डॉ. कफील के 4 साल से निलंबन पर हाईकोर्ट ने योगी सरकार से मांगा जवाब, 5 अगस्त तक औचित्य बताने को कहा

डॉ कफील की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस यशवंत वर्मा ने सरकार से पूछा कि कफील खान को 4 साल से निलंबित क्यों रखा गया है? इनके खिलाफ जो आरोप लगे हैं, उनमें विभागीय कार्रवाई अब तक पूरी क्यों नहीं हुई? कोर्ट ने सरकार से 5 अगस्त तक जवाब दाखिल करने को कहा है।

फोटोः सोशल मीडि.ा
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नवजीवन डेस्क

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 2017 में हुई ऑक्सीजन त्रासदी के बाद से निलंबित डॉक्टर कफील खान के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। हाईकोर्ट ने डॉ. कफील खान को चार साल से निलंबित रखने का कारण पूछते हुए यूपी सरकार को 5 अगस्त तक अपना जवाब देने को कहा है।

कफील खान ने 22 अगस्त 2017 को बीआरडी मेडिकल कॉलेज में हुई आक्सीजन त्रासदी के बाद हुए अपने निलंबन को इलाहाबाद हाईकोर्ट मे चुनौती दी है| इसके अलावा उन्होंने प्रारंभिक जांच में क्लीन चिट मिलने के बाद 24 फरवरी को को अपने खिलाफ दोबारा शुरू की गई जांच पर भी सवाल उठाए हैं| याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायधीश यशवंत वर्मा ने सरकार से पूछा कि कफील खान को 4 साल से निलंबित क्यों रखा गया है? इनके खिलाफ जो आरोप लगे हैं, उनमें विभागीय कार्रवाई अब तक पूरी क्यों नहीं की जा सकी है? कोर्ट ने यूपी सरकार से 5 अगस्त तक जवाब दाखिल करने को कहा है।


सुनवाई के दौरान न्यायाधीश यशवंत वर्मा ने भी माना कि डॉ कफील खान अपने निलंबन के खिलाफ पहले भी कोर्ट आए थे और उनकी याचिका पर कोर्ट ने 7 मार्च को यूपी सरकार को डॉ कफील खान मामले की जांच 3 माह में समाप्त करने का आदेश भी दिया था। कोर्ट को बताया गया कि न्यायालय के आदेश के बाद जांच अधिकारी ने अपनी जांच रिपोर्ट 15 अप्रैल 2019 को दे दी थी, जिसमें डॉ कफील को चिकित्सीय लापरवाही और भ्रष्टाचार के आरोपो से मुक्त कर दिया गया था।

लेकिन इसके बाद यूपी सरकार के अधिकारियों ने 11 महीने बाद पुनः जांच के आदेश दे दिए। इस 11 महीने के अन्तराल के बारे में पुछे जाने पर जांच अधिकारी जवाब देने मे असमर्थ रहे। खास बात ये है कि ऑक्सीजन त्रासदी नें डॉ कफील खान के साथ डॉक्टर्स, चीफ फार्मसिस्ट, लिपिक और सहायक लिपिक समेत 7 और लोग जो निलंबित हुए थे, उन सबकी बहाली हो चुकी है।

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