हिंडनबर्ग इफेक्टः अडानी के प्रबंधन से मिलेंगे LIC के शीर्ष अधिकारी, कदाचार के आरोपों पर मांगेंगे जानकारी

हिंडनबर्ग रिपोर्ट से हिले अडानी समूह के प्रमुख निवेशकों में से एक एलआईसी में भी अपने निवेश को लेकर चिंता बढ़ने लगी है। इससे पहले अडानी समूह के सबसे बड़े कर्जदाता भारतीय स्टेट बैंक ने भी ताजा हालात को लेकर अडानी के प्रबंधन से मिलने की बात कही थी।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

हिंडनबर्ग रिपोर्ट से हिले अडानी समूह की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। रिपोर्ट के खुलासों से शेयरों में आए भूचाल के बाद अब समूह के निवेशक भी जवाब मांगने की तैयारी कर रहे हैं। इसी कड़ी में एलआईसी के चेयरमैन एम आर कुमार ने कहा है कि एलआईसी के अधिकारी जल्द ही अडानी समूह के शीर्ष प्रबंधन से मिलेंगे, ताकि यह पता चल सके कि शॉर्ट सेलर्स की रिपोर्ट के बाद क्या हो रहा है और वे कैसे मुद्दों का प्रबंधन कर रहे हैं, जिसमें विभिन्न कदाचार का आरोप लगाया गया है।

बीमा क्षेत्र की दिग्गज एलआईसी के अध्यक्ष एम आर कुमार ने कहा कि एलआईसी के शीर्ष अधिकारी जल्द ही अडानी समूह के शीर्ष प्रबंधन से मिलेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि हम सभी हितधारकों के लिए मूल्य का अनुकूलन करने के लिए एक पोर्टफोलियो मिश्रण बनाने पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखे हुए हैं और इस संदर्भ में गैर-बराबर व्यवसाय के अनुपात को लगातार और लाभदायक तरीके से बढ़ाते हैं। इससे पहले अडानी समूह के सबसे बड़े कर्जदाता भारतीय स्टेट बैंक ने भी अडानी के प्रबंधन से मिलने की बात कही थी।


इसके साथ ही एशियाई जीवन बीमा क्षेत्र की दिग्गज भारतीय जीवन बीमा निगम ने बताया कि उसने 31 दिसंबर, 2022 को नौ महीने के समापन पर 22,970 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया है। एलआईसी के अनुसार, 31 दिसंबर को समाप्त नौ महीनों के लिए कंपनी ने कुल 3,42,244 करोड़ रुपये का प्रीमियम (31 दिसंबर, 2021 को समाप्त 9 महीनों में 2,83,673 करोड़ रुपये) और 22,970 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया था।

एलआईसी ने कहा कि एलआईसी के कारोबार की गति मजबूत बनी हुई है और इसके परिणामस्वरूप 31 दिसंबर, 2022 को समाप्त नौ महीने के लिए प्रथम वर्ष की प्रीमियम आय (आईआरडीएआई के अनुसार) की कुल बाजार हिस्सेदारी 65.38 प्रतिशत थी, जबकि पिछले साल इसी अवधि के लिए यह 61.40 प्रतिशत थी। कंपनी ने कहा कि वार्षिक प्रीमियम समतुल्य (एपीई) आधार पर 31 दिसंबर, 2022 को समाप्त नौ महीनों के लिए कुल प्रीमियम 37,545 करोड़ रुपये था। इसमें से 23,419 करोड़ रुपये (62.38 प्रतिशत) व्यक्तिगत व्यवसाय द्वारा और 14,126 करोड़ रुपये (37.62 प्रतिशत) समूह व्यवसाय द्वारा दिया गया था।


वहीं 31 दिसंबर, 2022 को समाप्त नौ महीनों के दौरान, व्यक्तिगत सेगमेंट में कुल 1.29 करोड़ पॉलिसी बेची गई, जिससे 31 दिसंबर, 2021 को समाप्त हुए नौ महीनों में 1.92 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जब 1.26 करोड़ पॉलिसी बेची गई। 31 दिसंबर, 2022 को समाप्त नौ महीनों के लिए 13वें महीने और 61वें महीने दोनों के लिए प्रीमियम आधार पर पर्सिस्टेंसी रेशियो में क्रमश: 77.61 प्रतिशत और 62.73 प्रतिशत का सुधार हुआ। 31 दिसंबर, 2022 को समाप्त नौ महीनों के लिए परिचालन व्यय अनुपात 31 दिसंबर, 2021 को समाप्त नौ महीनों के 14.99 प्रतिशत की तुलना में 27 बीपीएस बढ़कर 15.26 प्रतिशत हो गया।

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Published: 09 Feb 2023, 10:18 PM