चंडीगढ़ मेयर चुनाव में 'धांधली' पर SC में सुनवाई आज, मेयर का इस्तीफा, AAP के 3 पार्षद BJP में शामिल, नंबर गेम बदला

आम आदमी पार्टी के तीन पार्षदों ने रविवार को बीजेपी का दामन थाम लिया। इन तीन पार्षदों में नेहा मुसावट, गुरचरण काला और पूनम देवी शामिल हैं।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

चंडीगढ़ मेयर चुनाव में हुई कथित धंधली के आरोपों की आज फिर सुप्रीम कोर्ट में फिर सुनवाई होगी। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और बीजोपी पर धांधली कर चुनाव जीतने का आरोप लगाया था। आज कोर्ट में इस मामले की होने वाली सुनवाई से पहले चंडीगढ़ के नवनियुक्त मेयर मनोज सोनकर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।

AAP के 3 पर्षद बीजेपी में शामिल

उधर, आम आदमी पार्टी के तीन पार्षदों ने रविवार को बीजेपी का दामन थाम लिया। इन तीन पार्षदों में  नेहा मुसावट, गुरचरण काला और पूनम देवी शामिल हैं। इन तीम पार्षदों के पाला बदलने से चंडीगढ़ मेयर चुनाव का पूरा नंबर गेम भी बदल गया है। आम आदमी पार्टी के तीन पार्षदों के आने से बीजेपी के पार्षदों की संख्या बढ़कर 17 हो गई है। साथ ही बीजेपी के पास एक सांसद का वोट (चंडीगढ़ से भाजपा सांसद किरण खेर) भी है। इसके साथ ही शिरोमणि अकाली दल के एकमात्र पार्षद ने भी बीजेपी का समर्थन किया था। ऐसे में बीजेपी के पास अब कुल 19 वोट हो गए हैं। यानी संख्याबल के लिहाज से देखें तो बीजेपी अब सबसे बड़ी पार्टी बन गई है।


चंडीगढ़ चुनाव का बदल गया नंबर गेम

तीन पार्षदों के जाने से आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के वोटों की संख्या 20 से घटकर 17 रह गई है। इसमें कांग्रेस के 7 और आम आदमी पार्टी के 10 पार्षद शामिल हैं। चंडीगढ़ नगर निगम में कुल 35 पार्षद हैं, इसके अलावा एक सांसद का वोट मिलकर 36 वोट डाले जाते हैं। ऐसे में बहुमत का आंकड़ा 19 है। वहीं, बीजेपी ने 20 वोटों का जुगाड़ कर लिया है।

सुप्राम कोर्ट ने रिटर्निंग ऑफिसर को फटकार लगाई थी

30 जनवरी को चंडीगढ़ मेयर का चुनाव हुआ था। चुनाव में कथित धांधली को लेकर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पूरी चुनावी प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। साथ ही कोर्ट ने बैलट पेपर सील करने का निर्देश दिया था। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने मेयर चुनाव के लिए रिटर्निंग ऑफिसर रहे अनिल मसीह को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने कहा था कि सीसीटीवी फुटेज से जाहिर होता है उन्होंने (प्रिजाइडिंग ऑफिसर) ने मतपत्रों को खराब किया। उन पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए। कोर्ट ने कहा था कि यह लोकतंत्र का मजाक है। लोकतंत्र की हत्या है, हम आश्चर्यचकित हैं। साथ ही कोर्ट ने आज होने वाली सुनवाई के दौरान अनिल मसीह को होने का निर्देश भी दिया था।

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