योगी सरकार में किसान बेहाल, बांदा में पेयजल संकट को लेकर पांच दिनों से अनशन पर, नहीं हो रही सुनवाई

किसान नेता विमल शर्मा के साथ एक दर्जन से अधिक किसान आमरण अनशन पर बैठे हैं। उन्होंने आगे कहा कि केन में हो रहे अवैध खनन की वजह से पेयजल संकट पैदा हुआ है। अब भी दुरेंडी, खादर, खप्टिहा कलां आदि बालू खदानों में दर्जनों मशीनें गैर कानूनी तरीके से खनन कर रही हैं।

फोटो: सोशल मीडिया 
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आईएएनएस

उत्तर प्रदेश के हिस्से वाले बुंदेलखंड के बांदा जिला मुख्यालय में पेयजल संकट से छुटकारा दिलाने और केन नदी में अवैध खनन बंद कराए जाने की मांग को लेकर बुधवार से अनशन पर बैठे किसानों का अनशन लगातार पांचवें दिन रविवार को भी जारी है। अनशन पर बैठे बुंदेलखंड किसान यूनियन के अध्यक्ष विमल शर्मा ने रविवार को कहा कि अवैध खनन में लगी दर्जनों मशीनें केन नदी से नहीं हटाई गईं तो सैकड़ों किसान नदी की तरफ कूच करेंगे और खुद मशीनें हटाएंगे।

विमल शर्मा ने कहा, “केन में हो रहे अवैध खनन की वजह से पेयजल संकट पैदा हुआ है। अब भी दुरेंडी, खादर, खप्टिहा कलां आदि बालू खदानों में दर्जनों मशीनें गैर कानूनी तरीके से खनन कर रही हैं। इन मशीनों को यदि प्रशासन ने नहीं हटाया तो सैकड़ों किसान केन नदी के लिए कूच करेंगे और खुद मशीनें हटाएंगे।”


केन नदी में बालू की खुदाई कर रहीं मशीनों के बारे में सिटी मजिस्ट्रेट प्रदीप कुमार ने बताया, “मशीनों के जरिए बालू खुदाई का परमिशन किसी पट्टाधारक के पास नहीं है।” हालांकि प्रदीप कुमार मशीनें हटवाने के सवाल पर वह चुप्पी साध गए।

किसान नेता विमल शर्मा के साथ एक दर्जन से अधिक किसान आमरण अनशन पर बैठे हैं। शनिवार को सिटी मजिस्ट्रेट प्रदीप कुमार सिंह और सीओ राजीव प्रताप सिंह अनशन स्थल पहुंचे थे और किसानों से अनशन समाप्त करने का अनुरोध किया था। लेकिन केन नदी में अवैध खनन कर रही दर्जनों मशीनों के हटाए जाने तक किसानों ने अनशन जारी रखने का ऐलान किया।

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