इंडिगो ने DGCA के कारण बताओ नोटिस का भेजा जवाब, कहा- कई कारणों के प्रभाव से हुआ व्यवधान
इंडिगो ने डीजीसीए से अधिक समय की मांग करते हुए कहा कि संचालन के पैमाने और समस्याओं की जटिलता को देखते हुए अभी किसी एक सटीक कारण को चिन्हित कर पाना संभव नहीं है। विस्तृत और गहन 'रूट कॉज एनालिसिस' (आरसीए) के लिए अतिरिक्त समय की आवश्यकता है।

देश भर में करीब एक हफ्ते से बड़े पैमाने पर इंडिगो की उड़ानें रद्द होने और परिचालन व्यवधानों के बाद नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) द्वारा जारी शो कॉज नोटिस पर एयरलाइन ने अपना जवाब सौंप दिया है। इंडिगो ने 8 दिसंबर को शाम 6 बजकर 1 मिनट पर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) और मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) दोनों के हस्ताक्षर के साथ यह जवाब डीजीसीए को भेजा।
डीजीसीए ने सोमवार को कहा कि उसे इंडिगो की बड़े पैमाने पर उड़ानें रद्द होने पर जारी ‘कारण बताओ नोटिस’ पर एयरलाइन का जवाब मिल गया है और वह इस पर उचित कार्रवाई करेगा। डीजीसीए ने यह भी कहा कि एयरलाइन को उड़ानें रद्द होने के बाद ग्राहकों को हुई परेशानी और कठिनाइयों के लिए बहुत अफसोस है और इसके लिए उसने ‘बहुत खेद’ जताया है। डीजीसीए ने एक बयान में कहा कि वह नोटिस पर मिले जवाब की पड़ताल कर रहा है, और जो भी प्रवर्तन कदम उचित समझा जाएगा, वह कार्रवाई समय आने पर की जाएगी।
एयरलाइन ने अपने बयान में कहा है कि वह यात्रियों को हुई असुविधा और परेशानी को लेकर खेद व्यक्त करती है। इंडिगो के अनुसार उड़ानों में आई भारी गड़बड़ी कई कारकों के दुर्भाग्यपूर्ण और अप्रत्याशित मेल के कारण हुई, जिसने मिलकर परिचालन नेटवर्क पर दबाव बना दिया। इंडिगो ने डीजीसीए से अधिक समय की मांग करते हुए कहा है कि संचालन के पैमाने और समस्याओं की जटिलता को देखते हुए अभी किसी एक सटीक कारण को चिन्हित कर पाना संभव नहीं है।
कंपनी का कहना है कि डीजीसीए के नियमों के अनुसार किसी भी शो कॉज नोटिस का उत्तर देने के लिए 15 दिन का समय मिलता है, इसलिए विस्तृत और गहन 'रूट कॉज एनालिसिस' (आरसीए) के लिए अतिरिक्त समय की आवश्यकता है। इंडिगो ने यह भी आश्वासन दिया कि आरसीए पूरा होने के बाद उसकी विस्तृत रिपोर्ट डीजीसीए को सौंप दी जाएगी।
अपने प्रारंभिक विश्लेषण में एयरलाइन ने बताया कि इंडिगो नेटवर्क में उत्पन्न व्यवधान कई कारणों के सम्मिलित प्रभाव से हुए। इनमें छोटी-छोटी तकनीकी गड़बड़ियां, सर्दियों के सीज़न की शुरुआत के चलते शेड्यूल में बदलाव, प्रतिकूल मौसम स्थितियां, बढ़ती हवाई यातायात भीड़ और नए क्रू रोस्टरिंग नियमों (फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन- एफडीटीएल फेज 2) के लागू होने से उत्पन्न चुनौतियां शामिल हैं। इंडिगो ने यह भी स्पष्ट किया कि वह लंबे समय से इन नई एफडीटीएल नियमों पर डीजीसीए के साथ चर्चा कर रहा था और कुछ विनियामक छूटों तथा विस्तार की मांग भी कर रहा था।
इंडिगो ने कहा कि इन सभी कारकों के संयुक्त प्रभाव से दिसंबर के शुरुआती दिनों में नेटवर्क पर ऑन-टाइम परफॉर्मेंस गिरने लगी और इससे क्रू उपलब्धता पर भी प्रभाव पड़ा। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए इंडिगो ने 5 दिसंबर को अपने नेटवर्क का 'रीबूट' किया, जिसके तहत बड़ी संख्या में उड़ानें रद्द की गईं। कंपनी का कहना है कि यह निर्णय फंसे हुए यात्रियों को राहत देने, हवाई अड्डों पर बढ़ रही अव्यवस्था को कम करने और क्रू तथा विमान को पुनः प्रभावी ढंग से तैनात करने के उद्देश्य से लिया गया। इस नेटवर्क रीबूट के बाद 6 दिसंबर से सेवाएं धीरे-धीरे सामान्य होना शुरू हो गईं।
यात्रियों की सुविधाओं को लेकर इंडिगो ने दावा किया कि उसने डीजीसीए के नागरिक उड्डयन आवश्यकताओं के अनुसार नियमों के तहत भोजन, रिफ्रेशमेंट, होटल और स्थानीय परिवहन की व्यवस्था संभव सीमा तक उपलब्ध कराई। कंपनी ने अधिकांश प्रभावित यात्रियों को समय पर रिफंड भी जारी किए जाने की बात कही है। डीजीसीए इंडिगो के उत्तर की अब विस्तृत जांच कर रहा है और कहा है कि एयरलाइन के जवाब का परीक्षण करने के बाद नियमानुसार उचित प्रवर्तन कार्रवाई की जाएगी।
पिछले लगातार सात दिनों से इंडिगो के परिचालन में बड़े पैमाने पर रुकावटें आईं। इस दौरान हजारों उड़ानें रद्द करनी पड़ीं और कई उड़ानें देरी से संचालित हुईं। इस वजह से हजारों यात्रियों को मुश्किलें हुईं। देश भर के एयरपोर्ट पर हजारों यात्री फंसे रहे। इस दौरान दूसरी एयरलाइंस की टिकट के दाम ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। चौतरफा हंगामे के बाद डीजीसीए ने शनिवार को इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स और जवाबदेही प्रबंधक इसिड्रो पोर्केरास को कारण बताओ नोटिस जारी करके उड़ानों में पैदा हुए भारी गतिरोध पर 24 घंटे के अंदर जवाब मांगा था। बाद में एयरलाइन की तरफ से और समय मांगे जाने के बाद नोटिस का जवाब देने की समयसीमा को सोमवार शाम छह बजे तक बढ़ा दिया गया था।