कश्‍मीर में पाबंदियों में अभी ढील नहीं, राज्यपाल ने बकरीद और जुमे की नमाज की व्यवस्था के लिए दिए निर्देश

जम्मू और कश्मीर के बदले हालात के बीच राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने अधिकारियों को राज्य के बाहर पढ़ाई करने वाले उन छात्रों की मदद के लिए कहा है, जो बकरीद पर घर आना चाहते हैं। उन्होंने उपायुक्त कार्यालय में टेलीफोन लगाने को कहा है ताकि छात्र परिजन से बात कर सकें।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

धारा 370 खत्म होने और जम्मू और कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद आज राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने अगले हफ्ते आने वाली बकरीद को लेकर अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक में उन्होंने राज्य के बाहर रहकर पढ़ने वाले उन छात्रों को सुविधाएं मुहैया कराने के निर्देश दिए, जो बकरीद पर घर आना चाहते हैं।

इसके साथ ही उन्होंने राज्य के बाहर रहकर पढ़ रहे छात्रों के बकरीद मनाने की व्यवस्था करने के लिए अलग-अलग जगह मौजूद सभी लायजनिंग अधिकारियों को निर्देश देते हुए उन्हें इसके लिए एक-एक लाख रुपए की राशि उपलब्ध कराने का भी ऐलान किया। इसके अलावा बैठक में उन्होंने सभी उपायुक्तों के कार्यालय में टेलीफोन लगाने के भी निर्देश दिए, ताकि जिसकी मदद से राज्य के बाहर रहे छात्र अपने परिजनो से बात कर सकें।

बैठक में राज्यपाल सत्यपाल मलिक को अधिकारियों ने बताया कि ईद के अवसर पर कुर्बानी का जानवर खरीदने के लिए लोगों की सुविधा के लिए घाटी में विभिन्न स्थानों पर मंडियों की स्थापना की जाएगी। इसके साथ ही अधिकारियों ने बताया कि इस अवसर पर घाटी में राशन की दुकानों, किराने और दवा की दुकानों को खुला रखने का आदेश दिया गया है।


हालांकि, धारा 370 हटने और जम्मू और कश्मीर के बदले हालात के बाद भी राज्य में कहीं से कोई अप्रत्याशित घटना सामने नहीं आने पर इस बैठक को लेकर उम्मीद की जा रही थी कि इसमें घाटी में आम जनजीवन पर लगी पाबंदियों में ढील को लेकर कोई ऐलान हो सकता है। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। हालांकि, राज्यपाल ने कुछ एक-दो लुभावने ऐलान जरूर किए हैं, लेकिन ये देखने वाली बात होगी कि ये ऐलान दूरदराज के इलाकों में रह रहे आम कश्मीरियों को कितनी राहत देने वाली साबित होगी।

राज्य में अभी भी हालात सामान्य नहीं हुए हैं। कश्मीर घाटी में अभी भी कर्फ्यू जैसे हालात हैं। बाहर सड़कों से लेकर गलियों तक में सेना और अर्द्धसैनिक बल के जवान मुस्तैद हैं और लोग घरों में कैद हैं। पूरी कश्मीर घाटी में मोबाईल, इंटरनेट, केबल टीवी और यहां तक कि लैंड लाइन फोन भी बंद हैं। आगे आने वाले दिनों में भी हालात सामान्य होने के आसार नहीं हैं।

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