आर्टिकल-370 पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज, जानें केंद्र ने हलफनामे में क्या कुछ कहा?

सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करने वाली है। प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ सुनवाई करेगी।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

जम्मू-कश्मीर में संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। बता दें कि केंद्र ने 5 मई 2019 को पूर्ववर्ती राज्य जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा निरस्त कर दिया था और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर और लद्दाख के रूप में विभाजित कर दिया था।

मंगलवार को प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ सुनवाई करेगी। मुख्य न्यायाधीश के अलावा बेंच मेंजस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत होंगे। सुनवाई से एक दिन पहले सोमवार को केंद्र ने संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने का बचाव करते हुए एक हलफनामा दायर किया।


केंद्र ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं का विरोध करते हुए  सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि 2019 के बाद से पूरे क्षेत्र ने शांति, प्रगति और समृद्धि का एक अभूतपूर्व युग देखा है, और आतंकवाद-अलगाववादी एजेंडे के साथ पथराव की घटनाएं जो 2018 में 1,767 थीं, 2023 में अब तक शून्य पर आ गई हैं।

सुप्रीम कोर्ट में दायर एक जवाबी हलफनामे में गृह मंत्रालय ने कहा कि आतंकवादियों और अलगाववादी नेटवर्क द्वारा की गई सड़क हिंसा अब अतीत की बात बन गई है।

हलफनामे में कहा गया है, “2018 में संगठित बंद/हड़ताल की 52 घटनाएं हुईं, जो 2023 में अब तक शून्य हो गई हैं। इसके अलावा, आतंकवाद विरोधी कार्रवाइयों के परिणामस्वरूप आतंकी पारिस्थितिकी तंत्र को नष्ट कर दिया गया है। आतंकवादी भर्ती में महत्वपूर्ण गिरावट आई है - 2018 में 199 से 2023 में अब तक 12 है।“

हलफनामे में कहा गया है कि आतंकवादी घटनाओं में 45.2 प्रतिशत की कमी आई है - 2018 में 228 से घटकर 2022 में 125 और घुसपैठ में 90.2 प्रतिशत की कमी आई है। कानून और व्यवस्था की घटनाओं में भी 97.2 प्रतिशत की उल्लेखनीय कमी आई है।  साथ ही सुरक्षा बलों के हताहत होने की संख्या 2018 में 91 थी, जो घटकर 2022 में 31 हो गई।

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