वैक्सीन को लेकर मोदी सरकार के दावों का निकला दम! टीकाकरण में 60 फीसदी की कमी, कई राज्यों में टीके का टोटा

हर कोई कोरोना की तीसरी लहर से बचने के लिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को टीका लगाने की सलाह दे रहा है। डॉक्टर, जानकार सब वैक्सीन को ही कोरोना के खिलाफ सबसे बड़ा हथियार बता रहे हैं।

फोटो: IANS
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नवजीवन डेस्क

हर कोई कोरोना की तीसरी लहर से बचने के लिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को टीका लगाने की सलाह दे रहा है। डॉक्टर, जानकार सब वैक्सीन को ही कोरोना के खिलाफ सबसे बड़ा हथियार बता रहे हैं। देश में वैक्सीनेशन की गती तेज करने के लिए कई बार टीकाकरण नीति में भी बदलाव किए गए। शुरुआत में रफ्तार बढ़ती तो दिखी लेकिन, बाद में स्थिति बदल गई। 21 जून को देश भर में रिकॉर्ड टीकाकरण के बाद से इसके संख्या में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। लगभग 60 प्रतिशत तक की गिरावट अब तक दर्ज की गई है। बता दें कि केंद्र सरकार ने कोरोना वैक्सीन खरीदने का काम अपने हाथ में ले लिया था। 21 जून से यह काम केंद्र सरकार कर रही है। लेकिन इसके बाद भी कई राज्यों में कोरोना की कमी बताई जा रही है।

21 जून को जब यह काम केंद्र ने अपने हाथ में लिया था तो बड़े-बड़े दावे किए गए थे। उस दिन तो वैक्सीनेशन का रिकॉर्ड भी बना। लेकिन उसके बाद से कई राज्य वैक्सीन की कमी होने की बात कर रहे हैं। पहले दिन 21 जून को करीब 91 लाख खुराकें दी गईं और 27 जून तक करीब 4 करोड़ खुराक लोगों को लगाई गई। जबकि एक सप्ताह के बाद 5 जुलाई से 11 जुलाई की अवधि में केवल 2.3 करोड़ खुराक का वितरण किया गया। जनवरी में शुरू हुए अभियान के बाद से अब तक लगभग 38 करोड़ टीके देश में लगाए जा चुके हैं। जनसत्ता की खबर के मुताबिक 21 जून के बाद यह तय किया गया कि हर दिन 60 लाख टीके लगाए जाएंगे लेकिन यह अंतिम बार इस आंकड़ें तक 3 जुलाई को ही पहुंचा गया था। साल के अंत तक सभी वयस्कों को पूरी तरह से वैक्सीनेशन करने के लिए हर दिन 80 लाख डोज लगाने की जरूरत है।


कांग्रेस नेता राहुल गांधी कोरोना वैक्सीन की कमी को लेकर मोदी सरकार से करीब हर दिन सवाल पुछते रहे हैं। कांग्रेस नेता ने वैक्सीनेशन की संख्या बढ़ाने को लेकर कई बार मोदी सरकार पर हमला बोच चुके हैं। लेकिन स्थितियां अभी तक बदली नहीं है। देश के कई राज्यों में टीकों की कमी का सामना किया जा रहा है। महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, दिल्ली, झारखंड और गुजरात में वैक्सीन की कमी की बात सामने आई है। राजधानी दिल्ली में तो वैक्सीन की कमी के कारण करीब 500 वैक्सीनेशन सेंटर बंद करने पड़े हैं।

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