JNU Attack: पुलिस जांच पर कांग्रेस ने उठाए सवाल, कुलपति और पुलिस कमिश्नर को हटाने की मांग

जेएनयू में हुई हिंसा में दिल्ली पुलिस की जांच पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने जेएनयू के कुलपित और दिल्ली पुलिस कमिश्नर को हटाने की मांग करते हुए कहा कि पूरी घटना की न्यायिक जांच होनी चाहिए और जांच के दायरे में गृह मंत्री अमित शाह को भी लाया जाना चाहिए।

फोटोः सोशल मीडिया
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आसिफ एस खान

दिल्ली पुलिस द्वारा शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस कर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हुई हिंसा को लेकर किए गए दावों पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस ने पुलिस पर राजनीतिक दबाव के तहत काम करने का आरोप लगाया है। दिल्ली पुलिस की जेएनयू हिंसा में अब तक की जांच पर सवाल उठाते हुए पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता अजय माकन ने जेएनयू कुलपति और दिल्ली पुलिस कमिश्नर को तत्काल हटाने की मांग करते हुए कहा कि पूरी घटना की न्यायिक जांच होनी चाहिए और जांच के दायरे में गृह मंत्री अमित शाह को भी लाया जाना चाहिए।

कांग्रेस नेता अजय माकन ने कुछ विडियो और तस्वीरें पेश करते हुए पुलिस जांच पर सवाल खड़े किए और कहा सभी को उम्मीद थी कि दिल्ली पुलिस की जांच में न्याय दिखाई देगा, जो भी दोषी हैं उनके नाम बताए जाएंगे, जिन नकाबपोशों को लोगों ने टीवी पर देखा, उनकी पहचान की जाएगी और सामने लाई जाएगी। लेकिन दिल्ली पुलिस की जांच से उसकी निष्पक्षता पर प्रश्नचिन्ह लग गए हैं। घटना के वीडियो में दिख रहा है कि जैसे बारात से खाना खा के लोग आराम से निकलते हैं, वैसे ही जेएनयू में हमला करने वाले नकाबपोश हिंसा के बाद आराम से निकले। उन्होंने कहा कि खुद पुलिस इस पूरी घटना में शामिल दिख रही है।

अजय माकन ने घटना के सीसीटीवी फुटेज गायब कर दिए जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि आज दिल्ली पुलिस ने जेएनयू हिंसा के दिन 3.30 बजे की घटना पर पूरा फोकस करते हुए 9 संदिग्ध लोगों के नाम सामने रखे, लेकिन उसके बाद शाम से रात तक जो लोग वहां हिंसा कर रहे थे, उनके बारे में कुछ भी नहीं कहा। जिन छात्रों को पीटा गया, जो बुरी तरह घायल हुए, उसका पुलिस के पास कोई जवाब नहीं है। उन्होंने कहा कि एक तस्वीर में दिल्ली पुलिस जिस युवक को विकास पटेल बता रही है, असल में उसका नाम शिव मंडल है। इससे पुलिस की जांच पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं कि पुलिस की जांच निष्पक्ष नहीं है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पहले ही कहा है कि जेएनयू में हिंसा की घटना की निष्पक्ष न्यायिक जांच होनी चाहिए। हम फिर से मांग करते हैं कि इस मामले की न्यायिक जांच हो। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इस मामले में गृह मंत्री की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए।


गौरतलब है कि जेएनयू में हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने शुक्रवार को एक प्रेस कांफ्रेंस कर 9 संदिग्धों की तस्वीर जारी की और दावा किया कि जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष हमलावरों में से एक थीं। पुलिस द्वारा हिंसा के लिए संदिग्ध बताए गए 9 में से 7 छात्र वामपंथी छात्र संगठनों से जुड़े हैं जबकि इनमें से दो दक्षिणपंथी छात्र संगठन एबीवीपी से जुड़े हैं। पुलिस द्वारा जारी तस्वीरों में चुनचुन कुमार, पंकज मिश्रा, आईशी घोष (जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष), वास्कर विजय, सुचेता तालुकदार, प्रिया रंजन, डोलन सामंता, योगेंद्र भारद्वाज और विकास पटेल के नाम शामिल हैं।

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