मोदी सरकार में लोकतंत्र पर लगा ग्रहण! भारत डेमोक्रेसी इंडेक्स में 13 साल में सबसे निचले स्तर पर

भारत डेमोक्रेसी इडेंक्स में 10 पायदान नीचे 51वीं पोजिशन पर आ गया। 2019 में भारत का डेमोक्रेसी स्कोर 6.9 रहा, जो 13 साल में सबसे निचले स्तर पर है। द इकोनॉमिस्ट ने मंगलवार को 165 देशों की डेमोक्रेसी लिस्ट जारी की।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

भारत डेमोक्रेसी इडेंक्स में 10 पायदान नीचे 51वीं पोजिशन पर आ गया। 2019 में भारत का डेमोक्रेसी स्कोर 6.9 रहा, जो 13 साल में सबसे निचले स्तर पर है। द इकोनॉमिस्ट ने मंगलवार को 165 देशों की डेमोक्रेसी लिस्ट जारी की। इस रिपोर्ट के मुताबिक, कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और नागरिकता संशोधन कानून लागू करने की वजह से भारत के डेमोक्रेसी स्कोर में गिरावट आई। देश और दुनिया भर में भारत में हाल में लागू किये गए कुछ कानूनों के विरोध को इसका जिम्मेवार माना जा रहा है। कुल 165 देशों में उत्तर कोरिया सबसे निचली पायदान पर है।

रिपोर्ट का अध्ययन करने से जाहिर होता है कि 2019 की तरह नार्वे इस बार भी डेमोक्रेसी इंडेक्स 2020 में टॉप पर बना हुआ है। अमेरिका इस रिपोर्ट में 25 वें जबकि ब्रिटेन 14 वें पायदान पर है। यदि भारत के पड़ौसी मुल्कों की बात की जाए तो पाकिस्तान कमजोर 108 वें, श्रीलंका 69 वें और बांग्लादेश 80 वें नंबर पर है।


ये माना जा रहा है कि भारत में पिछले कुछ समय से जारी आंदोलन इस पायदान के नीचे जाने का एक बड़ा कारण हैं। पहले जम्मू कश्मीर में धारा 370 खत्म करने को लेकर भारत में ही नहीं, कई अन्य देशों में भी विरोध प्रदर्शन हुए। बहुत से जानकारों का मानना है कि इससे भारत की एक स्वस्थ लोकतंत्र वाली छवि को धक्का लगा है। भारत के विपक्षी दलों ने मोदी सरकार के इस फैसले का कड़ा विरोध किया है।

अब इसके बाद नागरिकता संशोधन कानून को लेकर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए हैं जो अब तक जारी हैं। विदेशों में भी विरोध प्रदर्शन होने से यहां भी भारत की सभी धर्मों को लेकर साथ चलने वाली छवि को चोट पहुंची है।

अब यह रिपोर्ट सामने आने के बाद निश्चित ही नागरिकता कानून अदि का विरोध करने वाले इसे मोदी सरकार के खिलाफ एक हथियार बनाने की कोशिश करेंगे। छात्रों का आंदोलन अभी भी जारी है। वे और विपक्षी राजनीतिक दल पहले ही देश में लोकतंत्र को खत्म करने का आरोप मोदी सरकार पर लगा रहे हैं।


डेमोक्रेसी इंडेक्स 2020 में पहले पांच स्थानों पर नार्वे, आयरलैंड, स्वीडन, न्यूजीलैंड और फिनलैंड हैं, जो भारत जैसे देशों के मुकाबले बहुत छोटे देश हैं। इस रिपोर्ट में ब्रिटेन का 14 वां नंबर है जबकि भारत से एक पायदान पहले 50 पर जमैका है।

अन्य देशों में अमेरिका 25 वें नंबर पर है। हमारे एक पड़ोसी चीन का इस इंडेक्स में बहुत कमजोर 153 वां नंबर है। पाकिस्तान को इसमें 108 वें और श्रीलंका को 69 वें पायदान पर रखा गया है। नार्वे इस सूची में 2019 में भी सबसे ऊपर था। उत्तर कोरिया इसमें 165 वें पायदान पर है जो सबसे निचली पायदान है।

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