हिमाचल: मनाली-लेह NH 3 पर बहाली का काम तेज, BRO की टीम मलबा हटाने में जुटी, रोहतांग पास से ट्रैफिक डायवर्ट

एएसआई भूपिंदर सिंह ने बताया कि कल रात लगभग 8:45 बजे यहां भूस्खलन हुआ। हमने इलाके की जांच की, और हमें मलबे में कोई कार फंसी हुई नहीं मिली। यह चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग 3 है।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और भूस्खलन की वजह से बंद मनाली-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-3) खोलने के लिए काम जारी है। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की टीम लगातार मलबा हटाने के काम में जुटी हुई है। अधिकारियों के मुताबिक, सड़क को कुछ ही घंटों में दोबारा खोल दिया जाएगा। फिलहाल सभी वाहनों को रोहतांग पास से डायवर्ट किया गया है, ताकि यात्रियों को वैकल्पिक मार्ग मिल सके।

एएसआई भूपिंदर सिंह ने बताया, "कल रात लगभग 8:45 बजे यहां भूस्खलन हुआ। हमने इलाके की जांच की, और हमें मलबे में कोई कार फंसी हुई नहीं मिली। यह चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग 3 है।"

मनाली के डीएसपी केडी शर्मा ने बताया कि भूस्खलन सोलंग घाटी में पहली बर्फ गैलरी के पास हुआ था। राहत की बात यह रही कि घटनास्थल पर कोई वाहन मलबे में दबा नहीं मिला। प्रशासन ने तुरंत हाईवे पर सुरक्षा जांच और मलबा हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी।


अब तक 51 मौतें, 22 लोग लापता

हिमाचल प्रदेश के लिए इस बार का मॉनसून भारी तबाही लेकर आया है। राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (SEOC) के मुताबिक, 20 जून से 1 जुलाई के बीच हुई आपदाओं में 51 लोगों की मौत हो चुकी है और 22 लोग लापता हैं। इनमें सबसे अधिक नुकसान मंडी जिले में हुआ है, जहां 10 मौतें और 34 लोग लापता होने की पुष्टि हुई है।

अचानक आई बाढ़, भूस्खलन, बिजली गिरने और सड़क हादसों के कारण अब तक 103 लोग घायल हुए हैं।

बुनियादी ढांचे और संपत्ति को भारी नुकसान

  • राज्यभर में सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को व्यापक नुकसान हुआ है।

  • 204 घरों को क्षति पहुंची है, जिनमें से 22 पूरी तरह नष्ट हो चुके हैं।

  • 84 दुकानें, मजदूरों की झोपड़ियां और पशु शेड भी प्रभावित हुए हैं।

  • निजी संपत्ति को हुए नुकसान का अनुमान 88.03 लाख रुपये लगाया गया है।

  • लोक निर्माण विभाग (PWD), जल शक्ति विभाग (JSV) और बिजली विभाग को भी सबसे ज्यादा क्षति पहुंची है।


प्रशासन ने तेज किया राहत-बचाव अभियान

हिमाचल प्रदेश सरकार और स्थानीय प्रशासन लगातार राहत और बचाव कार्य में जुटे हुए हैं। पहाड़ी इलाकों में सुरक्षा के इंतजाम बढ़ा दिए गए हैं और यात्रियों को खराब मौसम में यात्रा न करने की सलाह दी जा रही है।

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