IPS खुदकुशी मामलाः पद से हटाए गए रोहतक के एसपी, मामले में बड़ा एक्शन या लीपापोती का प्रयास!
पूरन कुमार ने सुसाइड नोट में जिन अफसरों का जिक्र किया था, उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। जिन 15 सेवारत और सेवानिवृत्त आईएएस और आईपीएस अधिकारियों का जिक्र है, उनमें हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर और रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजारणिया का नाम शामिल था।

हरियाणा सरकार ने दलित आईपीएस अधिकारी वाई पुरन कुमार आत्महत्या मामले में रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजारणिया को उनके पद से हटा दिया है। अब उनकी जगह पर इस पद की जिम्मेदारी सुरेंद्र सिंह भौरिया को सौंपी गई है। हरियाणा सरकार के गृह विभाग ने यह जानकारी अधिसूचना जारी करके दी है।
आईपीएस वाई पूरन कुमार की पत्नी अमनीत पी. कुमार ने अपनी शिकायत में हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर और रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजारनिया पर आरोप लगाया था कि दोनों उनके पति का मानसिक उत्पीड़न कर रहे थे। इसी के चलते उनके पति ने आत्महत्या कर ली। अमनीत ने दोनों अधिकारियों पर एससी-एसटी एक्ट के तहत कार्रवाई की मांग की है।
अमनीत ने कहा था कि उनके पति पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ काम करते थे। यह मेरे लिए बहुत ही दुर्भाग्य की बात है कि वे अपने घर में मृत पाए गए। इसे आत्महत्या का नाम दिया जा रहा है, लेकिन मेरी आत्मा कहती है कि यह लगातार उनके मानसिक उत्पीड़न का परिणाम है। अमनीत ने कहा कि मेरे पति मुझे बताते थे कि उनके साथ जाति के आधार पर भेदभाव होता था। उनके वरिष्ठ अधिकारी लगातार उनका मानसिक शोषण करते थे। उन्होंने यह भी कहा था कि मेरे खिलाफ कोई साजिश हो रही है और मुझे फंसाने की कोशिश की जा रही है और यह सब डीजीपी के इशारे पर हो रहा है।
दिवंगत एडीजीपी वाई पूरन कुमार ने अपने सुसाइड नोट में जिन अधिकारियों का जिक्र किया था, उन सभी के खिलाफ गुरुवार को प्राथमिकी दर्ज की गई थी। सुसाइड नोट में जिन 15 सेवारत और सेवानिवृत्त आईएएस और आईपीएस अधिकारियों का जिक्र है, उनमें हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर और रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजारणिया का नाम शामिल था।
बता दें कि हरियाणा के वरिष्ठ दलित आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार ने वरिष्ठ अधिकारियों की ओर से किए जा रहे मानसिक उत्पीड़न से परेशान होकर पिछले दिनों चंडीगढ़ में अपने घर पर खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। इस घटना के वक्त उनकी पत्नी और आईएएस अधिकारी अमनीत सरकारी दौरे पर विदेश में थीं। दलित आईपीएस की आत्महत्या से अब लोगों में आक्रोश देखने को मिल रहा है। लोग इसमें शामिल अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
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