हैदराबाद एनकाउंटर में मारे गए चारों आरोपियों का दोबारा होगा पोस्टमार्टम, तेलंगाना हाई कोर्ट का आदेश

हैदराबाद एनकाउंटर में तेलंगाना हाई कोर्ट ने गांधी अस्पताल के शवगृह में संरक्षित किए गए चारों आरोपियों के शवों के फिर से पोस्टमार्टम का आदेश दिया। बता दें कि मामले की गंभीरता को देखते हुए गैंगरेप के आरोपियों के शवों को गांधी अस्पताल के शवगृह में रखा गया था।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

हैदराबाद में महिला डॉक्टर से गैंगरेप करने वाले आरोपियों के एनकाउंटर मामले में तेलंगाना हाईकोर्ट ने आदेश जारी किया है। हाई कोर्ट ने आरोपियों के शवों को फिर से पोस्टमार्टम कराने का आदेश दिया है। बता दें कि मामले की गंभीरता को देखते हुए गैंगरेप के आरोपियों के शवों को गांधी अस्पताल के शवगृह में रखा गया था।

कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई की और कहा कि तथ्यों का पता लगाने के लिए दिल्ली की विशेषज्ञ टीम एक बार फिर शवों का पोस्टमार्टम कर सकती है। चारों आरोपियों के शवों का पहला पोस्टमार्टम 6 दिसंबर को महबूबनगर जिले के गांधी अस्पताल में किया गया था। कोर्ट ने अस्पताल प्रशासन से शवों की स्थिति के बारे में रिपोर्ट मांगी थी, रिपोर्ट मिलने के बाद कोर्ट ये आदेश दिया है।


वहीं हैदराबाद के गांधी अस्पताल के वरिष्ठ मेडिकल ऑफिसर ने चिंता जताई थी कि शवों को लंबे समय तक सुरक्षित नहीं रखा जा सकेगा। कई सप्ताह से रखे इन शवो में अब सड़न पैदा होने लगी है। इसके बाद अस्पताल प्रशासन ने अदालत से मांग की थी कि वह शवों के संबंध में शीघ्र कोई निर्देश दे।

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हैदराबाद एनकाउंटर मामले की न्यायिक जांच का आदेश दे दिया था। कोर्ट ने तीन सदस्यीय कमेटी का नेतृत्व सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज वीएस सिरपुरकर को बनाया है। कोर्ट ने कहा कि अगले आदेश तक कोई दूसरी कोर्ट या प्राधिकरण इस मामले में पूछताछ नहीं करेगा। कोर्ट ने मामले की जांच 6 महीने में पूरा करने का निर्देश दिया है।


बता दें कि हैदराबाद के शादनगर में पशु चिकित्सक के साथ मदद के बहाने पहले आरोपियों ने गैंगरेप किया और फिर उस पर तेल छिड़ककर जिंदा जला दिया था। पुलिस को अगले दिन पीड़िता का जला हुआ शव फ्लाईओवर के नीचे मिला था। इस घटना के बाद पुलिस ने बताया था कि आरोपी जब थोंडुपली ओआरआर टोल प्लाजा पर शराब पी रहे थे तब उन्होंने महिला डॉक्टर को वहां स्कूटर खड़ा करते देखा। तभी इन्होंने खौफनाक साजिश रच डाली। उन्होंने मदद के बहाने उसे एक सुनसान जगह ले गए और हाथपैर बांधकर उसके साथ बलात्कार किया था। फिर उसे जबरन शराब पिलाकर बेहोश किया और मरा समझकर पेट्रोल छिड़ककर जिंदा जला दिया था।

इसके बाद पुलिस ने दावा किया था कि इन चारों आरोपियों को नेशनल हाईवे 44 पर क्राइम सीन रीक्रिएट करने के लिए ले जाया गया था। इस दौरान आरोपियों ने पुलिस हिरासत से भागने की कोशिश की थी और हमला भी किया था। जिसके बाद पुलिस ने उनपर गोलियां चला दी थी। इस मुठभेड़ में चारों आरोपियों की मौके पर ही मौत हो गई थी।

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