दिल्ली में युवाओं को रोजगार देने की बजाय बेरोजगार कर रही BJP सरकार, आप ने लगाया आरोप
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि 7 मई को हुई बैठक के विवरण में दिल्ली में ज्यादातर मोहल्ला क्लीनिक बंद करने की योजना के संकेत दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि इसका कारण यह बताया गया है कि इन क्लीनिकों की जगह आयुष्मान आरोग्य मंदिर बनाए जाएंगे।

आम आदमी पार्टी (आप) ने शुक्रवार को दिल्ली की बीजेपी सरकार पर मोहल्ला क्लीनिक के हजारों चिकित्सकों, नर्स, फार्मासिस्ट और अलग-अलग कार्यों से जुड़े कर्मियों को बर्खास्त करने का आरोप लगाया। आप ने कहा कि बीजेपी सरकार न केवल रोजगार देने में विफल रही है, बल्कि हजारों लोगों को बेरोजगार कर रही है। दिल्ली में सैकड़ों डॉक्टर, फार्मासिस्ट, नर्स और अस्पतालों में काम करने वाले टेक्नीशियन मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के 'जनता दरबार' में पहुंचे, जहां उन्होंने अपनी नौकरी से हटाए जाने पर नाराजगी जताई और इसका कारण जानना चाहा।
आप नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि पहले 10,000 बस मार्शलों की नौकरी छीनी गई और अब मोहल्ला क्लिनिकों में कार्यरत स्वास्थ्यकर्मियों को बेरोजगार कर दिया गया है। ये सभी कर्मचारी 2017 से 2025 तक नियमित रूप से सेवाएं दे रहे थे और उनके घर का खर्च इसी नौकरी से चलता था। आप नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने यह आश्वासन दिया था कि केजरीवाल सरकार की जनकल्याण योजनाओं को बंद नहीं किया जाएगा। इसके बावजूद, अब मोहल्ला क्लिनिकों को बंद किया जा रहा है और वहां काम कर रहे डॉक्टरों, फार्मासिस्टों और अन्य स्टाफ को हटाया जा रहा है।
आप की दिल्ली इकाई के प्रमुख सौरभ भारद्वाज ने कहा कि 7 मई को हुई बैठक के विवरण में दिल्ली में ज्यादातर मोहल्ला क्लीनिक बंद करने की योजना के संकेत दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि इसका कारण यह बताया गया है कि इन क्लीनिकों की जगह आयुष्मान आरोग्य मंदिर बनाए जाएंगे और जहां भी आरोग्य मंदिर बनेंगे, वहां नजदीकी मोहल्ला क्लीनिक की जरूरत नहीं होगी। भारद्वाज के अनुसार, बयान में कहा गया है कि क्लीनिक केवल आरोग्य मंदिरों के निर्माण तक ही चालू रहेंगे, उसके बाद क्लीनिक और उनके कर्मियों को हटा दिया जाएगा।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी यह सब राजनीतिक द्वेष के तहत कर रही है। पहले भी योगा टीचर्स, डाटा एंट्री ऑपरेटर्स और अन्य अस्थायी कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया गया था और अब यह क्रम स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों तक पहुंच गया है। भारद्वाज ने कहा, “अरविंद केजरीवाल की सरकार में गरीबों को नौकरी मिली। आज बीजेपी के राज में उन्हें बिना यह सोचे हटाया जा रहा है कि वे अपना घर कैसे चलाएंगे और अपने परिवार का पेट कैसे भरेंगे।”
सौरभ भारद्वाज ने उपराज्यपाल के करीबी अफसरों के ट्रांसफर पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि ए.सी. वर्मा ने दिल्ली जल बोर्ड के हजारों करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट रोक दिए, पेंशन और वेतन वितरण में बाधा डाली और कई योजनाओं में अड़चनें पैदा कीं। अब जब बीजेपी की सरकार है तो उन्हें डर है कि अगर वे इन फाइलों को अनुमति देंगे तो जेल जा सकते हैं। यही कारण है कि ऐसे अधिकारियों का ट्रांसफर कर दिल्ली से बाहर भेजा जा रहा है।
आप का कहना है कि बीजेपी की सरकार जनहित की योजनाओं को बंद कर, न केवल जनता के साथ अन्याय कर रही है बल्कि हजारों परिवारों को बेरोजगारी की गर्त में धकेल रही है। पार्टी ने मांग की है कि सभी हटाए गए कर्मचारियों को पुनः बहाल किया जाए और जनकल्याण योजनाओं को बिना किसी भेदभाव के जारी रखा जाए।
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