हरियाणा: बीजेपी की सहयोगी जननायक जनता पार्टी में बगावत, पार्टी के सबसे वरिष्ठ विधायक ने छोड़ा पार्टी पद

पार्टी के सबसे वरिष्‍ठ विधायक रामकुमार गौतम ने पिछली बीजेपी सरकार के भारी भरकम मंत्री कैप्‍टन अभिमन्‍यु को नारनौंद से हरा कर बीजेपी को गंभीर चोट पहुंचाई थी। रामकुमार गौतम ने दुष्‍यंत चौटाला और कैप्‍टन अभिमन्‍यु के बीच डील होने समेत कई गंभीर लगाए हैं।

फोटो : सोशल मीडिया
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धीरेंद्र अवस्थी

हरियाणा में बीजेपी और जननायक जनता पार्टी की गठबंधन सरकार बनने के महज दो महीने के अंदर ही उप-मुख्‍यमंत्री दुष्‍यंत चौटाला की पार्टी में बगावत हो गई है। पार्टी के सबसे वरिष्‍ठ विधायक रामकुमार गौतम ने बुधवार को राष्‍ट्रीय उपाध्‍यक्ष के पद से इस्‍तीफा दे दिया। रामकुमार गौतम ने पिछली बीजेपी सरकार के भारी भरकम मंत्री कैप्‍टन अभिमन्‍यु को नारनौंद से हरा कर बीजेपी को गंभीर चोट पहुंचाई थी। रामकुमार गौतम ने नवजीवन से बातचीत में दुष्‍यंत चौटाला और कैप्‍टन अभिमन्‍यु के बीच डील होने समेत कई गंभीर लगाए हैं।

हरियाणा में मंत्रिमंडल गठन के साथ ही दुष्‍यंत की जननायक जनता पार्टी में विरोध की आग सुलगने लगी थी। जेजेपी के सबसे बुजुर्ग एमएलए और बीजेपी के कद्दावर नेता पूर्व वित्‍तमंत्री कैप्‍टन अभिमन्‍यु को हराने के कारण उनका नाम कैबिनेट मंत्री के लिए फाइनल माना जा रहा था। लेकिन जब 14 अक्‍टूबर को शपथग्रहण हुआ तो लिस्‍ट से रामकुमार गौतम का नाम गायब था। मंत्रिमंडल के लिए अंतिम समय तक चली कशमकश के पीछे पार्टी में घमासान की बात सामने आई थी, जिसकी वजह से शपथग्रहण भी तय समय से विलंब से हो पाया था।

रामकुमार गौतम के मंत्री न बन पाने के पीछे कैप्‍टन अभिमन्‍यु का विरोध बड़ी वजह के तौर पर कहा गया था। चूंकि अभिमन्‍यु को रामकुमार गौतम ने हराया था, इसलिए वह उन्‍हें कैबिनेट में नहीं देखना चाहते थे। राष्‍ट्रीय उपाध्‍यक्ष पद से इस्‍तीफा देने के बाद नवजीवन से बातचीत में रामकुमार गौतम का यही दर्द छलक पड़ा। उन्‍होंने कहा कि “हमने बीजेपी के भारी भरकम शख्‍स को हराया था। स्‍वाभाविक था कि जनता की उम्‍मीदें भी हमसे ज्‍यादा थीं।”

रामकुमार गौतम ने साफ कहा कि उनकी उपेक्षा तो कर दी गई, लेकिन जनता का क्‍या कसूर था, जो उसने हमें अपना मत देकर विजयी बनाया। नवजीवन से बातचीत में रामकुमार गौतम ने दुष्‍यंत चौटाला पर गंभीर आरोप लगाए। उन्‍होंने कहा कि उनकी उपेक्षा कैप्‍टन अभिमन्‍यू और अजय चौटाला के बीच हुई डील के तहत हुई है। दोनों आपसे में रिश्‍तेदार हैं। रामकुमार गौतम ने कहा कि अभिमन्‍यु दुष्‍यंत के मौसा लगते हैं। यदि आपस में रिश्‍तेदारी ही निभानी थी तो चुनाव के पहले डील कर लेते। उन्‍होंने कहा कि “मुझे तकलीफ है कि इसमें जनता ने क्‍या अपराध था, जो बाद में यह सब किया।” उप-मुख्‍यमंत्री दुष्‍यंत चौटाला पर और आरोप लगाते हुए रामकुमार गौतम ने कहा कि 11 महकमे उन्‍होंने अपने पास रख लिए।

देवीलाल परिवार से ही ताल्‍लुक रखने वाले डबवाली से विधायक अमित सिहाग का इस मामले में कहना है कि जननायक जनता पार्टी में कहने को तो 10 विधायक हैं, लेकिन असलियत में तो तीन विधायक ही उसके हैं। इनमें खुद दुष्‍यंत चौटाला, उनकी मां नैना चौटाला और अनूप धानक शामिल हैं। जेजेपी के टिकट से जीतने वाले अन्‍य सात विधायक तो दूसरी पार्टियों से आए हुए लोग हैं। अमित सिहाग का कहना है कि, “इस पार्टी की हालत देखिए कि अभी सरकार बने दो महीने भी नहीं हुए हैं कि विधायकों का मोह भंग होने लगा। अभी तो इनका न्‍यूनतम साझा कार्यक्रम भी नहीं बन पाया है। बिजली बिल आधा करने का इनका वादा था। बुजुर्गों की पेंशन बढ़ाने की बात थी। बेराजगारी भत्‍ता बढ़ाने की बात थी। एक भी वादा पूरा नहीं हुआ है।”

अमित सिहाग का कहना है कि यह तो विरोधाभासी सरकार है। इसके भविष्‍य पर कोई भी भविष्‍यवाणी करना ठीक नहीं है।

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