सदन में स्वास्थ्य मंत्री बोले- कोरोना महामारी खत्म नहीं हुई, कई देशों में बढ़े हैं मामले, सावधान रहने की है जरूरत

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि पिछले कई दिनों से दुनिया के कई देशों में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि दर्ज की जा रही है, लेकिन पिछले 1 साल से भारत के कोविड-19 में सतत कमी दर्ज होती दिख रही है।

फोटो: संसद टीवी
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नवजीवन डेस्क

कोरोना वैश्विक महामारी अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुई है। अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर विदेश से आने वाले हवाई यात्रियों की 2 प्रतिशत कोविड-19 आरटीपीसीआर रेंडम सैंपलिंग ली जा रही है। हमें कोविड-19 वैक्सीन का प्रिकॉशन डोज लगाकर, कोविड- प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सतर्क रहना चाहिए। गुरुवार को सदन में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने यह बातें कही। उन्होंने कहा कि मैं सदन के सभी सदस्यों से इन प्रयासों में सहयोग चाहता हूं।

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि पिछले कई दिनों से दुनिया के कई देशों में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि दर्ज की जा रही है, लेकिन पिछले 1 साल से भारत के कोविड-19 में सतत कमी दर्ज होती दिख रही है। वर्तमान में प्रत्येक दिन औसतन 153 नए कोविड केस देश में दर्ज हो रहे हैं। वहीं दूसरी ओर दुनिया में प्रतिदिन 5.87 लाख कोविड-19 केस दर्ज हो रहे हैं।

उन्होंने कहा कि जापान, साउथ कोरिया, अमेरिका, फ्रांस, ग्रीस, इटली जैसे देशों में कोविड-19 के केसों में और कोविड से मृत्यु की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है। पिछले कुछ दिनों में चीन से भी कोविड-19 के नए केस और कोविड-19 से होने वाली मृत्यु की खबरें आ रही हैं। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग ने शुरू से ही कोविड-19 महामारी का मैनेजमेंट किया है जिसके अच्छे परिणाम भी हमें मिले हैं।


स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों ने मिलकर अभी तक 220.2 करोड़ कोविड-19 वैक्सीन के टीके लगाकर कीर्तिमान रचा है। इसमें पात्रता वाली 90 फीसदी आबादी को दोनों टीके लग चुके हैं और 22.35 करोड़ आबादी को प्रिकॉशन डोज भी दिया जा चुका है। विश्व में बढ़ रहे कोरोना के मामलों को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय वैश्विक स्थिति पर नजर रख रहा है। कोविड-19 के बदलते वैरीएंट से सार्वजनिक स्वास्थ्य के सामने जो चुनौतियां पैदा हो रही है उस पर सरकार सतत कदम उठा रही है।

राज्यों को स्थानीय स्तर पर सामुदायिक निगरानी बढ़ाने के लिए और कोविड को नियंत्रित करने के लिए सलाह दी जा रही है। राज्यों को जिनोम सीक्वेंसिंग बढ़ाकर सभी केसों का जिनोम सीक्वेंसिंग करने की सलाह दी गई है जिससे अगर देश में कोई नया वेरिएंट आता है तो समय से उनकी पहचान कर, सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए कदम उठाया जा सके।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के मुताबिक, आने वाले त्योहारों और नए साल को ध्यान में रखते हुए राज्यों को सतर्क रहकर लोगों का मास्क पहनना, हैंड सैनिटाइज करना, रेस्पिरेट्री हाइजीन का ध्यान रखना और सामाजिक दूरी बनाए रखने की जागरूकता लानी चाहिए। राज्यों को कोविड-19 की प्रिकॉशन डोज बढ़ाने पर और लोगों को प्रिकॉशन डोज की अहमियत के प्रति जागरूकता लाने का भी काम करना चाहिए।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोविड-19 महामारी आज तक दुनिया के स्वास्थ्य और आजीविका को प्रभावित कर रही है। बीते 3 वर्षों के दौरान कोरोना के बदलते वैरिएंट ने वैश्विक स्वास्थ्य के लिए एक खतरा पैदा कर दिया है, जिसने लगभग हर देश को प्रभावित किया है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि तकनीकी सहायता के अलावा भारत सरकार ने नेशनल हेल्थ मिशन, राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष, इमरजेंसी कोविड-19 रिस्पांस पैकेज और आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्च र मिशन से राज्यों को वित्तीय सहायता प्रदान करके राज्यों को कोविड-19 से लड़ने में लगातार सहायता प्रदान की है।

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