हरियाणा में टूटी किसानों की कमर, गेहूं का पैसा नहीं, फूल-सब्जी की फसल तबाह, हुड्डा का ऐलान- कांग्रेस खड़ी है साथ

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने राज्य के किसानों की समस्या पर कहा कि बार-बार आग्रह के बावजूद खट्टर सरकार अपनी जिद पर अड़ी है। महामारी के दौर में ऐसा करना बिल्कुल गलत है।उन्होंने कहा कि कांग्रेस हर कदम पर प्रदेश के किसानों के साथ खड़ी है।

फोटोः सोशल मीडिया
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धीरेंद्र अवस्थी

कोरोना संकट में हरियाणा के बड़े क्षेत्र में होने वाली फूलों की खेती तबाह हो चुकी है। सब्जियां भी बर्बाद हो गई हैं। किसानों की फसल खरीद के भुगतान के लिए 22 हजार करोड़ रिजर्व में रखने का दावा करने वाली सरकार आज तक गेहूं का पूरा भुगतान तक नहीं कर पाई। ऐसे वक्त में जब किसानों की कमर बुरी तरह टूट चुकी है तो सरकार ने डार्क जोन में धान की बुआई करने पर रोक लगा दी। भयावह होते बेरोजगारी के आंकड़ों के बीच सरकार भर्तियां भी रद्द कर रही है।

पूर्व मुख्यामंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने ऐलान किया है कि कांग्रेस हर कदम पर किसानों के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि महामारी के दौर में सरकार के ये फैसले ठीक नहीं हैं। इससे युवाओं में भी निराशा फैलेगी। हुड्डा ने आंकड़ों के साथ गेहूं पेमेंट का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा, “सरकार 7500 करोड़ रुपये पेमेंट का दावा करती है, जबकि खरीद के मुताबिक किसानों की कुल पेमेंट 13500 करोड़ बनती है। हालांकि, सरकारी आकंड़े़ कहते हैं कि सरकार ने अब तक सिर्फ 27 लाख मीट्रिक टन गेहूं के लिए 5231 करोड़ रुपये का ही भुगतान किया है, इसलिए सरकार को पेमेंट की प्रक्रिया में तेजी लानी चाहिए।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आज राज्य में फूल और सब्जी उत्पादक किसानों की हालत सबसे बुरी है। उनकी फसल खेतों में पड़ी-पड़ी ख़राब हो रही है। भिवानी समेत प्रदेश भर के किसान अपनी फसल को पशुओं के सामने डालने को मजबूर हैं, क्योंकि न उसकी खरीद हो रही है और न ही उचित पेमेंट मिल रही है। ट्यूबवेल कनेक्शन को लेकर विपक्ष के दबाव पर सरकार जागी है। हालांकि, उसने 6200 कनेक्शन देने के अपने वादे से मुकरते हुए अब सिर्फ 4000 कनेक्शन देने की बात कही है। जबकि कनेक्शन के लिए अप्लाई करने वाले 84 हजार से ज़्यादा किसान हैं।

भूपेंद्र हुड्डा ने बिजली बिलों को लेकर आ रही शिकायतों को लेकर कहा कि हमारी मांग के मुताबिक छोटे दुकानदारों और कारोबारियों को बिजली बिल में राहत देने की बजाए, उन्हें औने-पौने बिल भेजकर परेशान किया जा रहा है। कई लोगों को तो बंद संस्थानों का इतना बिल भेजा जा रहा है, जितना चालू स्थिति में भी नहीं आता था।

हुड्डा ने 1530 भर्तियों को रद्द करने की सिफारिश पर भी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से प्रदेश का युवा निराश होगा। इन भर्तियों को जल्द पूरा करने की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि पीजीटी संस्कृत समेत जिन भर्तियों का फाइनल रिजल्ट आ चुका है, उन्हें नियुक्ति दी जाए। उन्होंने कहा कि सरकार को अलग-अलग महकमों से कर्मचारियों की छंटनी बंद कर देनी चाहिए। यह वक्त लोगों को सहारा और रोजगार देना का है, न कि उन्हें बेसहारा और बेरोजगार करने का।

उन्होंने कहा कि भूजल संरक्षण के लिए नई परियोजनाएं चलाने की बजाए किसानों पर बंदिशें थोपी जा रही हैं। कांग्रेस कार्यकाल के दौरान भी सरकार के सामने ये चुनौती थी। लेकिन उस वक्त सरकार ने दादूपुर नलवी, हांसी बुटाना नहर परियोजना चलाने, राखसी नदी, खंड नाला को पुनर्जीवित करने, सिरसा में ओटू झील बनवाने, इजराइली ड्रिप सिस्टम से सिंचाई को बढ़ावा देने जैसे कदम उठाए थे। ड्रिप सिंचाई को बढ़ावा देने के लिए फव्वारा सेट और पाइप लाइन के लिए किसानों को अनुदान दिया जाता था, लेकिन बीजेपी सरकार ने उसे बंद कर दिया। सरकार को भू-जल संरक्षण की योजनाओं के प्रति सकारात्मक रुख़ अपनाते हुए उन्हें आगे बढ़ाना चाहिए। उसे डीएसआर पद्धति और हाईब्रिड बीजों से धान की खेती को बढ़ावा देना चाहिए। इससे कम वक्त और कम पानी में धान की अच्छी फसल ली जा सकती है।

पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा ने ऐलान किया कि कांग्रेस हर कदम पर किसानों के साथ खड़ी है। किसान सरकार की धान बुआई पर लगाई गई बंदिशों को मानने के लिए तैयार नहीं है। वह अगर अपनी मर्जी से धान या दूसरी कोई भी फसल लगाने का फैसला करता है, तो कांग्रेस उसका समर्थन करेगी। हुड्डा ने कहा कि बार-बार आग्रह के बावजूद सरकार अपनी जिद पर अड़ी है। महामारी के दौर में ऐसा करना बिल्कुल गलत है। ये वक्त सबको साथ लेकर चलने और सबकी मदद करने का है।

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