जम्मू-कश्मीरः राफेल डील में फंसे अनिल अंबानी की कंपनी को मिला बीमा का ठेका रद्द, राज्यपाल ने बताया फर्जी

जम्मू-कश्मीर के 4 लाख सरकारी कर्मचारियों के लिए प्रस्तावित बीमा योजना का ठेका रिलायंस कंपनी को दिया गया था। इसमें धांधली की शिकायतें सामने आने के बाद राज्यपाल ने इस योजना को ठंडे बस्ते में डालने का फैसला किया है।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

राज्य के 4 लाख सरकारी कर्मचारियों के लिए प्रस्तावित मेडिकल बीमा योजना के लिए अनिल अंबानी की कंपनी को मिले ठेके को जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने रद्द कर दिया है। महज एक महीने पहले शुरू हुई इस योजना के ठेके में भ्रष्टाचार की आशंका जताते हुए प्रदेश के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने बुधवार को इसे रद्द करने का आदेश दे दिया। खबरों के अनुसार इस योजना के लिए अनिल अंबानी की रिलायंस कंपनी को दिये गए ठेके में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं की खबरों को राज्यपाल ने काफी गंभीरता से लेते हुए ये फैसला लिया है।

राज्यपाल ने ठेके को रद्द् करने की घोषणा करते हुए कहा, “मैंने सरकारी कर्मचारियों के लिए जम्मू-कश्मीर ग्रुप मेडिकल इंश्योरेंस पॉलिसी को रद्द करने का आदेश दिया है। मैं मामले की तह तक गया और यह ठेका धोखाधड़ी से भरा हुआ था। इस संबंध में औपचारिक आदेश अगले दो दिनों में जारी किये जाएंगे।” उन्होंने नीति के गलत क्रियान्वयन के लिए वित्त विभाग को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि ठेका देने की पूरी प्रक्रिया काफी गुप्त रखी गई थी और यहां तक कि एक विशेष कंपनी की सुविधा के लिए छुट्टियों के दिन निविदाएं खोली गई थीं।

दिलचस्प बात ये है कि सत्यपाल मलिक के राज्य का राज्यपाल बनने के फौरन बाद ही उनके प्रशासन द्वारा राज्य के 4 लाख सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को कवर करने के उद्देश्य से प्रस्तावित बीमा योजना का ठेका रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी (आरजीआईसी) को दिया गया था। सत्यपाल मलिक ने कहा, “मैंने मुख्य सचिव से बात की और बीमा कंपनी के साथ अनुबंध को तुरंत वापस लेने का निर्देश दिया।"

गौरतलब है कि बीते 26 सितंबर को राज्य सरकार के वित्त विभाग ने ग्रुप मेडिक्लेम इंश्योरेंस पॉलिसी (जीएमआईपी) के नाम से इस महत्वाकांक्षी बीमा योजना की शुरुआत की थी। इसके तहत मौजूदा 4 लाख सरकारी कर्मचारियों के अलावा इस योजना में पेशन धारकों और पत्रकारों को भी बीमा सुविधा देने की व्यवस्था की गई थी। लेकिन इसमें बड़े पैमाने पर धांधली उजागर होने के बाद अब इसे रोकने का फैसला किया गया है।

बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी इस बीमा योजना का ठेका अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस को दिये जाने पर सवाल उठाए थे। उन्होंने एक ट्वीट कर कहा था, “अगर पीएम आपके खास दोस्त हों तो बिना किसी अनुभव के भी आपको 1,30,000 करोड़ रुपये का राफेल ठेका मिल सकता है। इतना ही नहीं जम्मू-कश्मीर के 400,000 सरकारी कर्मचारियों को भी जबरन आपकी कंपनी से स्वास्थ्य बीमा खरीदने के लिए मजबूर किया जाएगा।”

हालांकि इन ठेका दिये जाने में अनियमितता के आरोपों को नकारते हुए जम्मू और कश्मीर सरकार ने कहा था कि अंबानी की कंपनी को ठेका निष्पक्ष तरीके से दिया गया है। सरकार की ओर से कहा गया था कि इस योजना को काफी सोच-विचार और निष्पक्षता के साथ शुरू किया गया है। और कंपनी को ठेका दिए जाने से पहले मुख्य सतर्कता आयुक्त के निर्देशों का पूरा-पूरा पालन किया गया है।

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