पीएम और अमित शाह जिस ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’ की करते हैं बात, उसका गृह मंत्रालय के पास है ही नहीं कोई रिकॉर्ड

आखिर कौन है टुकड़े-टुकड़े गैंग? इस गैंग के सदस्य कौन-कौन हैं? इस गैंग पर अभी तक यूएपीए के तहत पाबंदी क्यों नहीं लगाई गई? यह वह सवाल थे जो पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता साकेत गोखले ने आरटीआई के तहत गृह मंत्रालय से पूछे हैं। लेकिन गृह मंत्रालय को इस गैंग के बारे में कोई जानकारी ही नहीं है।

फोटो : सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह समेत बीजेपी के कई नेता और कई केंद्रीय मंत्री अकसर टुकड़े-टुकड़े गैंग की बात करते हैं। इसी को लेकर पत्रकार साकेत गोखले ने पिछले दिसंबर में गृह मंत्रालय में एक आरटीआई अर्जी दाखिल की और पूछा कि आखरि टुकड़े-टुकड़े गैंग क्या है? ? इस गैंग के सदस्य कौन-कौन हैं? इस गैंग पर अभी तक यूएपीए के तहत पाबंदी क्यों नहीं लगाई गई? 26 दिसंबर को गृहमंत्री अमित शाह ने एक जनसभा में कहा था कि टुकड़े-टुकड़े गैंग को सजा दी जेगी। इसी आधार पर साकेत गोखले ने आरटीआई अर्जी में निम्न जानकारियां गृह मंत्रालय से मांगी:

  • टुकड़े-टुकड़े गैंग की परिभाषा बताएं। साथ ही यह भी बताएं कि इसकी पहचान के लिए नियमों का पालन हुआ है या नहीं
  • यह भी बताया जाए कि गृह मंत्री द्वारा इस गैंग का नाम लेना क्या मंत्रालय या किसी अन्य एजेंसी द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर था
  • यह भी बताया जाए कि गृह मंत्री ने जिस गैंग का नाम लिया है क्या गृह मंत्रालय ने उसके मुखिया या अन्य सदस्यों की पहचान कर ली है
  • गृह मंत्री ने चूंकि इस गैंग को सजा देने का ऐलान किया है, तो यह बताया जाए कि किस कानून या नियम के तहत इस गैंग के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी

हालांकि अभी इस आरटीआई का जवाब देने की समयसीमा पूरी नहीं हुई है, लेकिन इकोनॉमिक्स टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस आरटीआई अर्जी को लेकर गृह मंत्रालय के अफसर सिर खुजा रहे हैं। रिपोर्ट में गृह मंत्रालय के बेनाम अफसरों के हवाले से कहा गया है कि किसी भी खुफिया एजेंसी या जांच एजेंसी ने अपनी किसी भी रिपोर्ट में ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’ का नाम नहीं लिया है। जेएनयू में 2016 में हुए छात्रों के आंदोलन पर भी दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट में बताया गया है कि छात्रों ने एंटी-इंडिया यानी भारत विरोधी नारेबाजी की थी, लेकिन ये छात्र किसी गैंग के सदस्य नहीं थे। इसके अलावा न तो सरकार और न ही किसी एजेंसी के पास ऐसे कि गैंग का कोई रिकॉर्ड है।

इस कथित गैंग का नाम 2016 के जेएनयू में छात्रों के आंदोलन के समय लिया गया था।लेकिन हाल ही में बीजेपी के कई नेता अपने राजनीतिक विरोधियों के लिए इस गैंग का नाम लेते हैं। प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह अपने भाषणों में इसका जिक्र करते हैं। गृहमंत्री अमित शाह ने दिसंबर माह में दिल्ली में एक सभा में कहा था कि इस गैंग को सजा मिलनी चाहिए।

इसके अलावा विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी हाल ही में एक कार्यक्रम में कहा था कि जब वे जेएनयू में पढ़ते थे तो वहां कोई टुकड़े-टुकड़े गैंग नहीं था।


लेकिन इस गैंग के बारे में आरटीआई अर्जी आने के बाद गृह मंत्रालय अफसरों के पसीने छूट रहे हैं। इस बारे में अखाबर में रिपोर्ट आने के बाद साकेत गोखले ने ट्वीट कर कहा है कि गृह मंत्रालय के अधिकारी परेशान हैं। उन्होंने आगे लिखा है, “मान्यवर, इसमें मजा आएगा...”

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Published: 15 Jan 2020, 4:08 PM