हरियाणा: BJP के साथ सरकार चला रही JJP में फिर बगावत, विधायक ने भष्टाचार पर उठाए सवाल, कहा- होगा बेड़ा गर्क
हरियाणा में सत्ता में साझीदार जेजेपी में एक बार फिर बगावत के सुर सुनाई दे रहे हैं। विधायक राम कुमार गौतम ने सीएम खट्टर और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि सीएम ईमानदार, लेकिन कुछ के इरादे ठीक नहीं है। बाहर लटके सांप से ज्यादा बिस्तर पर लेटा सांप खतरनाक है।
जननायक जनता पार्टी के सबसे वरिष्ठ विधायक और दुष्यंत चौटाला के खिलाफ बगावत का झंडा थामे राम कुमार गौतम ने एक बार फिर सरकार पर भ्रष्टाचार को लेकर हमला बोला है। उन्होंने कहा, “सरकार में शामिल बहुत लोगों के इरादे सिवाय इस काम के कुछ हैं ही नहीं। भ्रष्टाचार को अगर कंट्रोल कर ले गए तो मुख्यमंत्री कामयाब रहेंगे। साथ ही खुद ही उन्होंने मुख्यमंत्री की क्षमता पर प्रश्चचिन्ह लगाते हुए कहा कि 99.9 प्रतिशत वह भ्रष्टाचार रोक नहीं पाएंगे।
नारनौंद से बीजेपी के कद्दावर नेता और पूर्व वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यू को हराने वाले रामकुमार गौतम ने कैबिनेट में शामिल न किए जाने के बाद से ही दुष्यंत चौटाला के खिलाफ बगावत कर दी थी। 19 जनवरी को पंचकूला के रेड बिशप होटल में चल रही प्री-बजट चर्चा से बाहर निकलकर रामकुमार गौतम ने मीडिया से खुलकर बोले और सरकार के साथ बिना नाम लिए दुष्यंत चौटला पर जमकर हमला बोला।
रामकुमार गौतम ने एक तरह से कह दिया कि भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के बस की बात नहीं है। उन्होंने कहा कि 99.9 प्रतिशत मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार नहीं रोक पाएंगे। मीडिया के इस सवाल पर कि सरकार में वह कौन लोग हैं जो भ्रष्टाचार कर रहे हैं, वह बोले कि सरकार में ऐसे बहुत से लोग हैं, जिनके इरादे सिवाय इसके कुछ हैं ही नहीं।
राम कुमार गौतम ने इस सवाल पर कि चैलेंज घर के अंदर से है या बाहर से, वह बोले कि बाहर से चैलेंज नहीं हुआ करता। यह बताओ कि सांप बाहर से आए वह खतरनाक है कि बिस्तर में लेटा है वह खतरनाक है। हालांकि इस दौरान उन्होंने सीएम खट्टर को बचाते हुए गौतम बोले कि उन्हें मैं बढ़िया और ईमानदार इंसान मानता हूं। खट्टर साहब यदि भ्रष्टाचार को कंट्रोल कर गए तो वह सफल मुख्यमंत्री होंगे और यदि वह कमजोरी बरत गए तो बिल्कुल बेड़ा गर्क हो जाएगा। फिर कुछ नहीं बचेगा।
बीजेपी के भारी-भरकम नेता को हराने के बावजूद सरकार में कोई ओहदा न मिलने का रामकुमार गौतम का दर्द एक फिर छलका है। उन्होंने कहा, “मंत्रियों के पास विकास कार्यों पर सात करोड़ तक खर्च करने डिशक्रेशनरी पावर है। हमने मुख्यमंत्री से कहा कि हम भी तो चुन कर आए हैं और भारी-भरकम को हरा कर आए हैं। एमएलए हम हैं और एमएलए वह भी हैं। हमें मंत्री से आधी पावर दे दो। और थोड़ी दे दो। एमएलए को किसी तरह की कोई डिस्क्रेशनरी पावर है ही नहीं।”
इससे एक दिन पहले भी रामकुमार गौतम ने अपनी पार्टी पर खूब हमला बोला था। गौतम ने यहां तक कहा था कि हमें जनता के बीच मुंह दिखाने लायक तो छोड़ दो। हमने 5100 रुपये पेंशन देने की बात कही थी, लेकिन आप ढाई सौ रुपये बढ़ा रहे हैं। एक हजार रुपये सालाना तो पेंशन बढ़ा दो, ताकि आखिर में चुनाव तक 5100 रुपये पेंशन हो जाए। अगर इतना भी नहीं कर सकते तो कम से कम 500 रुपये ही बढ़ा दो।
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