IAS पूजा सिंघल बनीं कैदी नंबर 1187, जानें रांची के बिरसा मुंडा जेल में कैसी होगी खातिरदारी

बड़े ओहदे और ऊंचे रसूख के चलते झारखंड की ब्यूरोक्रेसी और सत्ता के गलियारे की अहम किरदार रहीं सीनियर आईएएस पूजा सिंघल का ठिकाना अब रांची की बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल है।

फोटो: IANS
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नवजीवन डेस्क

बड़े ओहदे और ऊंचे रसूख के चलते झारखंड की ब्यूरोक्रेसी और सत्ता के गलियारे की अहम किरदार रहीं सीनियर आईएएस पूजा सिंघल का ठिकाना अब रांची की बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल है। कम से कम अगले 14 दिन रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में एक सामान्य कैदी की तरह काटने होंगे, जहां उनकी पहचान पूजा सिंघल के बजाय कैदी नंबर 1187 के रूप में होगी। मनी लांड्रिंग मामले में उन्हें ईडी ने बीते 11 मई की शाम को गिरफ्तार किया था और उन्हें इस जेल में एक रात गुजारनी पड़ी थी। 12 मई से वह ईडी की रिमांड पर थीं। 14 दिनों का रिमांड खत्म होने के बाद उन्हें 25 मई को कोर्ट के आदेश पर 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में इसी जेल में रखा गया है। यह वही जेल है, जहां राजद सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा सहित कई बड़ी हस्तियों को भी महीनों रहना पड़ा है। राजनीतिक बंदी होने की वजह से इन दोनों को जेल में अपर सेल की विशेष सुविधाएं हासिल थीं, लेकिन पूजा सिंघल को जेल के लेडी वार्ड में सामान्य बंदी की हैसियत से रखा गया है। पूजा सिंघल के वकील ने ईडी के विशेष कोर्ट के सामने उनके खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए रियायत की अपील की थी, लेकिन जेल भेजे जाने के पहले हुए मेडिकल टेस्ट में उन्हें फिट बताया गया। इसपर कोर्ट ने उन्हें जेल में जरूरत के अनुसार उचित मेडिकल सेवा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।

जेल के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार पूजा सिंघल को लेडी वार्ड में अलग कमरा दिया गया है, लेकिन यहां उन्हें सामान्य कैदियों के मैनुअल के हिसाब से रहना होगा। इस कमरे में सोने के लिए जमीन पर ही करीब 10 इंच ऊंचाई का बेड जैसा प्लेटफार्म है। सोने और ओढ़ने के लिए दो बेडशीट-एक कंबल और मच्छरदानी दी जायेगी। सुबह में नास्ते के तौर पर चना, गुड़, मुढ़ी, दोपहर और रात के भोजन में रोटी, सब्जी, दाल और प्याज-खीरे का सलाद मिलेगा। पिछले 11 मई को पूजा सिंघल जब यहां एक रात के लिए आयी थीं, तो उन्होंने गंदगी और मच्छरों को लेकर नाराजगी जतायी थी। जानकारी मिली है कि जेल प्रशासन ने लेडी वार्ड के उस कमरे की पहले से सफाई करायी है, जहां पूजा सिंघल को रखा जाना है।

चूंकि जेल में हर रोज सुबह पांच से छह बजे के बीच कैदियों की पहली गिनती होती है, इसलिए पूजा सिंघल को भी इस वक्त तक जागना पड़ेगा। महिला वार्ड में अपर सेल की व्यवस्था नहीं है, इसलिए उन्हें सामूहिक वाशरूम का ही इस्तेमाल करना पड़ेगा। मैनुअल के मुताबिक बंदी से उसके परिजन हफ्ते में सिर्फ एक दिन मिल सकते हैं। मुलाकात का वक्त सुबह 8 से 12 तय है। पांच से दस मिनट की मुलाकात के लिए जेल प्रशासन के पास पहले से आवेदन करना पड़ता है।

झारखंड अलग राज्य बनने के बाद पूजा सिंघल चौथी आईएएस अफसर हैं, जिन्हें जेल जाना पड़ा है। इसके पहले झारखंड मुख्य सचिव रहे सजल चक्रवर्ती पशुपालन घोटाला मामले में जेल जा चुके हैं। इसी तरह सीनियर आईएएस अशोक कुमार सिंह को बिहार के एक मामले में जेल जाना पड़ा था। रांची के उपायुक्त और कई विभागों के सचिव रहे डॉ प्रदीप कुमार और सियाराम प्रसाद को झारखंड में हुए दवा घोटाला मामले में जेल जाना पड़ा था।

पूजा सिंघल ईडी की कार्रवाई के पहले झारखंड सरकार में खनन एवं उद्योग विभाग की सचिव थीं। इसके अलावा वह झारखंड राज्य खनिज विकास निगम के निदेशक के अतिरिक्त प्रभार में थीं। इसके पहले वह कई विभागों में सचिव रह चुकी हैं। कई घोटालों में आरोपी होने के बावजूद ब्यूरोक्रेसी में उन्हें हमेशा बेहतरीन पोस्टिंग हासिल होती रही। वह झारखंड सरकार के कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट की अगुवाई करती थीं। करीब 22 वर्षां के कार्यकाल में एसडीओ, उपायुक्त से लेकर विभिन्न विभागों के सचिव पद पर कार्यरत रहीं। ईडी की कार्रवाई के बाद बारह दिन पूर्व उन्हें झारखंड सरकार ने सस्पेंड कर दिया।

वर्ष 2000 में सिर्फ 21 वर्ष 7 दिनों में यूपीएससी परीक्षा में सफलता अर्जित करने वाली पूजा सिंघल अपने बैच में सबसे कम उम्र की आईएएस थीं। इसके लिए उनका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्डस में दर्ज है। उनका जन्म और पालन-पोषण देहरादून में हुआ है। उन्होंने देहरादून के गढ़वाल विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन किया और उसके बाद यूपीएससी के लिए चुनी गयी थीं।

आईएएनएस के इनपुट के साथ

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