केरलः बाढ़ में सैकड़ों की जान बचाने वाले जिनेश की हादसे में मौत, सड़क पर तड़पता रहा, लेकिन किसी ने नहीं की मदद

बीते दिनों केरल में आई भीषण बाढ़ के दौरान 100 से भी ज्यादा लोगों की जान बचाने वाले जिनेश जेरोन की एक सड़क हादसे में मौत हो गई। हादसे के बाद वह जख्मी हालत में काफी देर तक तड़पता रहा, लेकिन कोई भी मदद के लिए आगे नहीं आया।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

केरल बाढ़ के दौरान सैंकड़ों लोगों को देवदूत बनकर डूबने से बचाने वाले जिनेश जेरोन की 30 सितंबर को एक सड़क हादसे में मौत हो गई है। हादसा जिनेश के तिरुवनंतपुरम के पूंथूरा स्थित घर से 12 किमी की दूरी पर हुआ, जब वह अपने दोस्त के साथ मोटरसाइकिल से कहीं जा रहा था कि तभी एक ट्रक ने टक्कर मार दी जिससे वह सड़क पर फेंका गया और ट्रक ने उसे रौंद दिया। उसके दोस्त जगन ने बताया कि ट्रक ने जिनेश को कमर के नीचे बुरी तरह से कुचल दिया था, जिससे वह हिल भी नहीं पा रहा था। हादसे के बाद वह जख्मी हालत में काफी देर तक तड़पता रहा और लोगों से मदद की गुहार लगाता रहा, लेकिन किसी ने मदद नहीं की। हादसे के करीब आधे घंटे बाद एंबुलेंस आई, जिससे उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया।

जगन ने कहा कि कोई भी मदद के लिए नहीं रुका। उसने कहा, “कभी सोचा नहीं था कि जिनेश के साथ ऐसा होगा। वह हमेशा दूसरों की मदद के लिए तैयार रहता था। उसके इसी जज्बे ने हाल की बाढ़ में उसे हीरो बना दिया था।” जिनेश की मां सेल्वी ने बताया कि बाढ़ के वक्त जब चर्च नेलोगों को बचाने के लिए मछुआरों से अपील की थी, तब बिना वक्त गंवाए जिनेश अपने 6 दोस्तों के साथ नाव लेकर लोगों को बचाने के लिए निकल गया था। जिनेश की मौत की खबर पाकर तिरुवनंतपुरम के कांग्रेस सांसद शशि थरुर ने उसके अंतिम संस्कार में पहुंच कर श्रद्धांजलि दी।

केरलः बाढ़ में सैकड़ों की जान बचाने वाले जिनेश की हादसे में मौत, सड़क पर तड़पता रहा, लेकिन किसी ने नहीं की मदद

बाढ़ के दौरान जिनेश ने जिन लोगों की जान बचाई उनमें से कई लोगो उसकी मौत की खबर पाकर उसके घर पहुंचे और परिवार को हौसला दिया। कई लोगों ने इस घटना पर गहरा दुख जताया है। जिनेश बेहद गरीब परिवार से था, इसको देखते हुए कई लोगों ने अंतिम संस्कार के लिए परिवार की आर्थिक मदद की।

बाढ़ के दौरान जिनेश और उसके दोस्तों ने 100 से भी ज्यादा लोगों को बाढ़ के पानी से बचाकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया था। जिनेश एक मछुआरा था और बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित चेंगान्नूर जिले में मदद के लिए पहुंचने वाला सबसे पहला शख्स था। कोस्टल वैरियर के नाम का उसका समूह बाढ़ आने के बाद सरकार से भी पहले लोगों की मदद के लिए पहुंचने वाला समूह था। चेंगन्नूर में बाढ़ से लोगों को बचाने के उसके बहादुरी के किस्से मीडिया में आने के बाद वह इलाके में हीरो की तरह काफी चर्चित हो गया था। जिनेश को डांस करने और क्रिकेट खेलने का बहुत शौक था। 12वीं के बाद जिनेश ने अपने दो छोटे भाइयों को पढ़ाने के लिए मछुआरे का काम शुरू कर दिया था।

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