केरल में भारी बारिश से बढ़ी मुश्किलें, सैकड़ों लोग राहत शिविरों में पहुंचाए गए
कासरगोड जिले में मधुवाहिनी नदी के पानी में कई सड़कें बह गईं और कई इलाकों में घरों में पानी भर गया। अनेक लोगों को भूतल पर पानी भर जाने से अपने घरों की पहली मंजिल पर जाना पड़ा।

केरल में मानसून की बारिश के और तेज हो जाने से निचले इलाकों में बाढ़ का पानी घरों में घुसने के कारण सैकड़ों लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया गया है।
राज्य के उत्तरी जिलों में तेज बारिश के कारण सड़कें जलमग्न हो गईं और ऊंचाई वाले इलाकों व आसपास के शहरों में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। स्थानीय लोगों के अनुसार, नदियों के उफान पर आने से निचले इलाकों में पानी भर गया है।
कासरगोड जिले में मधुवाहिनी नदी के पानी में कई सड़कें बह गईं और कई इलाकों में घरों में पानी भर गया। अनेक लोगों को भूतल पर पानी भर जाने से अपने घरों की पहली मंजिल पर जाना पड़ा। पड़ोसी कोझिकोड और कन्नूर जिलों में भी बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है, जहां भारी बारिश के कारण भारी नुकसान हो रहा है।
कन्नूर के पय्यन्नूर इलाके में कई घरों के सामने लकड़ी और फाइबर की नौका बंधी देखी गईं। इस संबंध में एक बुजुर्ग व्यक्ति ने एक टीवी चैनल से कहा, ‘‘हमने नौका तैयार रखी हैं, क्योंकि अगर पानी नहीं घटा, तो हमें राहत शिविरों में जाना पड़ सकता है।’’
स्थिति को देखते हुए दक्षिणी जिलों में भी राहत शिविर खोले गए हैं। कोट्टायम जिले में अब तक 46 राहत शिविर खोले जा चुके हैं, जिनमें 1,136 लोग ठहरे हुए हैं।
देर रात जिला प्रशासन द्वारा जारी बयान के अनुसार, पड़ोसी अलप्पुझा जिले में 26 राहत शिविरों में 851 लोगों को आश्रय मिला है, जहां केवल शुक्रवार को ही 19 घर नष्ट हो गए।
भारत मौसम विज्ञान विभाग की नवीनतम जानरकारी के अनुसार, तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, पथनमथिट्टा, अलपुझा, कोट्टायम, इडुक्की, एर्नाकुलम, त्रिशूर, मलप्पुरम, कोझिकोड और कन्नूर जिलों में मध्यम बारिश के साथ-साथ तेज हवाएं चलने का अनुमान है। कुछ जगहों पर हवाओं की रफ्तार 50 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है।
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