JDU सांसद ने बिहार में वोटर वेरिफिकेशन का किया विरोध, विधायक ने भी प्रक्रिया पर उठाए गंभीर सवाल
जेडीयू नेतृत्व बार-बार बीजेपी की लाइन लेकर बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण की प्रक्रिया को सही ठहराने की कोशिश कर रहा है, लेकिन अब उसके सांसद और विधायक ही खुलकर इस प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर रहे हैं।

बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर बीजेपी की सहयोगी जेडीयू में भी विरोध के स्वर उभरने लगे हैं। जेडीयू सांसद गिरिधारी यादव ने एसआईआर का बुधवार को विरोध करते हुए कहा कि इससे पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव के नतीजों पर सवाल उठेंगे। वहीं, जेडीयू विधायक डॉ संजीव ने भी एसआईआर का विरोध करते हुए इस विवादित प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं।
सांसद गिरिधारी यादव ने दावा किया कि एसआईआर अभियान ने लोगों खासकर गरीबों को थका दिया है और परेशान कर दिया है और ऐसे लगता है कि मानो वे किसी चिकित्सीय आपात स्थिति में हों। यादव ने कहा, ‘‘लोग अभी धान की खेती में व्यस्त हैं। अब उन्हें सभी प्रकार के दस्तावेज़ ढूंढ़ने होंगे और अधिकारियों के पास जमा करने होंगे। उन्हें बहुत परेशानी हो रही है।’’ यादव ने कहा कि आयोग को एसआईआर के लिए कम से कम छह महीने का वक्त देना चाहिए ताकि पात्र मतदाताओं को आवश्यक प्रमाण दाखिल करने के लिए पर्याप्त समय मिल सके और उन लोगों का नाम हटाया जा सके जिनके पास मतदान का अधिकार नहीं है।
बांका से लोकसभा सांसद सवाल किया कि अगर मतदाता सूची लोकसभा चुनाव के लिए सही थी, तो कुछ महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए यह गलत कैसे हो सकती है? उन्होंने कहा, ‘‘क्या मुझे गलत मतदाता सूची के आधार पर चुना गया है? इससे पूरी चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठेंगे।’’ उन्होंने कहा कि इस ‘जल्दबाज़ी’ वाली प्रक्रिया के कारण बिहार से बाहर रहने वाले लाखों प्रवासी अपने मताधिकार से वंचित हो सकते हैं।
एसआईआर को अपनी पार्टी के समर्थन के बारे में पूछे जाने पर गिरधारी यादव ने कहा कि वह एक लोकसभा सदस्य के रूप में अपनी स्वतंत्र राय व्यक्त कर रहे हैं। यादव ने अपना उदाहरण देते हुए कहा कि उन्हें दस्तावेज़ इकट्ठा करने में 10-11 दिन लगे। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा बेटा अमेरिका में रहता है...मुझे नहीं पता कि मेरा बेटा अब बिहार में मतदाता होगा या नहीं।’’
बीजेपी की सहयोगी जेडीयू में बिहार में एसआईआर पर विरोध के स्वर उभरने लगे हैं। सांसद गिरधारी यादव के साथ ही एक जेडीयू विधायक ने भी एसआईआर पर सवाल उठाया है। जेडीयू विधायक डॉ संजीव ने आज गिरधारी यादव का समर्थन करते हुए कहा कि इस प्रक्रिया पर सवाल उठना लाजिमी है। उन्होंने कहा कि खुद मेरे विधानसभा क्षेत्र में बहुत सारे ऐसे मतदाता है हैं, जो बाहर रहकर मजदूरी करते हैं। ऐसे लोग अपना फॉर्म नहीं भर पा रहे हैं। ऐसे में समस्या साफ दिख रही है।
विधायक डॉ संजीव ने कहा कि बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर देश के दूसरे शहरों में घूम-घूम कर काम करते हैं। न उन्होंने अब तक फॉर्म भरा है और न ही उनसे संपर्क हो पा रहा है। इतने कम समय में यह प्रक्रिया पूरी हो ही नहीं सकती है। ऐसे में बहुत सारे पात्र लोगों के नाम वोटर लिस्ट से कटना तय है। उन्होंने कहा कि इसका नुकसान किसी एक दल को नहीं होगा, बल्कि सभी दलों और नेताओं को होगा।
दूसरी तरफ, बीजेपी की सहयोगी पार्टी, जेडीयू लगातार एसआईआर का बचाव करते हुए कह रही है कि इसका उद्देश्य योग्य मतदाताओं की पहचान करना है ताकि संदिग्ध घुसपैठियों सहित अयोग्य मतदाता मतदान न कर सकें। जेडीयू नेतृत्व बार-बार बीजेपी की लाइन लेकर इस प्रक्रिया को सही ठहराने की कोशिश कर रहा है, लेकिन अब उसके सांसद और विधायक ही खुलकर इस प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia