐलान कर रखा है कि कोरोना के मरीजों का इलाज फ्री होगा। भले ही वह प्राइवेट अस्‍पताल में हो।

वहीं गुरुग्राम के एक और कोरोना मरीज के स्‍वस्‍थ होने के बाद सरकार के बताने के अंदाज से लगता है कि वह शायद जश्‍न के मूड में है, जो बड़े खतरे की दस्‍तक के बीच ठीक नहीं है। संसाधनों की कमी के आरोपों और दैनिक सामान की आपूर्ति के लिए बनाए गए सरकारी तंत्र की नाकामी के बाद यह और खतरनाक हो सकता है।

सरकार ने बताया है कि हरियाणा में अब 15 ही कोरोना के पॉजिटिव मरीज हैं, जबकि पहले यह संख्‍या 22 थी। स्वास्थ्य विभाग के एक प्रवक्ता ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि गुरुग्राम में पिछले 6 दिन से स्थिति नियंत्रण में है और कोई नया मामला भी नहीं आया है। आज एक और मरीज के स्वस्थ होने के बाद अब गुरुग्राम में कोरोना संक्रमित केसों की संख्या केवल 4 रह गई है।

वहीं सरकार ने चने और सरसों की फसल की खरीद की अवधि 15 अप्रैल से 30 जून, 2020 अधिसूचित की है। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने प्रदेश के उद्योग संघ के प्रतिनिधियों से आह्वान किया कि वे लॉकडाउन के दौरान अपने-अपने संस्थानों में कार्यरत श्रमिकों को जबरन अवकाश पर न भेजें।

दुष्‍यंत ने सभी ग्राम पंचायतों से अपील की है कि वे लॉकडाउन के दौरान प्रत्येक गांव स्तर पर मॉनिटरिंग कमेटी का गठन करें, जिसमें भूतपूर्व सैनिकों, सेवानिवृत्त अधिकारियों व बड़े पैमाने पर सामाजिक कार्यों में रुचि रखने वाले गांव के व्यक्तियों को शामिल करें। उन्होंने कहा कि अब गांव स्तर की ये कमेटियां ऐसे शेल्टर होम्स में सेनेटाइजेशन, साफ-सफाई व प्रवासी मजदूरों व जरूरतमंदों के लिए खाने-पीने व ठहरने की व्यवस्था का प्रबंधन व मॉनिटरिंग करेंगी। डॉक्टरों की सलाह के अनुरूप सोडियम हाईड्रोक्लोराइड के दो-तीन चक्र के छिड़क़ाव भी हर हालत में सुनिश्चित करें।

मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा ने कहा है कि प्रवासी मजदूरों की सूची तैयार कर संबंधित उपायुक्तों को सौंपी गई है तथा राज्य के जिलों के संबंधित उपायुक्त यह सुनिश्चित करें कि उनके जिलों में स्थापित किए गए राहत शिविरों में ऐसे सभी मजदूरों से संपर्क साधकर उन्हें भोजन और दवाओं सहित अन्य आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध करवाई जाएं। मुख्‍यमंत्री के निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए, सभी अंतर-जिला और अंतर-राज्य सीमाओं को पुलिस ने सील कर दिया है।

उन्होंने कहा कि सभी उपायुक्त यह भी सुनिश्चित करेंगे कि अन्य राज्यों से वापस लौट रहे हरियाणा के लोगों व मजदूरों को भी 14 दिनों के लिए क्वारंटीन में रखा जाए। वहीं सरकार ने कोविड-19 की स्थिति के मद्देनजर विभिन्न विभागों में कार्यरत ए, बी, सी और डी श्रेणी के कर्मचारियों, जो 31 मार्च, 2020 को सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं, की सेवाओं को एक महीने की अवधि के लिए बढ़ाने का निर्णय लिया है।

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