देशव्यापी हिंसा और विरोध प्रदर्शनों के बीच इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने टाला न्यायिक सुधारों का फैसला

इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने विवादित न्यायिक सुधारों को एक माह के लिए टाल दिया है। देश भर में हिंसक प्रदर्शन और सरकार पर गहराते संकट के बीच नेतन्याहू को यह फैसला लेना पड़ा है।

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नवजीवन डेस्क

इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने न्यायिक सुधारों की उन योजनाओं को अगले महीने तक टाल दिया है जिनके खिलाफ देश भर में हिंसक विरोध प्रदर्शन हो रहे थे। इन प्रदर्शनों के कारण इजरायल पर अब तक का सबसे बड़ा संकट मंडराने लगा था और आशंका जताई जा रही थी कि नेतन्याहू की गठबंधन सरकार को इस्तीफा देना पड़ सकता है।

हालांकि अभी यह साफ नहीं है कि न्यायिक सुधारों के बिल को संसद के अगले सत्र के लिए टाले जाने से इसके समर्थक और विरोधी शांत होंगे या नहीं। इजरायल के संकट के कल ही वहां के सेना प्रमुख ने अभूतपूर्व कहा था। न्यायिक सुधारों के बिल को यहूदी सत्ता के चरम दक्षिणपंथी साझीदारों ने सामने रखा था, जिसके बाद कानून मंत्री को उनके पद से हटा दिया गया था।

इस बीच चरम दक्षिणपंथी नेता और इजरायल के सुरक्षा मंत्री इचेमार बेन-ग्विर ने कहा है कि वे फिलहाल इस बिल को टालने के लिए राजी हो गए हैं, लेकिन सरकार ने वादा किया है कि वह इसे संसद के अगले सत्र में लेकर आएगी।

न्यायिक सुधारों की योजना के विरोधियों की आपत्ति है कि इस बिल से न्यायिक प्रक्रियाओं पर संसद का नियंत्रण हो जाएगा जोकि लोकतंत्र के लिए एक बड़ा खतरा साबित होगा। इसके साथ ही सुधार विरोधियों के समर्थन में लाखों लोग सड़कों पर निकल आए, जिसके जवाब में बिल के समर्थक भी जवाबी प्रदर्शन करने लगे। समर्थकों में दक्षिणपंथी फुटबॉल फैंस भी शामिल हैं।

विरोध प्रदर्शनों के चलते गुरियन एयरपोर्ट से आने जाने वाली फ्लाइट को रोक देना पड़ा है, साथ ही समुद्री मार्ग, बैंक, अस्पताल और मेडिकल सेवाएं भी ठप्प हो गई हैं। ऐसा नेशनल लेबर यूनियन के अध्यक्ष हिस्तादुर्त के आह्वान के बाद हुआ जो इस न्यायिक सुधार के खिलाफ हैं।

दरअसल इजरायली रक्षा मंत्री योआव गालांत की बर्खास्तगी के बाद राजनीतिक संकट और गहरा गया था। प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू ने रविवार को उन्हें बर्खास्त कर दिया था, क्योंकि एक दिन पहले ही गालांत ने न्यायिक सुधारों को खारिज कर दिया था और  सरकार को आलोचकों से बात करने के लिए कहा था। रक्षा मंत्री की बर्खास्तगी के बाद नेतन्याहू की गठबंधन सरकार पर सकंट और गहरा हो गया है।


इस बीच प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने सोमवार को ट्वीट करके कहा कि, "मैं येरुशलम में दक्षिण से लेकर वाम तक सभी प्रदर्शकारियों से मांग करता हूं कि वो जिम्मेदारी से व्यवहार करें और हिंसा का इस्तेमाल ना करें। हम सभी भाई हैं।" लेकिन रक्षा मंत्री की बर्खास्तगी और नेतन्याहू की दक्षिणपंथी सरकार की सुधार योजनाओं को लेकर लोगों की नाराजगी इजरायल की सड़कों पर  साफ साफ नजर आ रही है। हजारों की संख्या में लोग इजरायली झंडा और नारे लिखी तख्तियां लेकर येरुशलम में संसद के सामने जमा हो गये हैं।

प्रदर्शनकारियों और पुलिस में टकराव

इससे पहले रविवार को प्रदर्शनकारियों ने येरुशलम की मुख्य सड़क को इजरायली राष्ट्रीय झंडों से जाम कर दिया और टायर जलाये। पुलिस ने भीड़ को तितर बितर करने के लिए घुड़सवार दस्ते और पानी की बौछार का इस्तेमाल किया। लोगों ने पुलिस अधिकारियों पर पथराव भी किया। कुछ प्रदर्शनकारी नेतन्याहू के घर के पास एक बैरिकेड तोड़ कर आगे चले गये।

इस बीच खबरें हैं कि इजरायल की घरेलू खुफिया एजेंसी शइन बेट के प्रमुख रात में इलाके का दौरा किया। रक्षा मंत्री गालांत की बर्खास्तगी और सुधार योजनाओं पर विरोध जताने के लिए यूनिवर्सिटियों में फिलहाल पढ़ाई बंद कर दी गई है।  कई शहरों के मेयर भूख हड़ताल पर बैठ गये हैं और राष्ट्रीय संकट के तुरंत समाधान की मांग कर रहे हैं। लगातार प्रदर्शनों का असर सोमवार को तेल अवीव के अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर भी नजर आया जब मजदूर संगठनों के महासंघ ने ऐतिहासिक "आम हड़ताल" की घोषणा कर दी। उड़ानों का समय बदलने के कारण हजारों लोग प्रभावित हुए हैं।

नेतन्याहू ने आपात बैठक के बाद लिया फैसला

संकट को बढ़ते देख नेतन्याहू ने आगे की रुपरेखा तय करने के लिए आपातकालीन बैठक बुलाई थी, जिसके बाद खबरें आ रही हैं कि नेतन्याहू ने गठबंधन के नेताओं से चर्चा के बाद न्यायिक सुधारों के बिल को फिलहाल एक माह के लिए टाल दिया है। हालांकि मीडिया में ऐसी खबरें भी आ रही हैं कि कई मंत्रियों ने सुधारों को रोकने की स्थिति में इस्तीफा देने की बात कही है।

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