पहलगाम हमला: भारत के 5 बड़े फैसले- अटारी बॉर्डर बंद, पाक नागरिकों के वीजा रद्द, सिंधु जल संधि रुकी, हाईकमीशन में कटौती
पहलगाम में हुए आतंकवादी हमलों के संदर्भ में भारत ने कड़े फैसले लिए हैं। सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी की बैठक के बाद भारत ने पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए हैं। इसके अलावा दूतावासों में कटौती की गई है। साथ ही सिंधु जल समझौता भी रोक दिया है।

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमलों पर उच्च स्तरीय बैठक के बाद भारत ने ऐलान किया है कि पाकिस्तान के खिलाफ कुछ कड़े कदम उठाए जाएंगे। इसके तहत पाक उच्चायोग में कर्मचारियों की संख्या घटाई जाएगी, पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर उन्हें 48 घंटे में भारत छोड़ना होगा।
प्रधानमंत्री आवास पर हुई सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी की बैठक के बाद विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने पत्रकारों से बातचीत में भारत द्वारा लिए गए फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पहलगाम हमले पर सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति को दी गई जानकारी में आतंकवादी हमले के सीमा पार से तार जुड़े होने की बात को उजागर किया गया। विदेश सचिव ने कहा कि दुनिया भर की कई सरकारों ने समर्थन और एकजुटता प्रकट की है।
विदेश सचिव ने बताया कि, "इस आतंकवादी हमले की गंभीरता को समझते हुए, सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने फैसला किया है कि 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित रखा जाएगा, जब तक कि पाकिस्तान विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से सीमा पार आतंकवाद के लिए अपने समर्थन को त्याग नहीं देता।
उन्होंने आगे बताया कि यूनीफाइड चेकपोस्ट अटारी को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया जाएगा और जो लोग वैध तरीके के साथ सीमा पार कर चुके हैं, वे 1 मई 2025 से पहले उस मार्ग से वापस आ सकते हैं। विदेश सचिव ने बताया कि पाकिस्तानी नागरिकों को सार्क (SAARC) वीजा छूट योजना के तहत भारत की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। साथ ही पाकिस्तानी नागरिकों को पहले जारी किए गए किसी भी SPES वीजा को रद्द माना जाएगा। SPES वीजा के तहत वर्तमान में भारत में मौजूद किसी भी पाकिस्तानी नागरिक के पास भारत छोड़ने के लिए 48 घंटे हैं।
भारत ने यह भी फैसला लिया है कि नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा, सैन्य, नौसेना और वायुसेना सलाहकारों को अवांछित व्यक्ति घोषित किया जाएगा। उनके पास भारत छोड़ने के लिए एक सप्ताह का समय है। इसके अलावा भारत इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग से अपने रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को वापस बुलाएगा। संबंधित उच्चायोगों में ये पद निरस्त माने जाएंगे। विदेश सचिव ने बताया कि भारत और पाकिस्तान के उच्चायोगों कर्मियों की कुल संख्या में और कटौती करके उसे वर्तमान 55 से घटाकर 30 किया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट मीटिंग (CCS) में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, एनएसए अजित डोभाल समेत कई अफसर मौजूद थे। बैठक में निश्चय किया गया कि पहलगाम हमले के हमलावरों को न्याय के शिकंजे में लाया जायेगा और उनके प्रायोजकों को जवाबदेह ठहराया जायेगा। विदेश सचिव ने प्रेस से बातचीत में कहा कि भारत उन लोगों की तलाश में लगातार डटा रहेगा जिन्होंने आतंकवादी कृत्य किए हैं या उन्हें संभव बनाने की साजिश रची है।
उन्होंने बताया कि सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने समग्र सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की और सभी सुरक्षा बलों को उच्च सतर्कता बरतने का निर्देश दिया है। विदेश सचिव मिसरी ने कहा कि बैठक में इस बात का उल्लेख किया गया कि पहलगाम हमला जम्मू-कश्मीर में सफलतापूर्वक चुनाव होने और आर्थिक विकास की दिशा में इसकी निरंतर प्रगति के मद्देनजर हुआ।
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