देश से छिन गया तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था का तमगा, पर वित्त मंत्री कह रही हैं मंदी नहीं है और न कभी आएगी

देश की विकास दर रसातल में जा चुकी है, नौकरियां खत्म हो रही हैं, सामान बिक नहीं रहा है, महंगाई बढ़ती जा रही है, लेकिन मोदी सरकार को नहीं लगता कि यह मंदी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कहती हैं कि विकास दर जरूर थोड़ी गिरी है, लेकिन यह मंदी नहीं है और न ही मंदी कभी आएगी।

फोटो : Getty Images
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नवजीवन डेस्क

मोदी सरकार की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कह रही हैं कि विकास दर जरूर नीचे आई है, लेकिन यह मंदी नहीं है। वे जोर देकर कहती हैं कि मंदी कभी नहीं आएगी। देश की आर्थिक विकास दर साढ़े छह साल के निचले स्तर पर पहुंचने, अर्थव्यवस्था से जुड़े तमाम आंकड़ों की स्थिति बदतर होने और बेरोजगारी के आंकड़े चरम पर होने के बीच वित्त मंत्री ने बुधवार को कहा कि जीडीपी दर में भले ही गिरावट आई है, लेकिन यह मंदी नहीं है। राज्यसभा में अर्थव्यवस्था पर चर्चा का जवाब देते हुए निर्मला सीतारमण ने साफ कहा, 'अगर आप अर्थव्यवस्था को विवेकपूर्ण तरीके से देख रहे हैं तो आप देख सकते हैं कि विकास दर में कमी जरूर आई है, लेकिन अभी तक मंदी का माहौल नहीं है और मंदी कभी नहीं आएगी।'

वित्त मंत्री ने कहा कि एनडीए की सरकार में अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि हमारी सरकार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार ने सफलतापूर्वक महंगाई पर नियंत्रण किया है। आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था की रफ्तार में सुधार परसेप्शन यानी सिर्फ राय या नजरिए पर आधारित है, क्योंकि यह सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर निर्भर कर रहा है। उन्होंने कहा कि साल 2009-14 के दौरान 189.5 अरब डॉलर का विदेशी निवेश आया, जबकि एनडीए की सरकार में महज पांच वर्षों में 283.9 अरब डॉलर का निवेश आया।


गौरतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 17 नवंबर को देश की अर्थव्यवस्था पर चिंता जताते हुए कहा था कि विकास की दर पिछले 15 सालों के न्यूनतम स्तर पर पहुंच चुकी है, बेरोजगारी दर 45 सालों के उच्चतम स्तर पर है, घरेलू मांग चार दशक के निचले स्तर पर है, बैंक पर बैड लोन का बोझ अपने उच्च स्तर पर पहुंच चुका है, बिजली की मांग 15 सालों के न्यूनतम स्तर पर पहुंच चुकी है, कुल मिलाकर अर्थव्यवस्था की हालत बेहद गंभीर है। मनमोहन सिंह ने अंग्रेजी अखबर 'द हिंदू' में अपने एक लेख में कहा था कि यह बात मैं विपक्ष के नेता के रूप में नहीं कह रहा हूं।

इस बीच कांग्रेस ने बुधवार को अर्थव्यवस्था की हालत को लेकर केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि अब मोदी सरकार को नींद से उठने, वास्तविक आंकड़ों पर गौर करने तथा समस्याओं को दूर करने का सही वक्त आ गया है। कांग्रेस के नेता एवं सांसद राजीव गौड़ा ने कहा, 'ग्रामीण भारत को मोदी सरकार ने रसातल में पहुंचा दिया है। यूपीए सरकार में लोगों को एमएसपी सपोर्ट का फायदा हुआ था, लेकिन मोदी सरकार में उनकी हालत बदतर हो गई है।'


ध्यान रहे कि मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में विकास दर घटकर 5% पर पहुंच गई है। वहीं दूसरी तिमाही के लिए कई रेटिंग एजेंसियों और खुद सरकारी संस्थानों ने विकास दर 4.7 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। इसके अलावा हाल में जारी हुए आंकड़ों से पता चलता है कि ऑटोमोबाइल सहित मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र के आंकड़ों में भारी गिरावट आई है।

यहां गौरतलब है कि विकास दर में गिरावट के बाद भारत से दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था का तमगा छिन गया है। पहली तिमाही में विकास दर चीन से भी नीचे रही है। अप्रैल-जून तिमाही में चीन की आर्थिक विकास दर 6.2 फीसदी रही जो उसके 27 साल के इतिहास में सबसे कम थी।

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