महामारी रोकने में विशेषज्ञों से नहीं लिए गए सुझाव, देश में शुरू हो चुका है कोरोना का कम्युनिटी ट्रांसमिशन: हेल्थ एक्सपर्ट्स

भारत ने कोरोना के केसों में जर्मनी और फ्रांस दोनों को पीछे छोड़ दिया। कोरोना के सबसे ज्यादा मामले लॉकडाउन-4 के दौरान आए हैं। अब खबरें आ रही हैं कि देश में कोरोना का कम्युनिटी ट्रांसमिशन शुरू हो गया है।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

देश में कोरोना के मामले बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं। भारत कोरोना संक्रमण के मामले में एशिया में नंबर एक पर है तो विश्व में 7 वें नंबर आ गया है। संक्रमितों की संख्या 2 लाख के करीब पहुंच गया है। पिछले एक ही दिन में भारत ने कोरोना के केसों में जर्मनी और फ्रांस दोनों को पीछे छोड़ दिया। कोरोना के सबसे ज्यादा मामले लॉकडाउन-4 के दौरान आए हैं। अब खबरें आ रही हैं कि देश में कोरोना का कम्युनिटी ट्रांसमिशन शुरू हो गया है।

कई रिपोर्ट्स में कहा गया कि भारत में चौथे फेज के दौरान ही कम्युनिटी ट्रांसमिशन के मामले शुरू हो गए थे। हालांकि, अब तक आधिकारीक तौर पर इस बारे में कुछ नहीं कहा गया है। लेकिन हेल्थ एक्सपर्ट्स की एक टीम का दावा है कि देश के कुछ हिस्सों में कम्युनिटी ट्रांसमिशन तेजी से फैल रहा है।


इस एक्सर्ट्स की टीम में ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (AIIMS) के हेल्थ एक्सपर्ट्स और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के दो रिसर्चर्स शामिल हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में कुछ बड़े वर्गों और अलग-अलग इलाकों में रहने वाली जनसंख्या (सब-पॉपुलेशन) में फैलना शुरू हो गया। एक्सपर्ट्स ने दावा किया कि इस महामारी के खिलाफ कदम उठाने पर महामारी विशेषज्ञों की (एपिडेमियोलॉजिस्ट) की राय नहीं ली गई।

इस रिपोर्ट को सामने लाने वाली टीम में एम्स और आईसीएमआर के एक्सपर्ट्स के अलावा इंडियन पब्लिक हेल्थ एसोसिएशन, (IPHA), इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्रिवेंटिव एंड सोशल मेडिसिन, (IAPSM) और इंडियन एसोसिएशन ऑफ एपिडेमियोलॉजिस्ट (IAE) के एक्स्पर्ट्स भी शामिल हैं। जनसत्ता की खबर के मुताबिक इस रिपोर्ट को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपा जा चुका है।


रिपोर्ट में वैज्ञानिकों ने कहा है कि इस समय यह मानना काफी मुश्किल है कि कोरोना वायरस महामारी को इस स्टेज में ही खत्म किया जा सकता है। खासकर तब जब कम्युनिटी ट्रांसमिशन अलग-अलग क्षेत्र में आबादियों में फैल चुका है। देश में लगे कड़े लॉकडाउन का एक फायदा यह हुआ कि इससे कोरोना के फैलने का समय बढ़ गया, जिससे इसके कर्व को फ्लैट किया जा सके और हेल्थकेयर सिस्टम पर अचानक ज्यादा बोझ न पड़े। 16 सदस्यी कोविड टास्क फोर्स में IAPSM के पूर्व अध्यक्ष डॉक्टर शशिकांत और एम्स के हेड ऑफ कम्युनिटी मेडिसिन डॉक्टर संजय के भी शामिल हैं।

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Published: 01 Jun 2020, 6:15 PM
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