गैंगस्टर विकास दुबे का सबसे बड़ा राजदार और ‘कैशियर’ जय वाजपेयी गिरफ्तार, जानें कौन है ये खास गुर्गा

कानपुर पुलिस के अनुसार, 2 जुलाई को जय वाजपेयी ने विकास दुबे को 2 लाख रुपये और 25 रिवॉल्वर, कारतूस दिए थे। बताया जा रहा है कि 8 पुलिस कर्मियों की हत्या के बाद विकास दुबे और उसके गैंग को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए गाड़ियों की इसने व्यवस्था की थी।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

कानपुर शूटआउट के मास्टरमाइंड गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर में मारे जाने के बाद पुलिस लगातार उसके करीबियों पर शिकंजा कस रही है। इसी कड़ी में कानपुर पुलिस ने विकास दुबे के खास गुर्गे और उसके कैशियर जय वाजपेयी को गिरफ्तार कर लिया है। जय के साथ पुलिस ने उसके साथी प्रशांत शुक्ला को भी गिरफ्तार कर लिया है। कहा जाता है कि जयकांत वाजपेयी उर्फ जय वाजपेयी ही विकास दुबे के पैसों का हिसाब रखता था। विकस दुबे के सारे काले धंदे और पैसों का हिसाब जय रखता था। ऐसे में यह संभावना जताई जा रही है कि जय वाजपेयी की गिरफ्तारी के बाद विकास दुबे से जड़े कई बड़े राज का पर्दाफाश हो सकता है।

कानपुर पुलिस के अनुसार, 2 जुलाई को जय वाजपेयी ने विकास दुबे को 2 लाख रुपये और 25 रिवॉल्वर, कारतूस दिए थे। बताया जा रहा है कि 8 पुलिस कर्मियों की हत्या के बाद विकास दुबे और उसके गैंग को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए 3 लग्जरी गाड़ियों की इसने व्यवस्था की थी, हालांकि वह अपने मकसद में कामयाब नहीं हो पाए थे।


पुलिस का कहना है कि 2 और 3 जुलाई की रात को 8 पुलिस कर्मियों की हत्या के मामले में जय वाजपेयी और उसका साथी प्रशांत शुक्ला भी शामिल था। दोनों ने विकास दुबे की मदद की थी। 1 जुलाई को विकास दुबे ने जय वाजपेयी को फोन किया था और 2 जुलाई को जय और प्रशांत विकास दुबे के गांव बिकरू पहुंचे थे। दोनों के खिलाफ पुलिस ने आईपीसी की कई धाराएं, आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम और आर्म्स एक्ट के तहत दर्ज़ की है।

गौरतलब है कि 2 और 3 जुलाई की रात को पुलिस टीम विकास दुबे को को पकड़ने के के लिए बिकरू गांव पहुंची थी। इस दौरान वुकास दुबे और उसके गुर्गों ने पुलिस टीम पर धावा बोल दिया था। विकास और उसके गुर्गों ने एक डीएसपी समेत 8 पुलिस कर्मियों की हत्या कर दी थी। इसके बाद विकास दुबे मौके से फरार हो गया था। 9 जुलाई को विकास दुबे की उज्जैन के महाकाल मंदिर से नाटकीय ढंग से गिरफ्तारी हुई थी। गिरफ्तारी के बाद पुलिस विकास को कानपुर ला रही थी। इसी दौरान 10 जुलाई की सुबह को पुलिस ने एनकाउंटर में विकास दुबे को मार गिराया था।

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