झारखंडः झरिया में बारिश से जर्जर क्वार्टर धंसा, दो बच्चों समेत तीन की मौत, चार लोग घायल, BCCL के खिलाफ नाराजगी
हादसे के बाद स्थानीय लोगों का गुस्सा बीसीसीएल प्रबंधन पर फूट पड़ा। लोगों का आरोप है कि वर्षों से खाली पड़े जर्जर आवास को गिराने की मांग की जाती रही, लेकिन कंपनी ने कोई कार्रवाई नहीं की। अगर समय रहते इन मकानों को तोड़ा जाता, तो लोगों की जान बच सकती थी।

झारखंड के धनबाद जिला में बीसीसीएल (बिहार कोकिंग कोल लि.) के झरिया लोदना क्षेत्र संख्या-10 स्थित एक जर्जर क्वार्टर ढहने से दो बच्चों सहित तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि चार अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। मृतकों में गोपाल शर्मा (25 वर्ष), चिराग कुमार (10 वर्ष) तथा सुषमा कुमारी (11 वर्ष) शामिल हैं। घायलों को इलाज के लिए शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में दाखिल कराया है।
बताया जा रहा है कि बुधवार की शाम अचानक हुई जोरदार बारिश से बचने के लिए कुछ बच्चे एक जर्जर क्वार्टर में छिप गए थे। तभी उसका एक हिस्सा भरभराकर गिर पड़ा और बच्चे समेत अन्य लोग मलबे में दब गए। घटना के बाद इलाके में अफरा-तफरी मच गई। स्थानीय लोगों ने तत्काल जेसीबी मंगवाकर रेस्क्यू अभियान चलाया और मलबे में दबे सभी बच्चों को बाहर निकाला।प्राथमिक उपचार के बाद गंभीर घायलों को एंबुलेंस से शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेजा गया।
इस दर्दनाक हादसे के बाद स्थानीय लोगों का गुस्सा बीसीसीएल प्रबंधन पर फूट पड़ा। लोगों का आरोप है कि वर्षों से खाली पड़े जर्जर आवास को गिराने की मांग की जाती रही, लेकिन कंपनी ने कोई कार्रवाई नहीं की। अगर समय रहते इन मकानों को तोड़ा जाता, तो लोगों की जान बच सकती थी। स्थानीय निवासियों ने इसे बीसीसीएल की घोर लापरवाही करार दिया है।
झरिया क्षेत्र लंबे समय से कोयला खदानों और जमीन धंसान की वजह से संकटग्रस्त इलाकों में गिना जाता है। ऐसे में बीसीसीएल के पुराने और खतरनाक आवास लोगों के लिए मौत का जाल बनते जा रहे हैं। स्थानीय लोग मृतकों के परिजनों के लिए मुआवजा और हर परिवार के एक-एक सदस्य को नौकरी देने की मांग कर रहे हैं।
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