लॉकडाउन का असर: हिमाचल में पर्यटन जीरो, बर्बादी की कागार पर होटल इंडस्ट्री

पर्यटन, हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था और पहाड़ी राज्य में हजारों लोगों के लिए कमाई का महत्वपूर्ण स्रोत है। महामारी के कारण लॉकडाउन होने से इस बार गर्मी की पूरी छुट्टियां यहां सूनी गईं।

फोटो: IANS
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आईएएनएस

पर्यटन, हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था और पहाड़ी राज्य में हजारों लोगों के लिए कमाई का महत्वपूर्ण स्रोत है। महामारी के कारण लॉकडाउन होने से इस बार गर्मी की पूरी छुट्टियां यहां सूनी गईं। हॉस्पिटैलिटी सेक्टर के लोगों का का कहना है कि हाल के दिनों में उन्होंने ऐसी आपदा कभी नहीं देखी है कि पर्यटकों का आना पूरी तरह बंद हो गया हो और कोई होटल बुकिंग न हों।

ऑल हिमाचल एसोसिएशन ऑफ हॉस्पिटैलिटी एंड टूरिज्म फोरम के राज्य संयोजक मोहिंदर सेठ ने आईएएनएस को बताया, "पर्यटन उन उद्योगों में से एक है, जो कोरोना वायरस महामारी की चपेट में हैं और होटल उद्योग तो ध्वस्त होने की कगार पर आ गया है।" उन्होंने कहा कि राज्य में पर्यटन को पटरी पर लाने में कम से कम 12 से 18 महीने का समय लग सकता है और इस तरह की लंबी अवधि पर्यटन उद्यमियों की कमाई के लिए चिंता का विषय है।


शिमला के होटेलियर मोहिन्दर सेठ कहते हैं, "राज्य में पर्यटन इकाइयों का लगभग 60 प्रतिशत राजस्व अप्रैल से जून तक में कमाया जाता है। इससे उद्यमियों को पूरे साल के लिए तय खचरें को पूरा करने में आसानी होती है।" इस इंडस्ट्री के लोग पर्यटन उद्योग को जीवित रखने के लिए केंद्र सरकार से विशेष पैकेज की उम्मीद कर रहे थे। उन्होंने कहा, "राहत पैकेजों की हालिया घोषणा में, पर्यटन को कुछ भी नहीं दिया गया है, जिसके कारण हितधारकों को निराशा हुई है।"

हिमाचल प्रदेश में पर्यटन एक प्रमुख व्यवसाय है और राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में पर्यटन क्षेत्र का योगदान लगभग सात प्रतिशत है। विधायक विक्रमादित्य सिंह के नेतृत्व में होटल और पर्यटन उद्योग के एक प्रतिनिधिमंडल ने पिछले हफ्ते यहां मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर से मुलाकात की और उन्हें अवगत कराया कि पिछले तीन महीनों में पर्यटन इकाइयां कोई राजस्व उत्पन्न नहीं कर पाई हैं।

अब वे अपनी निर्धारित लागत जैसे वेतन, बिजली और पानी के शुल्क और करों का भुगतान करने में अधिक सक्षम नहीं हैं। उन्होंने अपने अस्तित्व के लिए राज्य से एक विशेष वित्तीय पैकेज की मांग की। हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (एचपीटीडीसी) द्वारा संचालित राज्य के अधिकारियों ने कहा कि सभी पर्यटन स्थलों में उनके अधिकांश होटलों में कमरों की बुकिंग लगभग नगण्य है।

वहीं मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा है कि राज्य का पूरा ध्यान अब कोरोना वायरस से लड़ने पर है। ठाकुर ने आईएएनएस से कहा, "हम चिंतित हैं कि राज्य का पर्यटन उद्योग महामारी के कारण बुरे दौर से गुजर रहा है। वायरस के नियंत्रण में होने के बाद हम इसे फिर से जीवित करने की कोशिश करेंगे।"

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