झारखंड: मतदान के दिन आम लोगों की राय, ‘बीजेपी ने तंग कर रखा है, इनकी जगह अब कोई भी चलेगा’

झारखंड से आने वाली ग्राउंड रिपोर्ट संकेत दे रही हैं कि ऐसा ही है। झारखंडमें आज चार लोकसभा सीटों रांची, कोडरमा, खूंटी और हजारीबाग में मतदान हुआ। झारखंडमें मतदान प्रतिशत में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है, और बीजेपी के लिए अच्छी खबर नहीं है।

फोटो : Getty Images
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ऐशलिन मैथ्यू

इससे पहले जब 29 अप्रैल को झारखंड में मतदान हुआ तो तीन सीटों पर करीब 65 फीसदी वोट पड़े थे, जबकि 2014 में इन तीन सीटों पर मतदान प्रतिशत 57.4 फीसदी था। लेकिन आज (सोमवार, 6 मई) को चार सीटों पर मतदान 63 फीसदी पार कर गया था, जिसे चुनाव आयोग बाद और भी संशोधित कर सकता है।

बीजेपी को राज्य की सभी 12 सीटों पर जीत की उम्मीद है, लेकिन मतदान प्रतिशत में उछाल और ग्राउंड रिपोर्ट से संकेत मिल रहे हैं कि बीजेपी कम से कम आधी सीटें हार सकती है।

सोमवार के मतदान के दौरान हजारीबाग में मतदान केंद्रों के बाहर लंबी कतारें दिखीं। इस सीट से यशवंत सिन्हा के पुत्र और केंद्रीय मंत्री जयंस सिन्हा बीजेपी के उम्मीदवार हैं। हालांकि मोटे तौर पर कहा जा रहा है कि इस सीट को बीजेपी आसानी से जीत लेगी, लेकिन वोटरों की कतारें कुछ ही बयां कर रही थीं। इस सीट से कांग्रेस ने गोपाल साहू को उतारा है।

हजारीबाग में पांच विधानसभा क्षेत्र आते हैं, बाढ़ी, बड़कागांव, रामगढ़. मांडू और हजारीबाग। रांची में एक चुनाव विश्लेषक का कहना है कि रामगढ़ को छोड़कर बाकी सीटों पर मतदान प्रतिशत बहुत ज्यादा रहा है। इसी से संकेत मिलते हैं कि बीजेपी के लिए यहां से जीतना आसान नहीं होगा।

पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता अशोक वर्मा कहते हैं कि, “अधिक मतदान का होना बीजेपी के लिए अच्छी खबर नहीं है। और लोग जब ज्यादा तादाद में वोट करने आते हैं तो सत्ता के खिलाफ ही होता है। 2019 में इस बार खामोश मतदाता ही तय कर रहा है कि क्या होगा।”

उधर कोडरमा में पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी का मुकाबला बीजेपी की अन्नपूर्णा यादव से है, जो आरजेडी छोड़कर ऐन चुनाव के मौके पर बीजेपी में आए। यहां से बीजेपी विधायक रवींद्र यादव टिकट की उम्मीद लगाए बैठे थे, लेकिन उन्हें ठेंगा दिखा दिया गया। इससे भूमिहार वोटर काफी नाराज हैं। इसके अलावा यहां से सीपीआई-माले के राजकुमार यादव भी मैदान में हैं।

अशोक वर्मा बताते हैं कि, “कोडरमा के अलावा मरांडी को बाकी पांच विधानसभा क्षेत्रों बाड़कथा, धनवार, बगोडा, जमुआ और गांडे में बढ़त है। जमुआ तो अनुसूचित जाति की सीट है, और यहां के 70 फीसदी तो मरांडी को ही जाते दिख रहे हैं। ऐसा ही हाल बाकी जिलों का भी है।”

रही बात राजधानी रांची की तो यहां कांग्रेस के लिए मौका दिखता है। बीजेपी के मौजूदा सांसद रामतहल चौधरी को टिकट मिला नहीं है, उनके बदले बीजेपी ने बिजनेसमैन संजय सेठ को उतारा है। चौधरी अब निर्दलीय के तौर पर मैदान में हैं। इसी सीट से पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय मैदान में हैं जो 2004 और 2009 में यहां से जीत चुके हैं। लेकिन 2014 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।

कहा जा रहा है रांची लोकसभा सीट की 6 विधानसभा सीटों इच्छागढ़, हटिया, सिल्ली, रांची, खिजरी और कांके में से इच्छागढ़, सिल्ली और खिजड़ी में चौधरी बीजेपी को खासा नुकसान पहुंचा रहे हैं।

खूंटी सीट पर शुरु में माना जा रहा था कि बीजेपी के अर्जुन मुंडा को बढ़त है, लेकिन अब यहां से कांग्रेस के काली चरण मुंडा के पक्ष में माहौल दिखने लगा। एक स्थानी निवासी ने बताया कि, “लोगों को डराने धमकाने से लोग सरकार से तंग आ चुके हैं। खूंटी में जितने लोग नहीं हैं उससे ज्यादा सुरक्षा कर्मी दिख रहे हैं। वे किसी भी गांव वाले को उठा लेते हैं। आखिर कब तक लोग ये सब सहेंगे। बीजेपी के बजाय कोई भी चलेगा।”

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