पैंगोंग त्सो पर भारत-चीन के बीच गतिरोध बरकरार, तनाव के बीच चौथे दिन भी सैन्य वार्ता रही बेनतीजा

हाल में चीन की सेना ने पूर्वी लद्दाख के भारतीय क्षेत्र में ताजा घुसपैठ के प्रयास किए, जिससे पैदा तनाव को कम करने के लिए दोनों देश के सैन्य कमांडर बातचीत से हल में लगे हुए हैं, जिसका आज चौथा दिन था, लेकिन आज भी चीन के अड़ियाल रुख के कारण वार्ता बेनतीजा रही।

फाइल फोटोः सोशल मीडिया
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आईएएनएस

चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) द्वारा भारतीय क्षेत्रों में घुसपैठ की हालिया कोशिशों के बाद भारत और चीन के बीच सैन्य वार्ता लगातार चौथे दिन 'बेनतीजा' रही। चार घंटे तक चली लंबी बैठक के दौरान चीनी अधिकारी अड़े रहे और उन्होंने पूर्वी लद्दाख से पीछे हटने से इनकार कर दिया। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, "दोनों देशों के ब्रिगेड कमांडर स्तर के अधिकारियों ने आज चुशुल में मुलाकात की।"

इससे पहले, दिन में भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे चीन के साथ चल रहे सीमा गतिरोध के बीच सुरक्षा बलों की परिचालन (ऑपरेशनल) तैयारियों की समीक्षा करने के लिए लद्दाख पहुंचे। दो दिवसीय दौरे पर जनरल नरवणे सुबह लेह पहुंचे और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उन्होंने हालात की समीक्षा की और चीनी घुसपैठ के प्रयासों को विफल करने के लिए रणनीति पर भी चर्चा की।

हाल में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के सैनिकों ने भारतीय क्षेत्रों में ताजा घुसपैठ के प्रयास किए हैं। इससे दोनों देशों के बीच पैदा तनाव को कम करने के लिए दोनों देशों के सैन्य प्रतिनिधि कई दिनों से बातचीत में लगे हुए हैं, जिसका आज चौथा दिन था। लेकिन आज भी चीनी अधिकारियों के अड़ियाल रुख के कारण वार्ता बेनतीजा रही।

चीनी सैनिकों ने 31 अगस्त को पैंगोंग त्सो में यथास्थिति बदलने के प्रयास में भड़काऊ सैन्य हरकतें की थीं, मगर भारतीय सैनिकों ने पीएलए की भारतीय भूमि पर कब्जा करने वाले मंसूबों पर पानी फेर दिया। इससे पहले भी 29 अगस्त और 30 अगस्त 2020 की मध्यरात्रि को पीएलए के सैनिकों ने पूर्वी लद्दाख में चल रहे गतिरोध के दौरान सैन्य और राजनयिक सहमति का उल्लंघन किया।

गौरतलब है कि गलवान घाटी में 15 जून को हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। झड़प में चीनी सैनिकों के हताहत होने की खबरें भी सामने आई हैं, मगर चीन ने अभी तक इस संबंध में चुप्पी साध रखी है। उसके बाद से दोनों देश पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चार महीने से आमने-सामने हैं। बातचीत के कई स्तरों के बावजूद तनाव को खत्म करने को लेकर कोई सफलता नहीं मिली है।

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