जनता पर महंगाई की मार: शिवसेना ने पेट्रोल-डीजल के दाम पर मोदी सरकार को घेरा, कहा- क्या यही है अच्छे दिन?

शिवसेना की ओर से मुंबई के बांद्रा इलाके में पोस्टर लगाए गए हैं, जिसमें साल 2015 और साल 2020 के गैस, पेट्रोल और डीजल की कीमतों की तुलना की गई और पूछा गया कि क्या यही है अच्छे दिन?

फोटो: सोशल मीडिया
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विनय कुमार

जनता पर महंगाई की मार जारी है। तेल और रसोई गैस की बढ़ती कीमतों ने आम जनता की कमर तोड़ रखी है। इसका विरोध करते हुए शिवसेना की युवा शाखा यानि युवा सेना ने जगह-जगह पर नई कीमतों के बैनर लगाए हैं। युवा सेना ने ये बैनर बांद्रा पश्चिम में कई पेट्रोल पंपों और सड़क के किनारों पर बैनर लगाया है और लिखा है कि क्या यही है अच्छे दिन? इन पोस्टरों में 2015 में पेट्रोल के दाम 64.60 रुपये बताए गए हैं जबकि 2021 में यह 96.62 रुपये प्रति लीटर हो गया है।

बता दें कि देश में पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस के बढ़ते दामों को देखते हुए विपक्षी पार्टियां विरोध प्रदर्शन कर रही हैं। बीते शनिवार को डीजल की कीमत में 37 से 39 पैसे तक की बढ़ोतरी हुई थी, तो वहीं पेट्रोल की कीमत भी 38 से 39 पैसे तक बढ़ी थी। दिल्ली और मुंबई में पेट्रोल की कीमत अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है।

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