खंभे से बांधकर तबरेज की भीड़ ने घंटों की थी पिटाई, अब पुलिस कह रही हत्या का कोई दोषी नहीं

तबरेज केस के वकील अल्ताफ हुसैन पुलिस की जांच पर पहले ही आपत्ति जता चुके हैं। उन्होंने इसे लेकर 31 अगस्त को कोर्ट में एक विरोध याचिका भी दाखिल की थी। उनका कहना है कि पुलिस आरोपियों को बचाने के लिए ‘कार्डियक अरेस्ट’ शब्द का इस्तेमाल कर रही है।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

झारखंड के सरायकेला में मॉब लिंचिंग के शिकार हुए तबरेज अंसारी के मामले में चौंका देने वाली बात सामने आई है। अब चार्जशीट से हत्या का आरोप हटा लिया गया है। पुलिस ने 29 जुलाई को इस मामले में कोर्ट में चार्जशीट पेश की थी।

तबरेज केस के वकील अल्ताफ हुसैन ने ‘द क्विंट’ से बात करते हुए कहा, “पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में दिखाया गया है कि तबरेज की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई थी। भीड़ द्वारा पिटाई करने की वजह से तबरेज के सिर पर घाव बन गया था। ऐसे में यह कैसे कहा जा सकता है कि तबरेज की मौत दिल का दौरा पड़ने से ही हुई थी।”

इस मामले में जांच अधिकारी का दावा है कि तबरेज की मौत दिल का दौरान पड़ने की वजह से हुई थी। जांच अधिकारी ने इसके साथ ही डॉक्टरों द्वारा इस मामले में जांच रिपोर्ट का हवाला भी दिया। उन्होंने कहा कि दो डॉक्टरों ने इस बात की पुष्टि की है।

तबरेज केस के वकील अल्ताफ हुसैन पुलिस की जांच पर पहले ही आपत्ति जता चुके हैं। उन्होंने इसे लेकर 31 अगस्त को कोर्ट में एक विरोध याचिका भी दाखिल की थी। उनका कहना है कि पुलिस अपनी लापरवाही को छिपाने के साथ आरोपियों को बचाने के लिए ‘कार्डियक अरेस्ट’ शब्द का इस्तेमाल कर रही है।

वहीं, इस मामले में ह्यूमन राइट्स लॉ नेटवर्क के वकील अमन खान का कहना है कि इस मामले में यह कहना कि तबरेज की मौत सिर्फ कार्डियक अरेस्ट से हुई, यह पूरी तरह से गलत है। उन्होंने कहा कि चार्जशीट से हत्या की धारा 302 को हटाने के लिए पुलिस के पास कोई आधार नहीं है।


ये है पूरा मामला:

झारखंड के सरायकेला में 17 जून को तबरेज अंसारी पर भीड़ ने उस वक्त हमला कर दिया था, जब वे अपने रिश्तेदार के यहां से घर लौट रहे थे। चोरी के शक में भीड़ ने तबरेज अंसारी को खंभे से बांध दिया था और जमकर पिटाई की थी। भीड़ ने उनके साथ कई घंटों तक मारपीट की और फिर पुलिस के हवाले कर दिया था। मौके पर पहुंची पुलिस गंभीर रूप से घायल तबरेज को जिला अस्पताल लेकर गई थी। प्राथमिक इलाज के बाद डॉक्टरों ने पुलिस को इस बात की मंजूरी दे दी थी कि वे तबरेज को ले जा सकते हैं। चार दिन बाद जब तबरेज अंसारी की हालत बिगड़ गई तो उन्हें दोबारा अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था।

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