कितने सही साबित होते हैं एक्जिट पोल, बंगाल-बिहार में फेल हो गए थे सारे सर्वे, क्या यूपी की सही तस्वीर दिखेगी इस बार!

यूपी में सातवें और आखिरी चरण का मतदान संपन्न होने के साथ ही एक्जिट पोल आना शुरु हो जाएंगे। आखिर कितना भरोसा किया जा सकता है इन सर्वे पर। बंगाल और बिहार की मिसालें सामने हैं जहां सारे सर्वे फेल हो गए थे।

फोटो : @ECISVEEP
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नवजीवन डेस्क

उत्तर प्रदेश में सातवें और आखिरी चरण के मतदान के साथ ही पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव पूरे हो जाएंगे। वोटों की गिनती 10 मार्च को होगी और तभी पता चलेगा कि किस राज्य में किसकी सरकार बन रही है। लेकिन तमाम न्यूज चैनल और अन्य मीडिया संस्थान आज शाम से ही नतीजों का अनुमान लगाना शुरु कर देंगे। एक्जिट पोल के नाम से जानी जाने वाली इस प्रक्रिया में सर्वे के आधार पर विभिन्न एजेंसिया नतीजों का अनुमान लगाती हैं।

लेकिन सवाल है कि आखिर यह सर्वे कितने सटीक साबित होते हैं? क्या इन पर भरोसा किया जा सकता है? इसे जानने के लिए आइए पिछले पांच चुनावों को अंतिम नतीजों और एक्जिट पोल के अनुमान को देखते हैं।

बंगाल में फेल हुए थे सारे सर्वे

पिछले दिनों जो चर्चित चुनाव हुए हैं उनमें सबसे ज्यादा ध्यान पश्चिम बंगाल पर था। कोरोना महामारी के दौरान हुए पश्चिम बंगाल चुनावों को लेकर लोगों में जिज्ञासा भी थी और राजनीतिक बहस-मुबाहिसे भी। इस चुनाव में जहां बीजेपी ने पूरी ताकत झोंक दी थी, वहीं तृणमूल नेता ममता बनर्जी ने भी जमकर मुकाबला किया था। और जब नतीजे आए तो बीजेपी 77 सीटों पर सिमट गई। ममता बनर्जी की टीएमसी ने 211 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत से सरकार बनाई।

लेकिन एक्जिट पोल में अधिकतर सर्वे में बीजेपी को 100 से ज्यादा सीटें दिखाई गई थीं। टाइम्स नाउ ने बीजेपी को 115 और तृणमूल को 158 सीटों का अनुमान लगाया था, वहीं रिपब्लिक टीवी ने बीजेपी को 143 और तृणमूल को 133 सीटें दी थीं। एक्सिस माय इंडिया ने बीजेपी को 147 और तृणमूल को 143 सीटों का मान लगाया था। इंडिया टीवी ने चार कदम आगे बढ़ते हुए बीजेपी को 192 सीटें और तृणमूल को मात्र 8 सीटें मिलने का दावा किया था।

इस तरह पश्चिम बंगाल में सारे एक्जिट पोल गलत साबित हुए थे।

दिल्ली में काफी हद तक सही निकले थे एक्जिट पोल

दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों पर हुए चुनाव के एक्जिट पोल के अनुमान कछ हद तक सही साबित हुए थे। इस चुनाव में आम आदमी पार्टी को 62 सीटें मिली थीं, वैसे एक्जिट पोल में किसी ने भी आप के लिए इतनी ज्यादा सीटों का अनुमान नहीं लगाया था।


बिहार में भी गलत निकले थे सर्वे

लेकिन बिहार में एक्जिट पोल फ्लॉप हो गए थे। जितने भी सर्वे हुए थे उनमें से ज्यादातर ने बिहार में आरजेडी-कांग्रेस गठबंधन की जीत का अनुमान लगाया था। लेकिन असली नतीजों में सबकुछ उलटा-पुलटा हो गया और बिहार में बीजेपी-जेडीयू गठबंधन की सरकार बनी।

रिपब्लिक टीवी बिहार के लिए सर्वे में आरजेडी-कांग्रेस गठबंधन को 128 और जेडीयू-बीजेपी के लिए 104 सीटों का अनुमान लगाया था। एक्सिस माय इंडिया ने बीजेपी-जेडीयू को 80 और आरडेडी-कांग्रेस को 150 सीटों की बात कही थी। टेडेज चाणक्य ने बीजेपी-जेडीयू को 50 सीटें और आरजेडी-कांग्रेस को 180 सीटों का अनुमान लगाया था। एबीपी न्यूज ने बीजेपी-जेडीयू को 116 और आरजेडी-कांग्रेस को 119 सीटों का अनुमान लगाया था। लेकिन असली नतीजों में बीजेपी-जेडीयू गठबंनध ने 125 सीटें हासिल कीं और आरजेडी-कांग्रेस के हिस्से में 110 सीटें रहीं। बीजेपी-जेडीयू गठबंधन ने बिहार में तीसरी बार सरकार बनाई।

हरियाणा में भी नहीं पकड़ पाए वोटरों की नब्ज

हरियाणा का हाल भी कुछ ऐसा ही रहा। हरियाणा में एबीपी ने बीजेपी गठबंधन को 204 और कांग्रेस 69 सीटों का अनुमान सामने रखा था। रिपब्लिक ने बीजेपी गठबंधन को 223 और कांग्रेस 54 सीटों की बात की थी, न्यूज18 ने बीजेपी के लिए243 और कांग्रेस के लिए 41 सीटों का अनुमान लगाया था जबकि एक्सिस माय इंडिया ने इंडिया टुडे के लिए बीजेपी गठबंधन को 181 और कांग्रेस के लिए 81 सीटों का अनुमान लगाया था। लेकिन असली नतीजों में बीजेपी गठबंन के हिस्से में 164 और कांग्रेस के हिस्से में 96 सीटें आईं। इस तरह बीजेपी बहुमत का आंकड़ा हासिल नहं कर सकी और उसे चुनाव बाद दुष्यंत चौटाला की जेजेपी के साथ मिलकर सरकार बनानी पड़ी।

दरअसल एक्जिट पोल एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें वोट देकर पोलिंग बूथ से बाहर आते हुए मतदाता से सवाल पूछे जाते हैं और उस आधार पर अनुमान लगाए जाते हैं कि कौन सी पार्टी जीत रही है। सैकड़ों पोलिंग बूथों पर हजारों लोगों के बीच यह सर्वे होता है, फिर सभी जवाबों का विश्लेषण कर सीटों की संख्या तक पहुंचा जाता है। कई बार ऐसा हुआ है कि अनुमान एकदम सटीक साबित हुए हैं, लेकिन बहुत बार गलत भी निकले हैं।

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