SIR का जल्दबाजी में अमल, नोटबंदी और कोविड लॉकडाउन की याद दिलाता है: कांग्रेस
कांग्रेस ने दावा किया कि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का ‘जल्दबाजी’ में किया गया क्रियान्वयन नोटबंदी और कोविड-19 लॉकडाउन की याद दिलाता है। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि बीजेपी की ‘वोट चोरी’ अब जानलेवा रूप ले चुकी है।

कांग्रेस ने विभिन्न राज्यों में बूथ स्तर के अधिकारियों (बीएलओ) की मौत को लेकर रविवार को भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा। पार्टी ने आरोप लगाया कि काम का अत्यधिक बोझ बीएलओ और मतदान अधिकारियों को आत्महत्या करने के लिए मजबूर कर रहा है।
कांग्रेस ने दावा किया कि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का ‘‘जल्दबाजी’’ में किया गया अमल नोटबंदी और कोविड-19 लॉकडाउन की याद दिलाता है। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि बीजेपी की ‘वोट चोरी’ अब जानलेवा रूप ले चुकी है।
उन्होंने ‘एक्स’ पर एक मीडिया रिपोर्ट साझा की, जिसमें दावा किया गया है कि मतदाता सूची के एसआईआर के दौरान 19 दिन में 16 बीएलओ की मौत हो चुकी है।
खड़गे ने आरोप लगाया कि काम का अत्यधिक बोझ बीएलओ और मतदान अधिकारियों को आत्महत्या करने के लिए मजबूर कर रहा है।
उन्होंने लिखा, ‘‘मेरी संवेदनाएं हर उस परिवार के साथ हैं, जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है। जमीनी हकीकत की बात करें तो मृतकों की वास्तविक संख्या बताई गई संख्या से कहीं ज्यादा है, जो बेहद चिंताजनक है। इन परिवारों को न्याय कौन दिलाएगा?’’
खड़गे ने आरोप लगाया, ‘‘बीजेपी चोरी से हासिल सत्ता की मलाई खाने में व्यस्त है और निर्वाचन आयोग मूकदर्शक बनकर तमाशा देख रहा है।’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘एसआईआर का जल्दबाजी में, अनियोजित तरीके से जबरन क्रियान्वयन नोटबंदी और कोविड-19 लॉकडाउन की याद दिलाता है।’’
कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि भाजपा की सत्ता की भूख संस्थाओं को लोगों को आत्महत्या के लिए उकसाने के लिए मजबूर कर रही है, संविधान की धज्जियां उड़ा रही है और लोकतंत्र को कमजोर कर रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘बहुत हो गया! अगर हम अब भी नहीं जागे, तो लोकतंत्र के आखिरी स्तंभों को ढहने से कोई नहीं बचा सकता। जो लोग एसआईआर और ‘वोट चोरी’ पर चुप हैं, वे इन निर्दोष बीएलओ की मौत के जिम्मेदार हैं। आवाज उठाइए, लोकतंत्र बचाइए!’’
पश्चिम बंगाल के नादिया जिले में बीएलओ के रूप में कार्यरत एक महिला शनिवार को अपने आवास पर फंदे से लटकी हुई पाई गई। पुलिस के मुताबिक, मृतका के परिजनों ने दावा किया कि वह काम को लेकर काफी तनावग्रस्त थी, जिसके चलते उसने आत्महत्या कर ली।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीएलओ की मौत पर दुख जताया और कहा कि यह अब ‘‘वास्तव में चिंताजनक’’ हो गया है।
ममता ने मृतका की ओर से छोड़ा गया कथित सुसाइड नोट भी साझा किया, जिसमें उसने निर्वाचन आयोग को अपने इस कदम के लिए कसूरवार ठहराया है। हालांकि, भाजपा के वरिष्ठ नेता राहुल सिन्हा ने दावा किया कि यह सुसाइड नोट ‘‘फर्जी’’ है।
अधिकारियों ने बताया कि मध्यप्रदेश के रायसेन और दमोह जिलों में एसआईआर के लिए मतदाता सूची के सर्वेक्षण के काम में जुटे दो बीएलओ की शुक्रवार को ‘‘बीमारी’’ के कारण मौत हो गई।
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