वक्फ विधेयक का असर: जेडीयू से जुड़े लोगों का इस्तीफा जारी, अब तक कई नेताओं ने पार्टी को कहा अलविदा

इससे पहले, पूर्वी चंपारण से मोहम्मद कासिम अंसारी और जमुई से नवाज मलिक ने बृहस्पतिवार को सोशल मीडिया पर जेडीयू से इस्तीफा दिए जाने के अपने पत्र साझा किए थे। इससे पार्टी में संकट की अटकलें तेज हो गई हैं।

वक्फ विधेयक का असर: जेडीयू से जुड़े लोगों का इस्तीफा जारी
वक्फ विधेयक का असर: जेडीयू से जुड़े लोगों का इस्तीफा जारी
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नवजीवन डेस्क

संसद में वक्फ विधेयक का समर्थन करने से पैदा हुए विवाद का असर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) पर भी पड़ा है जहां पार्टी के प्रति अपनी निष्ठा का दावा करने वाले एक और व्यक्ति ने इस रुख के विरोध में शुक्रवार को इस्तीफा देने की घोषणा कर दी।

जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने हालांकि कहा कि कथित इस्तीफे ‘‘फर्जी’’ हैं क्योंकि इस पर हस्ताक्षर करने वाले सदस्य ‘‘संगठन (पार्टी) में कभी किसी पद पर नहीं रहे हैं।’’

सिद्दीकी ने दावा किया था कि वह जेडीयू के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के राज्य महासचिव हैं।

इससे पहले, पूर्वी चंपारण से मोहम्मद कासिम अंसारी और जमुई से नवाज मलिक ने बृहस्पतिवार को सोशल मीडिया पर जेडीयू से इस्तीफा दिए जाने के अपने पत्र साझा किए थे। इससे पार्टी में संकट की अटकलें तेज हो गई हैं।

जेडीयू के जाने-माने दो नेता राष्ट्रीय महासचिव गुलाम रसूल बलियावी और बिहार शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सैयद अफजल अब्बास ने बृहस्पतिवार को कहा था कि संसद द्वारा पारित विधेयक में समुदाय के नेताओं द्वारा दिए गए कई सुझावों को ध्यान में नहीं रखा गया। उन्होंने बताया कि संयुक्त संसदीय समिति के समक्ष जब इसका मसौदा था तो कई सुझाव दिए गए थे।


विधेयक के संबंध में जेडीयू के फैसले से नाराज हुए लोगों का मानना है कि इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में इसका (विधेयक का समर्थन करने) गंभीर परिणाम हो सकता है।

दशकों से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का सहयोगी होने के बावजूद मुख्यमंत्री की ‘‘धर्मनिरपेक्ष’’ नेता की छवि होने के कारण जेडीयू को कुछ मुस्लिम वोट मिलते रहे हैं।

जेडीयू के एक पदाधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर दावा किया कि अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ की बैठक शुक्रवार को निर्धारित की गई थी, लेकिन ‘‘इसे अंतिम समय में इस डर से रद्द कर दिया गया कि कहीं इसकी खामियां उजागर न हो जाएं।’’

इस बीच, बिहार के मुख्य विपक्षी दल राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर छेड़छाड़ की गई एक तस्वीर साझा कर निशाना साधा।


इस तस्वीर में जेडीयू के प्रमुख खाकी रंग के शॉर्ट्स और काली टोपी पहने हुए नजर आ रहे हैं। आमतौर पर बीजेपी के मूल संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सदस्य ऐसे कपड़े पहनते हैं।

जेडीयू ने यह तस्वीर साझा करते हुए लिखा, ‘‘संघ प्रमाणित मुख्यमंत्री चीट-ईश कुमार, हैशटैग वक्फसंशोधनविधेयक।’’

पीटीआई के इनपुट के साथ

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