चीनी सामान पर कसेगा शिकंजा, पैकेट पर देश का नाम नहीं लिखने पर मिलेगी सजा, हो सकती है जेल 

कानून में पैकेट में मिलने वाले हर उत्पाद के पैकेट पर वांछित जानकारी देना अनिवार्य है और ये जानकारी ई-कॉमर्स कंपनियों को भी अपनी साइट पर देनी होगी। ऐसा न करने पर कानूनी तौर पर जुर्माना या जेल या जुर्माने के साथ-साथ जेल की सजा का प्रावधान है।

फोटो : आईएएनएस
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आईएएनएस

देश में चीनी उत्पादों के बहिष्कार को लेकर आवाज पहले से ही तेज है और अब वस्तुओं के साथ उसे बनाने वाले देश की जानकारी मिलने से आने वाले दिनों में देश में चीनी सामान पर शिकंजा कसने की संभावना बढ़ गई है। केंद्र सरकार ने ई-कॉमर्स कंपनियों से उनकी साइट पर बिकने वाले उत्पादों को बनाने वाले देश का नाम भी लिखने को कहा है। विधिक माप-पद्धति (पैकेज्ड वस्तु) अधिनियम 2011 में किए गए संशोधन के बाद अब विनिर्माणकर्ता, आयातक और पैकिंग करने वाली कंपनियों व ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए वस्तुओं के साथ उनके मूल देश यानी कंट्री ऑफ ओरीजिन का जिक्र करना जरूरी है।

कानून में पैकेट में मिलने वाले हर उत्पाद के पैकेट पर वांछित जानकारी स्पष्ट अक्षरों में देना अनिवार्य है और पैकेट पर दी गई सारी जानकारी ई-कॉमर्स कंपनियों को भी उत्पाद के साथ स्पष्ट अक्षरों में अपनी साइट पर देनी होगी। काननू में दिए गए नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माना या जेल या जुर्माने के साथ-साथ जेल की सजा का प्रावधान है। कानून के प्रावधानों के अनुसार, पैकेट में बिकने वाली वस्तुओं के संबंध में कानून में उल्लिखित जानकारी नहीं देने पर दोषी को पहले अपराध के रूप में 25,000 रुपये तक का जुर्माना देना होगा, वहीं, दूसरी बार इसी प्रकार के अपराध के लिए 50,000 रुपये तक का जुर्माना देना होगा। लेकिन इसके बाद के अपराध के लिए एक लाख रुपये तक जुर्माना या एक साल तक जेल की सजा या दोनों हो सकता है।


केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक विरतण मंत्री राम विलास पासवान ने हाल ही में एक प्रेसवार्ता के दौरान बताया कि इस नियम का सख्ती से पालन करवाने के लिए मंत्रालय की ओर से सभी राज्यों को निर्देश दिया गया है। बता दें कि लद्दाख की गलवान घाटी में चीन की सेना के साथ हुई झड़प में भारतीय सेना के एक अधिकारी समेत 20 सैनिकों की शहादत के बाद प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने अपने मंत्रालय को किसी प्रकार के चीनी उत्पाद की खरीद नहीं करने का निर्देश दिया था।

गलवान की घटना के बाद चीनी उत्पादों का बहिष्कार को लेकर आवाज तेज हो गई है। चार्टर्ड अकाउंटेंट अजीत कुमार का कहना है कि आयातित वस्तुओं पर पहले भी उस देश का नाम लिखना अनिवार्य था, मगर अब इस नियम के सख्ती से पालन होने पर निस्संदेह चीनी उत्पादों पर शिकंजा कसेगा।

इंडियन इंपोर्ट्स चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के डायरेक्टर टी. के. पांडेय ने कहा कि उत्पादों के पैकेट और ई-कॉमर्स साइट पर उत्पाद विनिर्माता मूल देश का नाम लिखने के नियम का सख्ती से पालन होने से चीनी उत्पादों की मांग घटेगी जिसका सीधा फायदा घरेलू उद्योग को होगा। उन्होंने कहा कि चीन से तैयार माल का सस्ता आयात होने से घरेलू कारोबार बुरी तरह प्रभावित हो गया था, लेकिन इस पर लगाम कसने से घरेलू कारोबार बढ़ेगा।

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