जन आशीर्वाद यात्रा के रास्ते में जब सत्ता विरोधी लहर के झोंके आए तब लौटकर ‘मामा’ घर को आए

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की जन आशीर्वाद यात्रा के अचानक रोके जाने से मध्य प्रदेश में बीजेपी की हालत खस्ता होने के संकेत मिल रहे हैं। इस यात्रा को पूरे 230 विधानसभा क्षेत्रों में जाना था। लेकिन यात्रा 187 विधानसभा क्षेत्रों में बमुश्किल से पहुंच पाई।

फोटो: सोशल मीडिया 
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नवजीवन डेस्क

मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान की महत्वाकांक्षी जन आशीर्वाद यात्रा को बीजेपी ने बीच में खत्म कर दिया है। खबरों के मुताबिक, जन आशीर्वाद यात्रा को जबलपुर में खत्म कर दिया गया, जबकि इस यात्रा को पूरे 230 विधानसभा क्षेत्रों में जाना था। लेकिन यात्रा 187 विधानसभा क्षेत्रों में ही बमुश्किल से पहुंच पाई। बीजेपी के प्रदेश प्रभारी और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने यात्रा रोके जाने की पुष्टि की है। उनका कहना है कि पार्टी की चुनाव की तैयारियों के चलते यात्रा रोकी गई है।

कांग्रेस ने इस यात्रा को लेकर एक बार फिर हमला बोलते हुए शिवराज सिंह का फ्लॉप शो बताया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने सीएम शिवराज सिंह पर निशाना साधते हुए ट्वीट कर कहा, “जन आशीर्वाद यात्रा को लेकर घोषणा तो की थी चुनाव तक चलाएंगे। लेकिन जबरन आशीर्वाद यात्रा को आखिर कब तक खींचते। जनता नदारद, सरकारी भीड़ नदारद, विरोध जारी और अब तो बीजेपी भी नदारद होने लगे थे। वही जन आशीर्वाद यात्रा के दौरा सीएम शिवराज सिंह चौहान ने झूठे सपने, झूठे वादे के अलावा कुछ नहीं किया। अब जनता भी इस हकीकत को समझ चुकी है।”

कमलनाथ ने आगे कहा कि शुरुआत में बीजेपी सरकारी कर्मचारियों, पटवारियों और आशा कार्यकर्ताओं को यात्रा में शामिल होने के लिए कहती थी, लेकिन जब चुनाव आचार संहिता लागू हो गया तो ये कर्मचारी चुनावी ड्यूटी के कारण यात्रा में शिरकत नहीं कर पा रहे थे। इतना ही नहीं नाराज किसान भी अपनी मांगों के लेकर सीएम का घेर रहे थे।

सीएम की जन आशीर्वाद यात्रा पर एक नजर:

शुरुआत- 14 जुलाई को उज्जैन से
समापन- 25 अक्टूबर जबलपुर में
रथ पहुंचा- 187 विधानसभा क्षेत्र में
यात्रा से छूटी सीटें- 43 विधानसभा क्षेत्रों में

बता दें कि जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान सीएम शिवराज सिंह को कई जगहों पर जनता के साथ अपने कार्यकर्ताओं का भी गुस्सा झेलना पड़ा था। 21 अक्टूबर को इंदौर में सीएम शिवराज सिंह चौहान की जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान बीजेपी की एकता की पोल खुल गई थी। सीएम की जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान बीजेपी के ही कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए थे और उनके बीच जमकर लात-घूंसे चले थे। इस दौरान कई कार्यकर्ताओं को चोटें आई थी।

इसके अलावा 18 सितंबर को जन आशीर्वाद यात्रा के काफिले पर रतलाम जिले के ताल थाना क्षेत्र में कुछ लोगों ने पथराव कर दिया था। इस पथराव से काफिले में शामिल पुलिस के वाहनों के कांच टूट गए थे और दो पुलिसकर्मियों को चोटें आई थी। वहीं 15 जुलाई को इंदौर में इस यात्रा को काले झंडे भी दिखाए गए थे।

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में 28 नवंबर को मतदान होगा और मतगणना 11 दिसंबर को होगी। बीजेपी 15 साल से सत्ता पर काबिज है और इस बार वोटरों में उसके प्रति नाराजगी देखी जा रही है। सीएम शिवराज सिंह से सामने सत्ता बचाए रखने की चुनौती है।

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Published: 26 Oct 2018, 12:02 PM